How Menopause Affect Heart Health: महिलाओं को अन्य बीमारियों की तुलना में हृदय रोग होने की संभावना अधिक होती है। दरअसल, अधिक उम्र में महिलाओं के हार्मोनल बदलाव के कारण उनको हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को मेनोपॉज की स्थिति से गुजरना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं की प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है। मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। मेनोपॉज से पहले महिलाओं में एस्ट्रोजन के कारण एचडीएल कोलेस्ट्रॉल अधिकतर सामान्य स्तर पर रहता है। जबकि मेनोपॉज के बाद इसमें बदलाव देखने को मिलता है। इससे महिलाओं के शरीर में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। एलडीएल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। आगे साईं पॉलिक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ विभा बंसल से जानते हैं कि महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हृदय पर क्या प्रभाव पड़ते हैं। साथ ही, इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।
मेनोपॉज में हृदय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव - How Menopause Affect Heart Health In Hindi
आमतौर पर 45 और 55 में उम्र की महिलाओं को प्री-मेनोपॉज व मेनोपॉज की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान, अंडाशय धीरे-धीरे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम कर देते हैं, जिससे पीरियड्स बंद हो जाते हैं। एस्ट्रोजन, विशेष रूप से, नसों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके हृदय को हेल्दी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे एस्ट्रोजन का स्तर घटता है, महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और वजन बढ़ने जैसे हृदय संबंधी जोखिम का खतरा बढ़ जाता है।
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हृदय रोग का जोखिम बढ़ना - Increase the Risk Of Heart Disease In Hindi
मेनोपॉज के बाद की महिलाओं को हृदय संबंधी रोगों का जोखिम अधिक होता है। दरअसल, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह बन सकती है। यह एक ऐसी स्थिति जिसमें धमनियों में प्लाक के निर्माण के कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। इसमें दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती है।
मेनोपॉज के बाद हृदय समस्याओं से बचाव कैसे करें - How To Prevent Heart Problems After Menopause In Hindi
हेल्दी डाइट फॉलो करें
ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम युक्त आहार का सेवन करें। इसकी जगह पर आप फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन अधिक मात्रा में करें। अखरोट और अलसी जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। यह सूजन को कम करने और हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं।
मोटापे को कंट्रोल करें
मोटापे को कंट्रोल करने से आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का जोखिम कम होता है। इसे आपको हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना कम होती है। इसके लिए रोजाना एक्सरसाइज करें और योगा को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं।
तनाव को कम करें
पर्याप्त नींद लें, इससे तनाव कम होने में मदद मिलती है। हृदय और नसों पर तनाव के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए आप योगा या मेडिटेशन कर सकते हैं। गहरी सांंस संबंधी योगा से तनाव कम होता है।
धूम्रपान से दूरी बनाएं
यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इससे दूरी बनाएं। धूम्रपान से एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है। यह हृदय संबंधी रोग है, जिसमें हृदय के कार्य प्रभावित होते हैं और हृदय पर दबाव पड़ता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच
हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए आप नियमित रूप से जांच कराएं। इससे हृदय रोग का जोखिम कम होता है और डायबिटीज व कोलेस्ट्रॉल की समस्या में आराम मिलता है।
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How Menopause Affect Heart Health: मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इससे बचने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। यदि, हृदय संबंधी जोखिम के लक्षण महसूस हो तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।