खराब खाना खाने और कम पानी पीने की वजह से हमारे शरीर में मिनरल और साल्ट जमा हो जाते हैं। जिस कारण किडनी में पथरी बन जाती है। ये किसी भी सामान्य व्यक्ति को हो सकती है। किडनी की पथरी हमारे मूत्र के मार्ग में रुकावट करती है। वैसे भी किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है यह शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में हमारी मदद करती हैं और शरीर में गंभीर रोगों का घर होने से बचाती है। इसलिए किडनियों की हेल्थ ठीक रहना बहुत जरूरी है। शरीर में ब्लड से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने के लिए ज्यादा मात्रा मे पानी या तरल पदार्थ पीने चाहिए, क्योंकि इससे किडनी में पथरी बनने से रोका जा सकता है। आप में से बहुत सारे लोग इस दुविधा में होंगे कि क्या किडनी के मरीजों को योग करना चाहिए? किडनी की पथरी में कौन से योगासन करने चाहिए।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
- ज्यादा पसीना आना
- कमर में दर्द होना
- पेशाब करने के समय पेशाब के साथ ब्लड आना
- पेट के साइड वाली जगह पर दर्द होना।
- बार बार उल्टी आना और जी खराब होना।
जैसे ही आप इन लक्षणों को देखते हैं तो घरेलू इलाज ना अपनाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। किडनी की पथरी को हल्के में लेने से यह आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकती है। किडनी की पथरी किसी भी उम्र के लोगो को हो सकती है। इसके लिए समय पर डॉक्टर से इलाज करा लेना चाहिए।
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किडनी की पथरी में करें ये योगासन
योग करना किडनी की पथरी के लिए लाभ दायक है। निम्न योग किडनी की पथरी के दौरान किये जा सकते हैं।
बद्ध कोणासन
बद्ध कोणासन यानी कोब्ब्लर पोज। इस आसन को बैठ कर किया जाता है और इस आसन को करने से पेट, जांघे और कूल्हों की मांसपेशियां खिंचती हैं। इस आसन को करने से आपके जोड़ों में एनर्जी आती है और डाइजेशन सुचारू रूप से चलता है। रोजाना इस आसन को करने से आपकी ओवरऑल बॉडी हेल्थ ठीक रहती है और शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है।
ऊष्ट्रासन
यह आसन ऊंट मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह किडनी की पथरी को ठीक करने के लिए बहुत लाभदायक हैं क्योंकि इस आसन को करने से हमारे गुर्दों को स्वस्थ आक्सीजन मिलती है और किडनी से खराब पदार्थ को बाहर निकलने में भी यह आसन मदद करता है।
उत्तानपादासन
इस आसन को करने से शरीर को बहुत लाभ मिलता है। यह आसन पेट के निचले हिस्से, कमर और पैरो को मजबूत करने में मदद करता है। हमारी मांसपेशियों को सिकुड़ने से बचाता है, जिससे हमारी मांसपेशियां मजबूत होती है जो कि किडनी और दिल को अच्छी तरह से काम करने में मदद करती हैं।
पवनमुक्तासन
इस आसन को करने से किडनी को स्वस्थ हवा मिलती है। यह आसन शरीर में खाना पचाने वाले कार्य को तेज करने में मदद करता है। इसे करने से कब्ज से भी छुटकारा मिल सकता है। पवनमुक्तासन किडनी की पथरी को ठीक करने में भी मदद करता है।
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भुजंगासन
इस आसन को कोबरा की मुद्रा वाला आसन भी कहते हैं। जब इस आसन को करते है तो व्यक्ति का शरीर कोबरा जैसा दिखाई देता है। यह आसन हमारे पेट के अंगो को मजबूत करता है और किडनी के काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। भुजंगासन शरीर में ब्लड के सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करता है।
धनुरासन
इस आसन को बो पोज वाली मुद्रा के रूप में जाना जाता है और यह आसन किडनी के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। यह आसन हमारी किडनी के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है और किडनी में पथरी को खत्म करने में मदद करता है।
गरुड़ासन
यह आसन हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। हमारे शरीर की पेट की निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर में ब्लड के सर्कुलेशन को बढ़ा, किडनी के कार्य को बढ़ाने में भी ये आसन मदद करता है।
रोजाना इन आंसुओं को करने से किडनी से संबंधित परेशानियां कम होती हैं। बॉडी में फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है और टॉक्सिन शरीर से बाहर आसानी से निकल पाते हैं। फिर भी किसी भी तरह की दिनचर्या में बदलाव से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।