Knee Pain cause Back Pain: आजकल लोगों में घुटनों की समस्या बहुत ही आम हो गई है, फिर चाहे वे युवा हो या बुजुर्गं। घुटनों में दर्द के मामले बढ़ने का कारण खराब लाइफस्टाइल, उठने, बैठने और चलने का पोस्चर गलत होना और मोटापा (causes of knee pain)हो सकता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग शुरुआत में इसे नजरअंदाज कर देते हैं और इसका नुकसान आगे चलकर घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी तक चला जाता है। लेकिन इस बीच सवाल यह उठता है कि क्या घुटनों के दर्द से पीठ दर्द हो सकता है? इसके क्या कारण है? इस बारे में जानने के लिए ग्रेटर नोएडा के सर्वोदय अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स और रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के हेड और कंसल्टेंट डॉ. अंचित उप्पल (Dr. Anchit Uppal, Senior Consultant & Head - Orthopaedics & Robotic Joint Replacement, Sarvodaya Hospital , Greater Noida West) से बात की।
क्या घुटनों का दर्द बढ़ा सकता है पीठ में दर्द?
डॉ. अंचित उप्पल कहते हैं, “ बिल्कुल, घुटना और पीठ आपस में जुड़े हुए हैं क्योंकि दोनों ही शरीर के बैलेंस और मूवमेंट से जुड़े हैं। जब हम चलते हैं, तो पीठ और घुटने ही हमारी मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। अगर घुटनों में दर्द होगा, तो शरीर का भार पीठ और रीढ़ की हड्डी पर शिफ्ट हो जाता है। अगर लंबे समय तक यह चलता है, तो मरीज के लोअर बैक यानीकि पीठ के निचले भाग में दर्द हो सकता है।”
इसे भी पढ़ें: क्या विटामिन D की कमी से घुटनों में दर्द होता है? जानें डॉक्टर की राय
घुटनों का दर्द कैसे पीठ के दर्द को बढ़ा देता है ?
डॉ. अंचित ने इसके कई कारण बताए हैं, जिसमें चलने-फिरने, उठने-बैठने का पोस्चर सबसे महत्वपूर्ण है।
चाल में बदलाव
जब घुटनों में दर्द होता है, तो मरीज सबसे पहले अपना चलने का तरीका बदल लेता है ताकि घुटनों में दर्द कम हो, लेकिन गलत चलने से रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशियों पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है। इससे पीठ में दर्द बढ़ने लगता है।
वजन पीठ पर आना
आमतौर पर अगर इंसान की चाल सही हो, तो शरीर का भार संतुलित तरीके से घुटनों, पैरों और रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है। लेकिन जब घुटनों में दर्द होता है, तो बैलेंस बिगड़ जाता है और शरीर का वजन बिगड़कर कमर पर आ जाता है। इससे कमर का भी बैलेंस बिगड़ने लगता है। इस वजह से पीठ में दर्द होने लगता है।
रीढ़ पर असर
बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि घुटनों का दर्द धीरे-धीरे शरीर की पोस्चर बदल देता है और अगर कोई लंबे समय तक गलत मुद्रा में खड़ा या बैठा रहे, तो इसका सीधा असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है। इससे कमर का दर्द शुरू हो जाता है।
जकड़न और सूजन
अगर घुटनों में जकड़न या सूजन होती है, तो इसका असर मूवमेंट पर भी पड़ता है। जब पैर नेचुरली मुड़ता नहीं है, तो इसका पैर में दर्द के साथ कमर में भी दर्द होने लगता है।
इसे भी पढ़ें: उम्र बढ़ने पर घुटनों में लुब्रिकेशन क्यों घटता है? डॉक्टर से जानें
घुटनों के दर्द के कारण
डॉ.अंचित कहते हैं कि अगर किसी की फैमिली हिस्ट्री है, तो उम्र के साथ घुटनों में दर्द होने लगता है। इसके अलावा, घुटनों में दर्द के ये कारण भी हो सकते हैं।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस – इस बीमारी में बढ़ती उम्र में जोड़ों के घिसने और कार्टिलेज कमजोर होने की समस्या आ सकती है।
- मोटापा – अगर किसी का वजन बहुत ज्यादा हो,तो घुटनों पर प्रेशर पड़ता है और इससे जोड़ जल्दी घिस जाते हैं।
- चोट या फ्रैक्चर – जो लोग खेलकूद में भाग लेते हैं, उनके घुटनों पर चोट लग सकती है, या फिर एक्सीडेंट के कारण चोट लग सकती है। इससे भी घुटनों में दर्द हो सकता है।
- कैल्शियम और विटामिन D की कमी – कैल्शियम और विटामिन D हड्डियों को मजबूत करती है और इसकी कमी के कारण घुटनों में दर्द के साथ फ्रैक्चर का भी रिस्क हो सकता है।
- लिगामेंट या मेनिस्कस की चोट – कई बार अचानक मूवमेंट या घुटनों पर ज्यादा दबाव के चलते भी लिगामेंट में चोट लग सकती है।
- गलत पोस्चर - लंबे समय तक पालथी मारकर बैठना, झुककर काम करना या हाई हील्स पहनने से भी घुटनों में दर्द हो सकता है।
पीठ का दर्द रोकने के लिए घुटनों को कैसे रखें सेहतमंद?
डॉ. अंचित ने घुटनों की देखभाल के लिए कुछ टिप्स दिए हैं।
- वजन कंट्रोल में रखें - वजन बढ़ने से घुटनों और पीठ पर सीधा प्रेशर पड़ता है।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें - वॉकिंग, स्विमिंग, योग, साइकलिंग और हल्की स्ट्रेचिंग से जोड़ों की लचक बनी रहती है।
- बैलेंस्ड डाइट लें - डाइट में कैल्शियम, विटामिन-डी, ओमेगा-3 और प्रोटीन युक्त डाइट लें।
- पोस्चर सही रखें - बैठते और खड़े होते समय पीठ सीधी रखें, झुकने से बचें।
- सीढ़ियां और ऊंचाई पर चढ़ने से बचें - अगर किसी को घुटनों का दर्द हो, तो सीढ़ियों का इस्तेमाल कम करें।
- सही जूते पहनें - हाई हील से बचना चाहिए। जो पैरों को सपोर्ट दे, वही फुटवियर पहनें।
- डॉक्टर से चेकअप - शुरुआती दर्द को इग्नोर न करें, बल्कि समय रहते डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
डॉ. अंचित जोर देते हुए कहते हैं कि घुटनों का दर्द होने से शरीर बेलैंस नहीं बनता और इसका असर पीठ पर पड़ता है। अगर वजन कंट्रोल रखा जाए और सही डाइट के साथ कसरत की जाए, तो घुटनों के दर्द से बचा जा सकता है। अगर लंबे समय तक बैठने-उठने में दिक्कत हो, सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत या लंबे समय तक खड़े रहने पर पीठ पर भार पड़े, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Sep 27, 2025 06:01 IST
Published By : Aneesh Rawat