बारिश का मौसम हो, घंटों कंप्यूटर पर बैठने की आदत हो या फिर भारी सामान उठाने की मजबूरी हो, कमर दर्द अब केवल बुजुर्गों की परेशानी नहीं रही, यह युवाओं में भी तेजी से पांव पसार रहा है। कई लोग इसे सामान्य थकान या दिनभर की भागदौड़ का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन लगातार बना रहने वाला या बार-बार लौटकर आने वाला कमर दर्द कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। दरअसल, कमर दर्द एक लक्षण है- किसी अंदरूनी समस्या का संकेत। इसे अगर वक्त रहते गंभीरता से न लिया जाए, तो यह आगे चलकर आपकी दिनचर्या, कामकाज, नींद और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में लगभग 60 % वर्किंग पॉपुलेशन को किसी न किसी समय लोअर बैक पेन की शिकायत होती है। ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत पॉश्चर, मोटापा, नींद की कमी या फिर एक्सरसाइज न करना इसके बड़े कारण हैं। इस लेख में हम जानेंगे कमर दर्द को नजरअंदाज करने के खतरे और इससे बचने के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
कमर दर्द को नजरअंदाज करने पर हो सकती हैं ये बीमारियां- Diseases Caused By Untreated Back Pain
अगर आप बार-बार होने वाले या लंबे समय तक बने रहने वाले कमर दर्द को हल्के में लेते हैं, तो यह बड़ी गलती हो सकती है। अक्सर यह दर्द सिर्फ मांसपेशियों की थकान नहीं, बल्कि रीढ़ की हड्डी (Spine) से जुड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। जैसे- स्पॉन्डिलाइटिस या हर्निएटेड डिस्क। इन्हें समय रहते पहचाना न जाए, तो स्थिति बिगड़ती जाती है और इलाज मुश्किल होता है। कई बार व्यक्ति को चलने-फिरने में भी दिक्कत आने लगती है। इससे जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। नियमित दर्द सहते रहना मानसिक तनाव और नींद की कमी जैसी दूसरी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि बार-बार होने वाले कमर दर्द को नजरअंदाज न करें और स्पाइन से जुड़े खतरों को समय रहते पहचानें।
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1. कमर दर्द का इलाज न करवाने पर स्पाइन की समस्या हो सकती है- Ignoring Back Pain Might Cause Spine Issues
जब लोग कमर दर्द को मामूली समझकर नजरअंदाज करते हैं, तो कई बार रीढ़ से जुड़ी गंभीर समस्याओं का, समय रहते पता नहीं चल पाता। ये समस्याएं जैसे स्लिप डिस्क, स्पाइन डिजेनेरेशन वगैरह समय के साथ बढ़ती जाती हैं और बाद में इलाज मुश्किल हो सकता है।
2. लगातार कमर दर्द बन सकता है क्रॉनिक- Persistent Back Pain Can Become Chronic If Not Treated
अगर कमर दर्द को इलाज के बिना लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए, तो यह क्रॉनिक लोअर बैक पेन का रूप ले सकता है। इसका मतलब है कि दर्द महीनों तक बना रह सकता है और दवाओं या थेरेपी से भी जल्दी ठीक नहीं होता।
3. चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है- It Can Lead to Mobility Issues
जैसे-जैसे कमर दर्द बढ़ता है, शरीर की गति (Mobility) कम होने लगती है। चलने, उठने, झुकने या सीढ़ियां चढ़ने जैसे छोटे-छोटे काम भी बड़ी चुनौती जैसे लगने लगते हैं। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास भी प्रभावित हो सकता है।
4. रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ना- Increased Pressure on Spine
गलत बैठने का तरीका, बेड पर लेटकर मोबाइल चलाना या घंटों एक ही पोजीशन में बैठे रहना स्पाइन पर दबाव बढ़ाता है। इससे डिस्क की पोजीशन बदल सकती है, जो स्लिप डिस्क का कारण बन सकती है।
5. साइटिका- It Can Trigger Sciatica
अगर कमर दर्द के साथ पैरों तक सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो रही है, तो यह साइटिका का संकेत हो सकता है। यह स्थिति नसों पर दबाव पड़ने से होती है और चलने-फिरने की क्षमता भी कम हो सकती है।
सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें
अगर कमर दर्द बार-बार हो रहा है या बिना वजह बना रहता है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। एक्स-रे, एमआरआई या फिजिकल एग्जामिनेशन से सही कारण का पता चल सकता है और समय रहते इलाज संभव होता है।
कमर दर्द से कैसे बचें?- How to Prevent Back Pain
- सही पॉश्चर में बैठें।
- हर 30-40 मिनट में थोड़ा चलें।
- वजन को कंट्रोल करें।
- रीढ़ को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करें।
- सही गद्दे और कुर्सी का इस्तेमाल करें।
- मोबाइल या लैपटॉप को आंखों के लेवल पर रखें।
कमर दर्द को हल्के में लेना आपकी सेहत और जीवनशैली, दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर समय रहते इसका कारण पहचाना और इलाज किया जाए, तो इसे गंभीर स्थिति में जाने से रोका जा सकता है।
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FAQ
कमर में दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?
गलत पॉश्चर, भारी सामान उठाना, मांसपेशियों में खिंचाव, स्लिप डिस्क, मोटापा, ज्यादा देर तक बैठना या फिर गठिया जैसी बीमारियां कमर दर्द के आम कारण हो सकते हैं।कमर में दर्द किसकी कमी से होता है?
विटामिन-डी, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी हड्डियों को कमजोर बना सकती है, जिससे कमर में दर्द हो सकता है। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी और प्रोटीन की कमी भी मांसपेशियों को प्रभावित करती है।कमर की नस दबने के क्या लक्षण हैं?
नस दबने पर कमर के साथ पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट, जलन या कमजोरी महसूस होती है। चलने में तकलीफ, लंबा खड़ा रह पाने में तकलीफ और दर्द नीचे की ओर फैलता है- ये कमर की नस दबने के प्रमुख लक्षण होते हैं।