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क्या आपका थायराइड धीमा कर रहा है मेटाबॉलिज्म? डॉक्टर से जानें संकेत

थायराइड ग्रंथि को शरीर का मेटाबॉलिक इंजन कहा जाता है, क्योंकि यह तय करती है कि हमारा शरीर भोजन को कितनी तेजी से एनर्जी में बदलता है। यहां जानिए, थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म स्लो होने के संकेत क्या हैं?
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क्या आपका थायराइड धीमा कर रहा है मेटाबॉलिज्म? डॉक्टर से जानें संकेत


थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर का एक बहुत छोटा लेकिन बेहद जरूरी हिस्सा है, जो गले के निचले हिस्से में स्थित होती है। इसे शरीर का मेटाबॉलिक इंजन कहा जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर की एनर्जी और चयापचय (Metabolism) की रफ्तार को कंट्रोल करती है। यानी, हम जो भोजन खाते हैं, उसे शरीर कितनी तेजी से एनर्जी में बदलता है, यह सब थायराइड हार्मोन के लेवल पर निर्भर करता है। जब यह ग्रंथि ठीक से काम करती है तो शरीर एक्टिव, एनर्जेटिक और संतुलित रहता है, लेकिन जब थायराइड हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, तो शरीर की सारी प्रक्रियाएं धीमी पड़ने लगती हैं। इस स्थिति को हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है। इस लेख में फोर्टिस हॉस्पिटल, बैनरघट्टा रोड, बेंगलुरु की एंडोक्राइनोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अनुषा एन. डी. (Dr Anusha N D, Consultant- Endocrinology, Fortis Hospital, Bannerghatta Road, Bengaluru) से जानिए, थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म स्लो होने के संकेत क्या होते हैं?

थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म स्लो होने के संकेत - Warning Signs Thyroid Slowing Metabolism

एंडोक्राइनोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. अनुषा एन. डी. बताती हैं कि थायराइड का धीमा पड़ना शरीर की लगभग हर क्रिया को प्रभावित कर सकता है, चाहे वह पाचन तंत्र हो, स्किन, बाल, हार्ट या मानसिक स्वास्थ्य। यही कारण है कि कई बार लोग थायराइड के शुरुआती लक्षणों को सामान्य थकान, तनाव या बढ़ते वजन के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन असल में ये लक्षण शरीर के मेटाबॉलिज्म के धीमा होने के संकेत होते हैं। डॉ. अनुषा एन. डी. का कहना है, ''थायराइड का सही समय पर इलाज करवाना न केवल हार्मोनल संतुलन बहाल करता है, बल्कि शरीर की नेचुरल एनर्जी और मेटाबॉलिज्म को भी सामान्य बनाता है।''

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1. अचानक वजन बढ़ना और थकान महसूस होना

हाइपोथायराइडिज्म के शुरुआती संकेतों में सबसे आम है, बिना किसी खास वजह के वजन बढ़ना। कई बार व्यक्ति अपनी डाइट और एक्सरसाइज रूटीन में कोई बदलाव नहीं करता, फिर भी वजन बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब थायराइड हार्मोन कम बनने लगते हैं, तो शरीर रेस्टिंग फेज में भी कम कैलोरी बर्न करता है। यानी आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इसके साथ ही दिनभर थकान, कमजोरी और नींद आने जैसी शिकायतें भी बढ़ जाती हैं।

2. स्किन और बालों में बदलाव

थायराइड की गड़बड़ी का असर केवल शरीर की एनर्जी पर ही नहीं, बल्कि आपकी स्किन और बालों पर भी साफ नजर आता है। डॉ. अनुषा बताती हैं कि ड्राई स्किन, बालों का झड़ना, भंगुर या टूटने वाले बाल, ये सभी संकेत मेटाबॉलिज्म के धीमे होने से जुड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब शरीर की ब्लड सर्कुलेशन क्रिया और कोशिकाओं की पुनर्निर्माण गति धीमी पड़ जाती है, तो स्किन रूखी और बाल बेजान होने लगते हैं।

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3. ठंड के प्रति संवेदनशीलता और कब्ज

