शरीर में किडनी रक्त से बेकार पदार्थों को बाहर निकालती है। लेकिन जब किडनी से विषाक्त पदार्थ नहीं निकलते हैं तब किडनी संबंधी परेशानियां आने लगती हैं। जब भी कमर के पीछे दर्द हो तो जांच करा लेनी चाहिए। योग करने से किडनी के कई रोग दूर रहते हैं। आजकल योग की महत्ता इतनी है कि योग दिवस मनाया जाने लगा है। किडनी की समस्याएं हाइपरटेशन और मधुमेह की वजह से भी होती हैं। जब किडनी में किसी तरह की दिक्कत आने लगती है तो मूत्र संबंधी परेशानियां भी सामने आने लगती हैं। तो वहीं, पाचन भी कमजोर हो सकता है। तो आज इस लेख में किडनी या गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए कौन से योगासन करने चाहिए, इसके बारे में इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार से विस्तार से जानेंगे। साथ ही इन योग को करने का तरीका और सावधानियों के बारे में भी जानेंगे।
स्वस्थ गुर्दे के लिए योग (Yoga asanas for kidney)
धनुरासन
धनुरासन करने से हमारी किडनी स्वस्थ रहती है। यह आसन हमारे पेट की चर्बी को कम करता है। साथ ही साथ हमारे कमर वाले हिस्से को मजबूती प्रदान करता है। पेट और किडनी में रक्त के संचार को बढ़ा देता है। यह रक्त संचार किडनी के लिए लाभदायक है। रक्त संचार बढ़ने की वजह से किडनी के फंक्शन अच्छे से काम करते हैं। जिन लोगों को किडनी में पथरी होती है, उसके दर्द को कम करता है।
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करने का तरीका
- -पेट के बल मैट पर लेट जाएं।
- -अपने दोनों पैरों को मो़ड़ लें।
- -अपने दोनों हाथों को साइड से खोलते हुए अपने पंजों को पकड़ लें।
- -सांस भरते हुए अपने छाती वाले हिस्से को और अपने जंघा वाले हिस्से को जमीन से ऊपर उठाएं।
- -सारा बैलेंस पेट पर लगाने का प्रयास करें।
- -इस आसन में 15-20 सेंकेंड होल्ड करें।
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भुजंगासन
भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। कमर को मजबूती प्रदान करता है। जिन लोगों को किडनी से संबंधित परेशानियां हैं, वे इस आसन को करने से सही हो जाती हैं। इससे भी पेट वाले एरिया में रक्त संचार बढ़ता है जिससे किडनी स्वस्थ रहती है। ये हमारे किडनी के फंक्शन को दुरुस्त करता है। साथ ही साथ जिन लोगों को मूत्र संबंधी परेशानियां हैं, उस कमी को भी दूर करता है।
- करने का तरीका
- -पेट के बल लेट जाएं।
- -दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें।
- -अपने दोनों हाथों की हथेलियों को कंधे के नीचे रख दें।
- -कंधों में पीछे की ओर खिंचाव दें।
- -सांस भरते हुए अपनी छाती वाली हिस्से को ऊपर उठाएं।
- -नाभि तक ही उठाएँ। पेट वाला हिस्सा जमीन पर रहेगा।
- -सांस छोड़ते हुए सावधानी से वापस आ जाएं।
- -इस आसन में 20 सैकेंड होल्ड करें। अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो 5 से 10 सैकेंड ही होल्ड करें।
मंडूक आसन
मंडूक आसन करने से हमारी रीढ़ की हड्डी को फायदा मिलता है। उसमें लचीलापन आता है। जिसके कारण हमारी किडनी पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है और किडनी अच्छे से काम कर पाती है। जिन लोगों को पथरी है उन लोगों के लिए यह आसन अत्यंत लाभकारी है।
करने का तरीका
- -दोनों घुटनों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं।
