
कई बार तेज शारीरिक गतिविधियां, वॉक करने या भागने पर दिल की धड़कन का तेज होना काफी आम होता है। इतना ही नहीं, अचानक कोई बुरी खबर मिलने या कुछ बुरा होने पर घबराहट के कारण दिल की धड़कन तेज हो जाता है। लेकिन, कई बार हमें अचानक ऐसा महसूस होता है कि दिल बहुत तेज धड़कने लगता है, जोर से धक-धक करने लगता है या धड़कने अनियमित हो जाती हैं। इसे ही हार्ट पैल्पिटेशन के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर यह कुछ सेकेंड या मिनटों के लिए होता है और अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, इस समस्या को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए आइए गुरुग्राम नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट-कार्डियोलॉजी, डॉ. सर्वेश प्रजापति (Dr. Sarvesh Prajapati, Consultant- Cardiology, Narayana Hospital, Gurugram) से जानते हैं कि दिल की घबराहट या धड़कन तेज होने पर कब चिंता करनी चाहिए?
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हार्ट पल्पिटेशन के कारण क्या हैं?
डॉ. सर्वेश प्रजापति के अनुसार, दिल की धड़कन तेज महसूस होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें तनाव, घबराहट, ज्यादा कैफीन, नींद की कमी, स्मोकिंग, शराब का सेवन या अचानक ज्यादा शारीरिक मेहनत करना जैसी गतिविधियां शामिल हैं। कई बार बुखार, डिहाइड्रेशन, खून की कमी या थायराइड की समस्या के कारण भी दिल की धड़कने तेज हो सकती है। इन मामलों में हार्ट पैल्पिटेशन अस्थायी होता है और इन चीजों के कम होने या ठीक होने पर धड़कन भी नॉर्मल हो जाती है।
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दिल की धड़कन का तेज होना कब सामान्य है और कब नहीं?
डॉ. सर्वेश प्रजापति का कहना है कि, लोगों के मन में अक्सर ये सवाल रहता है कि दिल की धड़कन तेज होना कब नॉर्मल होता है और कब नहीं। ऐसे में आपको बता दें कि कभी कभार दिल की धड़कन तेज होती है और कुछ देर में खुद ही ठीक हो जाए और इसके साथ कोई अन्य लक्षण नजर नहीं आते हैं तो आमतौर पर ये चिंता का कारण नहीं होता है। लेकिन, अगर यह समस्या बार-बार होती है तो लंबे समय तक बना रहे या रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करने लगे तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
दिल की तेज धड़कन के साथ ये लक्षण होते हैं गंभीर
डॉ. सर्वेश प्रजापति के मुताबिक, हार्ट पैल्पिटेशन के साथ अगर ये लक्षण नजर आए तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए-
- चक्कर आना
- बेहोश होना
- सीने में दर्द
- सांस फूलना
- ज्यादा पसीना होना
- कमजोरी महसूस होना
- आंखों के सामने अंधेरा होना
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किन लोगों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए?
डॉ. सर्वेश प्रजापति के अनुसार जिन लोगों को पहले से दिल से जुड़ी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायराइड या परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास रहा हो, उन्हें हार्ट पल्पिटेशन होने पर खास सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिला या बुजुर्गों को भी इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
दिल की धड़कन तेज होने पर इलाज क्यों जरूरी है?
डॉ. सर्वेश प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि, समय-समय पर दिल की सेहत की जांच करना बहुत जरूरी है ताकि इससे जुड़ी समस्याओं का समय पर पता लगाया जा सके। इसके अलावा, दिल की धड़कन तेज होने पर डॉक्टर जरूरत पड़ने पर ईसीजी, होल्टर मॉनिटर, इकोकार्डियोग्राफी या खून की जांच की सलाह दे सकते हैं, ताकि धड़कन तेज होने का सही कारण पता चल सके। ऐसे में समय पर जांच होने से गंभीर समस्याओं को शुरुआत में ही पहचाना जा सकता है और सही इलाज पाने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
हार्ट पैल्पिटेशन हर बार खतरनाक नहीं होता है, बल्कि इसे लगातार या इसके साथ अन्य कई लक्षण आने पर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए अगर आपके दिल की धड़कन लगातार तेज होती है तो इसे नजरअंदाज करने के स्थान पर तुरंत डॉक्टर के साथ कंसल्ट करें।
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Dec 19, 2025 16:01 IST
Published By : Katyayani Tiwari