Infertility Causes In Hindi: बच्चे तो हम सभी को बहुत पसंद होते हैं। सभी कपल्स चाहते हैं कि वे माता-पिता बनें, लेकिन आजकल कुछ समस्याओं के चलते लोगों को माता-पिता बन पाने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। वर्तमान समय में बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। एक आम धारणा है कि बांझपन की समस्या महिलाओं को होती है, लेकिन अब पुरुषों में इनफर्टिलिटी और स्पर्म काउंट होने के मामलों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। बांझपन एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण किसी भी कपल माता-पिता बनने का सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं। पुरुष या महिलाएं, अगर किसी कोई एक भी बांझपन की स्थिति से जूझ रहा है, तो इससे गर्भधारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बांझपन की स्थिति में स्पर्म काउंट हो जाता है, साथ ही स्पर्म काउंट की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिससे बार-बार कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं हो पाता है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है, कि बांझपन क्यों होता है या बांझपन किन कारणों से से होता है? इसके विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम यूरोलॉजी विभाग के डॉ. प्रदीप बंसल (Urologist) से बात की।
ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारणों को समझाते हैं, साथ ही उनसे बचाव के उपाय भी बताते हैं। यह सभी जानकारी है स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से बातचीत पर आधारित होती है। इस सीरीज के आज के इस लेख में हम आपको बांझपन क्यों होता है (banjhpan kyon hota hai), बांझपन के कारण (banjhpan ke karan) और इससे बचने के उपाय (banjhpan se bachne ke upay) बता रहे हैं।
बांझपन क्यों होता है- banjhpan kyon hota hai
डॉ. प्रदीप के अनुसार बांझपन शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होने और स्पर्म काउंट कम होने के कारण होती है। जिसके कारण अंडों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। इन सभी कारकों की वजह से धीरे-धीरे बांझपन की समस्या शुरु होने लगती है। इसके अलावा पुरुष और महिलाओं दोनों में ही बांझपन के लिए कई अलग-अलग कारण भी जिम्मेदार होते हैं जैसे:
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पुरुषों में बांझपन के कारण- Infertility causes in male
अनुवांशिक दोष, कुछ मेडिकल कंडीशन जैसै डायबिटीज, गलगंड या एचआईवी, क्लैमाइडिया, गोनोरिया आदि, जो शुक्राणु के उत्पादन, कार्य और गुवत्ता को प्रभावित करती हैं। शीघ्रपतन, सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी समस्याएं भी अंडकोष में रुकावट का कारण बनती हैं। प्रजनन अंगों को चोट या नुकसान पहुंचने के कारण भी बांझपन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा प्रदूषण, रेडिएशन के संपर्क में आना, स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन, एनाबॉलिक स्टेरॉयड, फंगल इन्फेक्शन, चिंता, तनाव, अवसाद और हाई बीपी आदि भी इसके बड़े जोखिम कारक हैं। ज्यादा गर्म वातावरण में समय बिताना, दवाओं का अधिक सेवन, रेडिएशन या कीमोथेरेपी आदि जैसे कैंसर के उपचार में होने वाली प्रक्रियाएं भी शुक्राणु के उत्पादन और गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
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महिलाओं में बांझपन के कारण- Infertility causes in female
महिलाओं में ओव्युलेशन रोग बांझपन का एक बड़ा कारण हैं। जो अंडाशय से अंडे रिलीज करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें PCOS और PCOD, के अलावा अन्य हार्मोनल रोग शामिल हैं। हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया जैसी स्थितियां भी ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। थायराइड रोग भी बांझपन का कारण बन सकता है। इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे ईटिंग डिसऑर्डर, ट्यूमर और वर्काउट भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं जैसा गर्भाशय ग्रीवा के साथ असामान्यताएं, जिसमें गर्भाशय पॉलीप्स या गर्भाशय का आकार शामिल है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और ट्यूमर भी इसके बांझपन का कारण बन सकता है। उम्र बढ़ने के साथ मेनोपॉज के समय में भी अंडाशय काम करना बंद कर देते हैं। इसके अलावा पुरुषों की तरह जीवनशैली आदतें, मेडिकल कंडीशन और रेडिएशन-कीमोथेरेपी से जैसे कारक महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं।
नोट: पुरुष और महिलाओं दोनों में ही खराब खानपान और पोषण की कमी से भी प्रजनन क्षमता कमजोर होती है।
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बांझपन से बचाव के उपाय- How To Prevent From Infertility
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें।
- नियमित एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करें।
- शरीर के वजन को सामान्य बनाए रखें।
- चिंता, तनाव, अवसाद और अनिद्रा जैसी समस्याओं का प्रबंधन करें।
- अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
- जंक, प्रोसेस्ड, मीठे, पैकेज्ड फूड्स और कैफीन युक्त ड्रिंक्स जैसे सोडा, एनर्जी ड्रिंक, चाय-कॉफी के सेवन से बचें।
- समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
इन कुछ सरल जीवनशैली बदलावों की मदद से आप आसानी से बांझपन से बचाव कर सकते हैं और स्पर्म काउंट बढ़ा सकते हैं। इनसे स्पर्म की गुणवत्ता बेहतर होती है और प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है।
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Dr. Pardeep Bansal, Urologist - Fortis Hospital, Gurugram