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गलत सोने की आदत बन सकती है जोड़ों के दर्द की वजह, डॉक्टर से जानें सोने की सही पोजीशन

Sleeping Positions for Joint Pain: अगर सोने की पोजीशन सही हो, तो जोड़ों में दर्द की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सोने की पोजीशन कौन सी होनी चाहिए? जानें इस लेख में डॉक्टर से विस्तार में।

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गलत सोने की आदत बन सकती है जोड़ों के दर्द की वजह, डॉक्टर से जानें सोने की सही पोजीशन


Sleeping Positions for Joint Pain: आजकल जोड़ों का दर्द हर उम्र में आम होता जा रहा है और लोगों को इसके कारण खराब बैठने-उठने की पॉजीशन, खड़े होने की स्थिति और खानपान लगता है, लेकिन अगर आपके सोने की स्थिति और गद्दे खराब है, तो शरीर पर इसका प्रेशर पड़ता है। इससे जोड़ों की दर्द की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए हमने फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के आर्थोपेडिक एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. सुमित बत्रा (Dr Sumit Batra, Orthopaedics & Joint Replacement Surgeon, Marengo Asia Hospitals, Faridabad) से बात की। उन्होंने सोने की स्थिति के साथ लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने की सलाह दी है।

जोड़ों के दर्द से बचने के लिए सही सोने की स्थिति

डॉ. सुमित बत्रा ने कहा कि जोड़ों के दर्द को कम करने में सोने की स्थिति काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस खास सोने की पोजीशन्स से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है।

सीधा सोना

सबसे सेफ और आरामदायक स्थिति कमर के बल सीधे सोना है। इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी पर समान रूप से प्रेशर पड़ता है और शरीर के सभी जोड़ आराम की स्थिति में रहते हैं। इसके साथ इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप सीधे सोते हैं, तो घुटनों के नीचे एक छोटा तकिया रख लें। इससे घुटने करीब 15–20 डिग्री तक मुड़े रहेंगे, जो घुटने के जोड़ के लिए सबसे बेस्ट स्थिति मानी जाती है। यह न सिर्फ जोड़ों का स्ट्रेस कम करता है बल्कि पीठ के लोअर बैक पर भी दबाव घटाता है।

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करवट लेकर सोना

कई लोगों की आदत करवट लेकर सोने की होती है। जो लोग करवट लेकर सोते हैं, उन्हें गर्दन गर्दन और कंधे के बीच के गैप को भरने के लिए सपोर्टिव तकिया इस्तेमाल करना चाहिए। इससे गर्दन सीधी रहती है और मांसपेशियों पर दबाव नहीं पड़ता। साथ ही, घुटनों के बीच में एक पतला तकिया रखने से दोनों पैरों में रगड़ या दबाव नहीं होता, जिससे सुबह उठते समय दर्द या जकड़न की समस्या नहीं होती।

सर्जरी के बाद मरीजों के सोने की पोजीशन

जिन मरीजों का खासतौर से घुटनों का रिप्लेसमेंट हुआ है, उन्हें सीधा लेटने और हल्का मुड़ा घुटना रखने की सलाह दी जाती है। यह सभी के लिए सबसे सेफ पोजीशन है।

सोते समय किन पोजीशन में नहीं सोना चाहिए?

डॉ. सुमित बत्रा कहते हैं, “लोगों को पेट के बल नहीं सोना चाहिए। यह सोने की सबसे खराब पोजीशन है। इसमें गर्दन एक ओर झुकी रहती है, जिससे नेक पेन और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, रीढ़ की हड्डी सही नहीं रहती, जिससे कमर और कंधों पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है। अगर कोई सख्त सतह पर उल्टा लेटा है, तो लेटने से घुटनों और कूल्हों में घर्षण भी हो सकता है। इसलिए मैं सभी को पेट के बल सोने की आदत छोड़ने की सलाह देता हूं।”

सोते समय किन बातों का ध्यान रखें?

