How To Increase Estrogen Naturally After Menopause In Hindi: मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को एक उम्र के बाद गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज का मतलब है पीरियड्स का पूरी तरह बंद हो जाना। मेनोपॉज के बाद महिलाओं की रिप्रोडक्टिव क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है। मेनोपॉज की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव भी होते हैं, जिसका असर बॉडी के हार्मोनल स्तर पर काफी ज्यादा पड़ता है। आपको बता दें कि 40 की उम्र के बाद महिलाओं को किसी भी उम्र में मेनोपॉज हो सकता है। यह प्रक्रिया काफी लंबी चलती है। मेनोपॉज होने से पहले महिलाओं के पीरियड्स में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव आने लगते हैं। जैसे कभी 15-15 दिनों तक ब्लीडिंग होती है, तो कभी कई महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं। पीरियड्स का यह साइकिल सालों तक चल सकता है। बहरहाल, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से घटने लगता है। आखिर मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर क्यों घटता है और इसे मैनेज करने के लिए महिलाएं क्या कर सकती हैं? जानें वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से- (Estrogen Hormone Kaise Badhaye)
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर क्यों कम हो जाता है?- Does Estrogen Decrease After Menopause In Hindi
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर महिलाओं में तेजी से कम होता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने की वजह से महिलाओं को हॉट फ्लैशेज होने लगते हैं, वजाइनल ड्राईनेस हो जाती है, बार-बार मूड स्विंग्स होते हैं और अच्छी नींद लेने में भी दिक्कत होती है। सवाल ये है कि आखिर मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम क्यों हो जाता है? इस संबंध में एक्सपर्ट का कहना है कि एस्ट्रोजन ओवरीज प्रोड्यूस करती हैं। जैसे ही महिलाओं को मेनोपॉज हो जाता है, तो ओवरीज पर्याप्त मात्रा में एस्ट्रोजन का निर्माण नहीं कर पाती। यही नहीं, ओवरीज के कई फंक्शन भी प्रभावित होने लगते हैं। यही कारण है कि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आने लगती है।
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कैसे बढ़ाएं- How To Increase Estrogen After Menopause In Hindi
हेल्दी डाइट फॉलो करें
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाने के लिए महिलाओं को चाहिए कि अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें। इसमें सोया प्रोडक्ट, फ्लैक्सीड्स, नट्स और सीड्स आदि चीजों को शामिल करना चाहिए। इन तमाम चीजों का ओवर ऑल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है। इसके अलावा, ये तमाम चीजों फाइटोएस्ट्रोजन का अच्छा स्रोत हैं। इनकी मदद से बॉडी में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर को मेंटेन करने में मदद मिलती है।
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हेल्दी फैट मेंटेन करें
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कई महिलाओं में इसलिए भी कम हो जात है, क्योंकि वे मोटापे का शिकार हो जाती हैं। ध्यान रखें कि मोटापा अपने में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। यहां तक कि मोटापे के कारण मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में भी कमी आने लगती है। विशेषज्ञों की मानें, तो मेनोपॉज के बाद महिलाओं को चाहिए कि वे हेल्दी फैट मेंटेन करें। इससे हार्मोन प्रोडक्शन में मदद मिलती है। इसका असर एस्ट्रोजन प्रोडक्शन में भी दिखता है।
लाइफस्टाइल को मैनेज करें
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर को बैलेंस रखना है या बूस्ट करना है, तो लाइफस्टाइल में हेल्दी चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। जैसे मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन को मेंटेन करने के लिए महिलाएं नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें और बुरी आदतों को दूर रखें। ध्यान रखें कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने पर हेल्दी बॉडी वेट को संतुलित किया जा सकता है, जिससे हार्मोन का स्तर भी बैलेंस रहता है। साथ ही, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर में भी सुधार होता है।
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तनाव से दूर रहें
ध्यान रखें कि तनाव का हमारे ओवर ऑल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर को बेहतर बनाए रखने के लिए तनाव के स्तर को कम करें। हालांकि, तनाव का सामान्य स्तर कोई बुरा नहीं होता है। लेकिन, अगर किसी वजह से आप तनाव में हैं और उसे मैनेज नहीं कर पा रहे हैं, तो बेहतर है कि किसी एक्सपर्ट की मदद लें। इससे तनाव को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर को बूस्ट मिलेगा।
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