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अनियमित पीरियड्स का शरीर पर क्या प्रभाव होता है?

आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है, जिसका शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता है। 
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अनियमित पीरियड्स का शरीर पर क्या प्रभाव होता है?

Irregular Periods Side Effects On Body In Hindi: आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के कारण ज्यादातर महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या से परेशान रहती हैं। अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods Problem) महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में आइए जयपुर में स्थित माहेश्वरी चिकित्सालय की वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग डॉ. वंदना भराड़िया से जानें अनियमित पीरियड्स का शरीर पर क्या प्रभाव होता है?

अनियमित पीरियड्स के कारण होने वाली परेशानियां - Problems Caused By Irregular Periods In Hindi

हार्मोन्स का असंतुलित होना

पीरियड्स का अनियमित होना सीधे तौर पर हार्मोन्स के असंतुलन से जुड़ा है। शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण हो सकता है। इसके कारण कई बार पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिज़ीज़ (पीसीओडी) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसमें महिलाओं को चिड़चिड़ापन होने, मूड स्विंग्स, बालों के झड़ने और त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

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हड्डियों से जुड़ी समस्याएं

पीरियड्स के अनियमित होने पर महिलाओं की हड्डियों पर बुरा असर होता है। शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के असंतुलित होने पर हड्डियों के कमजोर होने और बोन मास कम होने की समस्या होती है, जिसके कारण महिलाओं को फ्रैक्चर,ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने और अनियमित पीरियड्स के कारण महिलाओं को स्ट्रेस, चिंता, मुड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने जैसी समस्याएं होती हैं, जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर होता है।

इंफर्टिलिटी की समस्या

पीसीओएस, पीसीओडी और कई अन्य समस्याओं के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की परेशानी हो सकती हैं, जिसके कारण महिलाओं को इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

वजन बढ़ने की समस्या

महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या पीसीओसी के कारण होती है, जिसके कारण वजन बढ़ने लगता है। इससे मेटाबॉलिक सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

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हार्ट से जुड़ी समस्या का खतरा

शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है, जो पीसीओएस जैसी कंडीशन के कारण हो सकता है। इसके कारण महिलाओं में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, पीरियड्स के अनियमित होने और हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं में हार्ट से जुड़ी बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बढ़ने का खतरा बढ़ता है।

पाचन संबंधी समस्याएं

शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है, जिससे महिलाओं को कब्ज, ब्लोटिंग और गैस जैसी पाचन से और गट से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

स्किन और बालों से जुड़ी समस्याएं

पीरियड्स के अनियमित होने और हार्मोन्स के असंतुलित होने पर महिलाओं को स्किन पर बालों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण महिलाओं को एक्ने, पिंपल्स और स्किन से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, इसके कारण महिलाओं को बालों के झड़ने, टूटने और जड़ों से कमजोर होने की परेशानी हो सकती है।

निष्कर्ष

पीरियड्स के अनियमित होने पर महिलाओं को हड्डियों के कमजोर होने, पाचन, वजन बढ़ने, फर्टिलिटी, मानसिक स्वास्थ्य, नींद से जुड़ी समस्याएं, त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। ध्यान रहे, स्वास्थ्य से जुड़ी अधिक समस्या महसूस होने पर इसे नजरअंदाज न करते हुए, तुरंत डॉक्टर सलाह लें।

All Images Credit- Freepik

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