डॉ. सुमित बत्रा ने सोते समय कुछ बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया है।

गद्दे का ध्यान - जोड़ों के दर्द में गद्दे भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर गद्दा बहुत सॉफ्ट होता है, तो शरीर को सही से सपोर्ट नहीं मिलता और समय के साथ धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी मुड़ जाती है। अगर गद्दा बहुत ज्यादा सख्त होता है, तो भी शरीर पर दबाव बढ़ जाता है। इसलिए मीडियम-फर्म के गद्दे लेने चाहिए। धंसे हुए गद्दे को रेगुलर बदलते रहना चाहिए।

कमरे का तापमान - कमरे का टेम्परेचर हल्का गर्म होना चाहिए। ज्यादा ठंड में सोने से जोड़ों की जकड़न बढ़ जाती है। अक्सर जो लोग सर्दी में दर्द की शिकायत करते हैं, उनका कारण गलत पोश्चर नहीं, बल्कि ठंडा तापमान होता है।

सुबह उठने से पहले स्ट्रेचिंग करें - सुबह उठते ही हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से शरीर के जोड़ों में लचीलापन आता है। बिस्तर से उठने से पहले 2–3 मिनट तक शरीर में हल्का खिंचाव करें। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मॉर्निंग स्टिफनेस कम होती है।

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सोने के साथ बैठने की सही पोजीशन जरूरी

डॉ. सुमित ने बताया कि केवल सोने की नहीं, बल्कि बैठने की आदतें भी जोड़ों की सेहत पर असर डालती हैं।

  • उकड़ू बैठना (Squatting) - इस स्थिति में घुटनों पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ खासकर बुजुर्गों को इसे अवॉइड करना चाहिए।
  • आलती-पालती मारकर बैठना - यदि शरीर में लचीलापन नहीं होता, तो पोजीशन में बैठने से घुटनों और कूल्हों पर स्ट्रेस पड़ता है। जिन लोगों ने योगा या कसरत नहीं की और 40 साल की उम्र के बाद शुरुआत कर रहे हैं, तो उन्हें इस पोजीशन की प्रैक्टिस धीरे-धीरे करनी चाहिए।
  • जॉइंट रिप्लेसमेंट मरीज - जिन लोगों का रिप्लेसमेंट हुआ है, उन्हें आलती-पालती मारकर बैठना बिल्कुल मना होता है, क्योंकि इससे इम्प्लांट जल्दी ढीला पड़ सकता है। इसके अलावा, रिप्लेसमेंट मरीजों को डॉक्टर की बताई पोजीशन्स में ही बैठना चाहिए।

जोड़ों के दर्द से बचने के लिए जरूरी सलाह

डॉ. सुमित ने जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए कुछ खास टिप्स दिए हैं।

  1. हमेशा सपोर्टिव तकिए और सही गद्दे का इस्तेमाल करें।
  2. लंबे समय तक एक ही पोजीशन में न रहें।
  3. ठंडे टेम्परेचर में सोते समय शरीर को गर्म रखें।
  4. सुबह और रात हल्की स्ट्रेचिंग को रूटीन में शामिल करें।
  5. घुटनों में दर्द या जकड़न महसूस हो तो जल्द से जल्द ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष

डॉ. सुमित जोर देते हुए कहते हैं कि जोड़ों का दर्द सिर्फ बढ़ती उम्र का दर्द नहीं है, बल्कि सोने की आदतें भी जोड़ों के दर्द को बढ़ा देती हैं। इसलिए जोड़ों के दर्द से बचने के लिए सही पोजीशन में सोने की आदत डालनी चाहिए। अगर जोड़ों में कहीं भी दर्द हो, तो डॉक्टर की सलाह तुरंत लेनी चाहिए।

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  • Current Version

  • Oct 13, 2025 11:26 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Oct 13, 2025 11:26 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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