Mudra To Regulate Thyroid Imbalance: आजकल ज्यादातर लोग थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं। थायराइड हार्मोन के असंतुलन से जुड़ी एक समस्या है। यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। थायराइड एक तरह की एंडोक्राइन ग्रंथि है जो हार्मोन को बनाती है। जब थायराइड हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है तब थायराइड के लक्षण नजर आने लगते हैं। पहले ऐसा माना जाता था कि थायराइड असंतुलन की समस्या सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को होती है, या उन लोगों को होती है जिनका वजन बहुत कम या अधिक है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वर्तमान समय में कम उम्र में भी लोग शरीर में थायराइड संतुलन बिगड़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में कुछ सामान्य बदलाव और शारीरिक गतिविधियों के साथ थायराइड अंसुलन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
योगा एंड वेलनेस कोच और सर्टिफाइड योगा टीचर संगीता की मानें तो कुछ योग मुद्राओं का अभ्यास थायराइड असंतुलन को रेगुलेट करने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको थायराइड असंतुलन को रेगुलेट करने के लिए 3 योग मुद्राओं (Mudra To Regulate Thyroid Imbalance In Hindi) के बारे में बता रहे हैं।
शरीर में थायराइड अंसुलन होने पर क्या होता है?
अगर शरीर में थायराइड का संतुलन बिगड़ता है तो वजन बढ़ने या घटने की समस्या होती है, महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, अनिद्रा की समस्या, चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस, ज्यादा पसीना आना, बालों का पतला होना आदि जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसलिए शरीर में थायराइड के संतुलन को बनाए रखना आवश्यक है।
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थायराइड असंतुलन रेगुलेट करने के लिए मुद्राएं (Mudra to regulate thyroid imbalance In Hindi)
1. उदान मुद्रा का अभ्यास करें
उदान मुद्रा का अभ्यास करने से थाइराड संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। इस मुद्रा में अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी तत्वों का संयोग शामिल है।
कैसे करें
- सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाये
- फिर अपने दोनों हाथों की तजर्नी अंगुली को छोड़कर बाकि तीनों अंगुलियों को अंगूठे के टिप से आपस में मिलाइए।
- इसका नियमित रूप से रोजाना पांच मिनट तक अभ्यास करें।
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2. प्राण मुद्रा का अभ्यास करें
प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर में हार्मोन्स के संतुलन और मन को शांत करने में मदद मिलती है। इसका अभ्यास थाइराइड रोगियों के लिए भी बेहद लाभकारी है।
कैसे करें
- प्राण मुद्रा करने के लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं
- अब आपको अंत की दो उंगलियों को अंगूठे से जोड़ना है।
- इस मुद्रा को आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं।
- आपको इस मुद्रा का अभ्यास कम से कम 10 मिनट तक करना है।
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3. शून्य मुद्रा का अभ्सास करें
थायराइड के संतुलन के लिए तीसरी मुद्रा जिसका अभ्यास कर सकते हैं वह है शून्य मुद्रा। इस मुद्रा का अभ्यास गले के रोग एवं थायराइड रोगों को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
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कैसे करें
- शून्य मुद्रा को करने के लिए सबसे पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठ जाएं।
- अपनी रीढ़ की हड्डी, पीठ और गर्दन को एकदम सीधा रखें और तनाव मुक्त होकर बैठें।
- अपनी दोनों हथेलियों को अपने घुटनों पर रख लें। हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
- अपनी बीच वाली उंगुली को हथेली की तरफ मोड़ें। इसके ऊपर अपने अंगूठे को रखें। दूसरी सारी उंगुलियों को सीधा रखें।
- अपनी आंखों को धीरे-धीरे बंद कर लें।
- इस दौरान आपको अपना ध्यान सांसों पर लगाना होता है। सांसों की गति सामान्य रखें।
- लगभग 5-15 मिनट तक इस अवस्था में रह सकते हैं। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ सकते हैं।
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