आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ गया है। हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और हार्ट फेल होने की समस्या आम हो गई है। ऐसे में जरूरी है कि अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप हेल्दी आदतों को रूटीन में शामिल करें। कई बार कोई काम तेजी से करने, तेज चलने या भारी काम करने से दिल की धड़कन तेज हो जाती है। लेकिन, कई बार बिना किसी कारण दिल की धड़कन तेज होने पर लोग परेशान हो जाते हैं। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि हमारे सोने की पोजीशन का असर भी अक्सर दिल की धड़कन के तेज होने का कारण बन सकता है। इसलिए आइए, दिल्ली के आकाश हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड- कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुकृति भल्ला (Dr. Sukriti Bhalla, Senior Consultant & Unit Head (Unit-2)-Cardiology, Aakash Healthcare) से जानते हैं कि सोने के तरीके का दिल की धड़कन पर क्या असर पड़ता है?
सोने के तरीके का दिल की धड़कन पर असर
हमारे सोने के तरीका का प्रभाव सीधे हमारी सेहत पर पड़ता है। इसलिए, दिल की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपने सोने की स्थिति का खास ध्यान रखना चाहिए। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुकृति भल्ला बताती हैं कि, “नींद के दौरान आमतौर पर दिल की धड़कन थोड़ी कम हो जाती है क्योंकि शरीर रिलैक्स मोड में चला जाता है। लेकिन, आप किस पोजिशन में सो रहे हैं, यह भी तय करता है कि आपके दिल पर कितना दबाव पड़ रहा है। जैसे बाईं करवट में सोने से कुछ लोगों के हार्ट पर प्रेशर बढ़ सकता है, खासतौर पर उन मरीजों में जिन्हें पहले से दिल की बीमारी है।”
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अलग-अलग सोने की पोजीशन का दिल पर असर
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुकृति भल्ला के मुताबिक अलग-अलग सोने की पोजिशन का असर हमारे शरीर पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है, जैसे-
1. बाईं करवट में सोना
बाईं करवट में सोना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। लेकिन, दिल की समस्याओं से पीड़ित मरीजों को इस पोजीशन में सोने से कभी-कभी दिल की धड़कन तेज या घबराहट महसूस हो सकती है।
2. दाईं करवट में सोना
दिल की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए दाईं करवट में सोना सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इस स्थिति में सोने से दिल पर दबाव कम पड़ता है और दिल की धड़कन स्थिर रहता है।
3. पीठ के बल सोना
पीठ के बल सोने से व्यक्ति को खर्राटे और स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं हो सकती है, जो आपके दिल की धड़कन को बढ़ा सकती हैं और ब्लड प्रेशर के बढ़ने का कारण बनता है।
4. पेट के बल सोना
पेट के बल सोने के तरीके से अक्सर लोगों को परहेज करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। हालांकि हार्ट पर इसका सीधा असर नहीं पड़ता है।
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दिल की समस्या होने पर किस स्थिति में लाएं?
डॉ. सुकृति भल्ला का कहना है कि, “हर किसी के लिए एक ही पोजिशन में सोना सही हो, यह कहना मुश्किल होता है। जिन मरीजों को दिल से जुड़ी समस्याएं है या नींद से जुड़ी समस्या है, उनके लिए दाईं करवट में सोना आरामदायक हो सकता है। लेकिन, सोने की पोजीशन न से ज्यादा जरूरी है कि मरीज अपनी नींद पूरी करें और रात में सोने के दौरान तनाव लेने से बचा जाए।"
डॉ. सुकृति भल्ला मानती हैं कि, सोने की पोजिशन के साथ-साथ नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और तनाव से बचना हार्ट रेट को कंट्रोल में रखने के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। लेकिन, इसके बाद भी अगर आपको रात को सोने के दौरान दिल की धड़कन तेज होने या बेचैनी जैसी परेशानी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
डॉ. सुकृति भल्ला का कहना है कि, “अच्छी नींद और सही पोजिशन दोनों ही हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी हैं। इसलिए, अगर बाईं करवट सोने में आपको असुविधा हो, तो दाईं करवट में सोने की कोशिश करें। इसके साथ ही, सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप रोजाना 7 से 8 घंटे की अच्छी और आरामदायक नींद लें।" इसलिए, अगर आप भी अपने दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं और दिल की धड़कनों को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो सोने की पोजीशन का ध्यान रख सकते हैं।
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FAQ
Normal दिल की धड़कन कितनी होनी चाहिए?
किसी भी व्यक्ति के लिए सामान्य दिल की धड़कन वो मानी जाती है, जिसमें प्रति मिनट 60 से 100 धड़कन होती है। हालांकि, शारीरिक रूप से हेल्दी व्यक्ति या एथलीटों में दिल की धड़कन की संख्या इससे कम हो सकती है।मेरा दिल अचानक से तेज क्यों धड़क रहा है?
अचानक दिल की धड़कन के तेज होने के कई कारण होते हैं, जिसमें एंग्जाइटी, तनाव, एक्सरसाइज, कैफीन का सेवन, डिहाइड्रेशन, बुखार या कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट्स आदि चीजें शामिल है। हालांकि दिल की धड़कनों का तेज होना एनीमिया, थायराइड या दिल की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है।हार्ट बीट स्लो कैसे करें?
दिल की तेज धड़कनों को कम करने के लिए आप 3 से 5 मिनट तक गहरी सांस लें, 5 बार जोर से खांसने या अपने चेहरे पर ठंडे पानी की पट्टी रखनी चाहिए।
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Sep 28, 2025 16:18 IST
Published By : Katyayani Tiwari