थायराइड हार्मोन शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में भी भूमिका निभाते हैं। जब ये हार्मोन कम बनते हैं, तो व्यक्ति को सामान्य तापमान पर भी ज्यादा ठंड लगने लगती है। कई बार हाथ-पैर ठंडे रहते हैं या ठंडी जगहों पर असहजता महसूस होती है। इसके अलावा, कब्ज की समस्या भी आम हो जाती है क्योंकि पाचन प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है। यह भी मेटाबॉलिक सिस्टम के धीमे होने का संकेत हो सकता है।

4. चेहरे पर सूजन और आंखों के आसपास फुलाव

थायराइड की कमी का एक और आम लक्षण है, चेहरे पर सूजन या पफीनेस, खासकर आंखों के आसपास। यह सूजन शरीर में फ्लूइड रिटेंशन के कारण होती है। कई बार लोग इसे नींद की कमी या सामान्य थकान समझ लेते हैं, जबकि यह थायराइड असंतुलन का संकेत हो सकता है।

warning signs thyroid slowing metabolism

5. महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और फर्टिलिटी संबंधी दिक्कतें

हाइपोथायराइडिज्म का असर महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस पर भी पड़ता है। डॉ. अनुषा बताती हैं कि जिन महिलाओं में थायराइड हार्मोन की कमी होती है, उनमें मासिक धर्म अनियमित, ज्यादा या बहुत हल्की ब्लीडिंग और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। यह स्थिति गर्भधारण की संभावना को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. मूड और याददाश्त पर असर

थायराइड हार्मोन केवल शरीर के कार्यों को नहीं, बल्कि दिमाग के कार्यों को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए जब ये हार्मोन कम बनने लगते हैं, तो व्यक्ति में लो मूड, एकाग्रता में कमी, और याददाश्त कमजोर पड़ना जैसे लक्षण उभर सकते हैं। कई बार इन लक्षणों को लोग तनाव या डिप्रेशन समझ लेते हैं, जबकि असली वजह थायराइड असंतुलन होता है।

कैसे करें जांच

अगर आपको इन लक्षणों का मिश्रण महसूस हो रहा है, जैसे वजन बढ़ना, थकान, ठंड लगना, या कब्ज तो डॉ. अनुषा सलाह देती हैं कि तुरंत थायराइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) करवाना चाहिए। यह एक साधारण खून की जांच है, जो यह बताती है कि आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का लेवल सामान्य है या नहीं।

निष्कर्ष

हाइपोथायराइडिज्म का पता शुरुआती अवस्था में लग जाए, तो यह पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। सही दवा और नियमित चेकअप्स के जरिए मरीज अपना हार्मोनल संतुलन और मेटाबॉलिक रफ्तार वापस पा सकता है। साथ ही, हेल्दी डाइट, नियमित नींद और हल्की एक्सरसाइज इस स्थिति में सुधार लाने में मदद करती हैं। अगर आपको थायराइड से जुड़े ये संकेत दिखाई दें, तो उन्हें हल्के में न लें, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से परामर्श लेकर समय रहते सही कदम उठाएं।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • हाइपोथायराइडिज्म क्या है?

    हाइपोथायराइडिज्म वह स्थिति है जिसमें थायराइड हार्मोन का लेवल शरीर में कम हो जाता है। इसके कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ना, थकान, कब्ज, ठंड के प्रति संवेदनशीलता और बालों के साथ-साथ स्किन की समस्याएं जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • थायराइड का पता कैसे लगाया जा सकता है?

    थायराइड फंक्शन टेस्ट (TFT) जैसे TSH, T3 और T4 की जांच से थायराइड का लेवल पता लगाया जा सकता है। यह एक आसान और प्रभावी तरीका है।
  • क्या थायराइड सिर्फ महिलाओं को ही प्रभावित करती है?

    थायराइड पुरुषों और बच्चों में भी हो सकती है, लेकिन यह महिलाओं में ज्यादा आम है। इसलिए पुरुष हो या महिला सभी को थायराइड के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 14, 2025 12:30 IST

    Modified By : Akanksha Tiwari
  • Oct 14, 2025 12:30 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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