- -कमर व गर्दन को सीधा रखें।
- -अपने दोनों हाथों से मुट्टी बंद कर लें। अंगूठा अंदर रहेगा।
- -अपनी दोनों मुट्ठियों के रूट को नाभि के अगल-बगल रखें।
- -लंबा गहरा सांस भरें। सांस छोड़ते हुए अपने माथे को जमीन से लगा दें।
- -इस आसन में 15-20 सेकेंड होल्ड करें।
- -अपनी दोनों मुट्ठियों से पेट पर दबाव डालें।
- -सांस भरते हुए वापस आ जाएं। विश्राम करें।
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उष्ट्रासन
उष्ट्रासन करने से किडनी संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। यह किडनी के फंक्शन को अच्छा करता है। साथ ही साथ हमारे पेट वाले हिस्से को मजबूती प्रदान करता है। किडनी व उसके आसपास रक्त संचार को बढ़ाता है। जिसके कारण हमारी किडनी से विषाक्त पदार्थ पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर आ जाते हैं। जिन लोगों को कब्ज या अपच की समस्या होती है, उनके लिए भी यह आसन अत्यंत लाभकारी है।
करने का तरीका
- -दोनों घुटनों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं। एक सामान्य सांस लेते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- -दोनों घुटनों में कंधे के बराबर दूरी बनाएं।
- -अपने दोनों हाथों को एक-एक करके उठाते हुए अपने शरीर में पीछे की ओर झुकाव दें और अपने पंजों को पकड़ लें।
- -सामान्य सांस लेते हुए वापस आ जाएं और कुछ देर विश्राम करें।
पवन मुक्तासन
इस आसने करने से जिन लोगों को गुदा मांसपेशियों (Anal mussal) की दिक्कत है उसे यह आसन ठीक करता है। यह हमारे उदर संबंधी सभी रोगों को दूर करता है। जैसे जिन लोगों को किडनी संबधी समस्याएं हैं, जैसे पेशाब का आना, किडनी वाले हिस्से में दर्द होना, किडनी का स्टोन, इन सभी समस्याओं में यह आसन फायदेमंद है। साथ ही साथ हमारी रीढ़ की हड़्डी व पेट वाले हिस्से में लचीलापन लाता है। साथ ही साथ जिन लोगों को कब्ज और अपच की दिक्कत रहती है उन लोगों के लिए यह आसन औषधी समान है। यह आसन हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
करने का तरीका
- -पीठ के बल अपनी मैट पर लेट जाएं।
- -दोनों पैरों को जोड़ लें।
- -अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए अपनी दोनों जंघाओं को पेट से चिपका लें।
- -दोनों हाथों से पैरों को अच्छे से पकड़ लें और पेट की तरफ दबाव बनाएं।
- -सामान्य सांस लेते हुए वापस आ जाएं।
- -इस आसन में 20-25 सेकेंड होल्ड करें।
सावधानियां
- जिन लोगों को हार्निया की दिक्कत है उन्हें पवनमुक्तास, उष्ट्रासन नहीं करना है।
- जिन लोगों को घुटने संबंधी परेशानियां हैं, वे उष्ट्रासन न करें।
- जिन लोगों को अल्सर, हार्निया, एंकल व घुटनों में दिक्कत है, वे मंडुकासन न करें।
- गर्भवती महिलाएं भुजंगासन न करें। साथ ही साथ जिनको पीठ दर्द है वे दोनों पैरों को खोलकर ही भुजंगासन करें।
- जिन लोगों को हाईबीपी की समस्या है वे उष्ट्रासन किसी के दिशानिर्देश में करें।
किडनी को स्वस्थ रखने से शरीर के कई रोग ठीक होते हैं। किडनी को दुरुस्त रखने में योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पर इन सभी योगासनों को ध्यानपूर्वक करना चाहिए। हो सके तो किसी विशेषज्ञ की सलाह ले लें।
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