Heart palpitations and estrogen: एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर से जुड़ा एक जरूरी हार्मोन है। यह प्रजनन स्वास्थ्य और लैंगिक विशेषताओं को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। पर आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हड्डियों का स्वास्थ्य, ब्रेन के काम काज और यहां तक कि दिल की सेहत के लिए यह बेहद जरूरी है। महिलाओं में अंडाशय एस्ट्रोजन का उत्पादन करती हैं लेकिन, उम्र बढ़ने के साथ और कई दूसरे कारणों से एस्ट्रोजन घटने लगता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। जी हां, भले ही आपको हैरानी हो लेकिन, इस हार्मोन की कमी आपके दिल की सेहत को प्रभावित कर सकती है। इसकी वजह से आपको दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कैसे, जानते हैं इस बारे में डॉ. निखत सिद्दीकी, कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर।
महिलाओं में एस्ट्रोजन कैसे हार्ट पल्पिटेशन को प्रभावित करता है?
डॉ. निखत सिद्दीकी, बताते हैं कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का सीधा असर दिल की धड़कन और उसकी गति पर पड़ता है। एस्ट्रोजन दिल और रक्त वाहिकाओं को सुरक्षित रखने वाला हार्मोन माना जाता है क्योंकि यह ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है। लेकिन जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घटने लगता है, जैसे मेनोपॉज या हार्मोनल बदलाव के दौरान, तो इसका असर दिल की धड़कन पर महसूस हो सकता है।
एस्ट्रोजन की कमी से बढ़ जाती हैं दिल की धड़कन
कम एस्ट्रोजन से स्ट्रेस हार्मोन (एड्रेनालिन) का असर बढ़ जाता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होना, अचानक धड़कन रुक-रुक कर चलना या हल्का झटका महसूस होना यानी हार्ट पल्पिटेशन जैसी शिकायतें सामने आती हैं। इसकी वजह से महिलाएं शरीर में कई सारे लक्षण महसूस कर सकती हैं। हालाकि ये हार्मोनल धड़कनें अक्सर हानिरहित होती हैं, लेकिन लगातार या गंभीर लक्षणों का मूल्यांकन किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा किया जाना चाहिए ताकि अंतर्निहित हृदय समस्याओं का पता लगाया जा सके।
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घबराहट या एंग्जायटी जैसा महसूस हो सकता है हार्मोनल असंतुलन
हार्मोनल असंतुलन जिसमें कि खासकर एस्ट्रोजन की कमी कई बार घबराहट जैसा महसूस हो सकता है। दरअसल, डॉ. निखत सिद्दीकी बताते हैं कि कई बार महिलाएं इसे एंग्जायटी समझ लेती हैं, लेकिन यह हार्मोनल असंतुलन से भी जुड़ा हो सकता है। खासतौर पर रात में या आराम की स्थिति में यह अधिक महसूस होता है। अगर यह बार-बार हो या इसके साथ चक्कर, सीने में दर्द या सांस फूलना जैसे लक्षण भी हों तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।
महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी को कैसे दूर करें?
महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि आप अपनी डाइट में फाइटोएस्ट्रोजन वाले फूड्स को शामिल करना चाहिए जैसे कि अलसी के बीज, मटर, मसूर सोयाबीन और ब्रोकोली का सेवन करें जो कि एस्ट्रोजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप अलग-अलग प्रकार के फल और सब्जियां को डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा अपनी लाइफस्टाइल में इन बातों का ख्याल रखें जैसे कि
- -शराब और कैफीन का सेवन कम करें या फिर बंद कर दें।
- -पर्याप्त नींद लें जो कि आपको रिलैक्स होने और स्ट्रेस कम करने में मदद कर सकता है। स्ट्रेस शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को प्रभावित कर सकता है।
- -इसके अलावा रोजाना आधे घंटे योगा और आधे घंटे कोई भी एक्सरसाइज जरूर करें।
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इसके अलावा एस्ट्रोजन की कमी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। जैसे ही कुछ भी गड़बड़ लगे डॉक्टर को दिखाएं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा दिए गए हार्मोनल या कार्डियक इलाज से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
FAQ
कमजोर हार्ट को मजबूत कैसे करें?
कमजोर हार्ट को मजबूत करने के लिए सबसे पहली अपनी डाइट सही करें और फिर रोजाना एक्सरसाइज करें जो कि दिल को हेल्दी रखने के साथ ब्लड वेसेल्स को हेल्दी रखने में मददगार है।हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
हार्ट अटैक से बचने के लिए डाइट में आपको हेल्दी फैट और फाइबर से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। ये दिल को सेहतमंद रखने के साथ इनके काम काज को बढ़ावा देने में मददगार है।ब्लॉकेज के लक्षण क्या हैं?
ब्लॉकेज के लक्षणों में आपको सीने में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा सांस फूलना, थकान, चक्कर आना और अनियमित दिल की धड़कन महसूस हो सकती है।