Tea slow down metabolism: चाय के बिना हम में से कई लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होती। कुछ लोग तो दिनभर में 3 से 4 चाय पीते हैं। लेकिन, चाय में निकोटिन होता है जिसकी लत लोगों को आसानी से लग जाती है। निकोटिन का असर हमारे नर्व्स पर कुछ ऐसा होता है कि जब शरीर में इसकी कमी होती है तो लगता है कि मानों तनाव बढ़ गया हो। लोगों को बैचेनी और सिर दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा भी चाय पीने के कई नुकसान हैं जिस बारे में खूब बात हो रही है। लेकिन, आप हम बात करेंगे कि चाय पीने से हमारा मेटाबॉलिज्म कैसे प्रभावित होता है। चाय का हमारे मेटाबॉलिक रेट पर कैसा असर होता है, इन तमाम चीजों के बारे में जानकारी के लिए हमने बात की Ms. Edwina Raj, Head of Services - Clinical Nutrition & Dietetics, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
क्या चाय पीने से आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है-Does drinking tea slow down metabolism?
चाय की खपत और मेटाबॉलिज्म के बीच का संबंध स्वास्थ्य के प्रति उत्साही और शोधकर्ताओं के बीच काफी दिलचस्पी का विषय है। जबकि कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ प्रकार की चाय, विशेष रूप से ग्रीन टी, अपने कैफीन और कैटेचिन सामग्री के कारण चयापचय दर को बढ़ा सकती है। तो अन्य लोग चाय के विशिष्ट संदर्भों में चयापचय को धीमा करने की क्षमता के बारे में चिंता जताते हैं। जैसे की दूध वाली चाय जो आपके मेटाबॉलिज्म को स्लो भी कर सकती है।
उदाहरण के लिए, कुछ हर्बल चाय का अत्यधिक सेवन, जिसमें ऐसे यौगिक हो सकते हैं जो हार्मोनल संतुलन या पाचन प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकते हैं, सैद्धांतिक रूप से चयापचय में कमी ला सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जिस तापमान पर चाय पी जाती है और भोजन के संबंध में सेवन का समय भी इस बात में भूमिका निभा सकता है कि यह चयापचय गतिविधि को कैसे प्रभावित करता है।
इसे भी पढ़ें: Constipation: कब्ज की समस्या होने पर पिएं ये 5 तरह की हर्बल चाय, पाचन क्षमता में होगा सुधार
चाय मेटाबॉलिज्म को कैसे प्रभावित कर सकती है-Potential Causes of Tea Affecting Metabolism
चाय मेटाबॉलिज्म को कैसे प्रभावित कर सकती है, इसके पीछे कई कारक हो सकते हैं। दरअसल, हर कारक हर किसी के शरीर और आंतों की गति और गट बैक्टीरिया को अलग तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। जैसे कि
- -चाय का प्रकार: सबसे पहले तो चाय प्रकार, आपके मेटाबॉलिज्म को अलग तरीके से प्रभावित कर सकती है। जैसे कि काली, हरी या हर्बल चाय, चयापचय पर अलग-अलग प्रभाव डाल सकती हैं।
- -दूध वाली चाय: दूध वाली चाय आपके पेट को गर्म करने के साथ पित्त की समस्या बढ़ा सकती है। यह पेट के पीएच को बदल सकती है और मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकती है जिससे लोगों ब्लोटिंग, एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है।
- -कैफीन की मात्रा: चाय में कैफीन की उच्च मात्रा घबराहट, चिंता और संभावित रूप से चयापचय को धीमा कर सकती है।
- -कैटेचिन: ग्रीन टी में पाए जाने वाले कैटेचिन की उच्च खुराक कुछ दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकती है या चयापचय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- -पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा: कुछ चाय पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं, जो संभावित रूप से चयापचय को प्रभावित करती हैं और मेटाबॉलिज्म स्लो कर सकती है।
- -चाय में चीनी की मात्रा और मलाई आदि की मिलावट: चाय में बड़ी मात्रा में चीनी, शहद या क्रीम मिलाने से कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है और मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- -ज्यादा चाय पीना: अगर आप दिनभर में दो या इससे ज्यादा चाय पीते हैं तो यह कई न्यूट्रिएंट्स और विटामिन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: भूख बढ़ाने और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के लिए फायदेमंद हैं ये 3 हर्बल चाय, जानें रेसिपी और सेवन का तरीका
कुछ लोगों का मेटाबॉलिज्म, चाय के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। इस वजह चाय पीने के बाद उनके मेटाबॉलिज्म पर गहरा असर दिख सकता है। जैसे कि चाय से उनकी भूख मर सकती है। पाचन क्रियाओं से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा चाय बनाने का तरीका कुछ यौगिकों और पोषक तत्वों के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से भी मेटाबॉलिक रेट प्रभावित हो सकता है। अंत में चाय कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकती है, जिससे चयापचय प्रभावित हो सकता है।
मेटाबॉलिज्म सही रखने के लिए चाय कैसे पिएं-Managing Tea Consumption for Good Metabolism
सबसे पहले तो कभी भी खाली पेट चाय पीने से बचें। इसके अलावा अगर आप दूध वाली चाय पी रहे हैं तो 1 कप लें और दिनभर में 1 बार लें। खाली पेट या खाने तुरंत पहले या बाद में चाय लेने से बचें। चाय, थोड़ी मात्रा से शुरू करें और इसके हेल्दी विकल्प जैसे ग्रीन टी या नींबू की चाय आदि का चुनाव करें। इसके अलावा एक सही तरीका यह भी है रोज एक चाय न पिएं। हर दिन एक अलग चाय पिएं। इससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा और न ही आपको चाय की आदत लगेगी।
हालांकि, अगर आपको चाय पीने के बाद कोई दिक्कत हो रही है या फिर सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो चाय पीना बंद करें और डॉक्टर या डाइट एक्सपर्ट से बात करें। क्योंकि हर शरीर अलग होता है और इसके लिए खाने की अलग-अलग चीजें, अलग तरीके से काम कर सकती हैं।
FAQ
चाय पीने से शरीर में क्या दिक्कत होती है?
चाय पीने से शरीर के आंतों और गट हेल्थ को गहरा नुकसान होता है। यह पेट के पीएच को भी प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा यह स्किन के टैक्सचर और बनावट को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा भी पित्त की दिक्कत जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए चाय पीने से बचें।चाय छोड़ने से क्या फायदा होता है?
चाय छोड़ने से पहले तो आप आलसी जैसा लग सकता है लेकिन फिर आपकी भूख बढ़ेगी। शरीर का सूजन और ब्लोटिंग की समस्या कम होगी और तमाम फायदे पा सकते हैं।1 दिन में कितनी बार चाय पीनी चाहिए?
1 दिन में मात्रा 1 से 2 बार ही चाय पिएं। ज्यादा मात्रा में चाय पीना आपके और आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।