आजकल युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और इनमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmia)। पहले यह समस्या ज्यादातर बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह युवाओं में भी कॉमन हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली, तनाव, अनियमित नींद, कैफीन और एल्कोहल का ज्यादा सेवन, धूम्रपान और जंक फूड इसके प्रमुख कारण हैं। कई बार यह समस्या शुरुआती स्टेज में मामूली लगती है, लेकिन अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक या अचानक कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकती है। युवा वर्ग को इस बात की जागरूकता होनी चाहिए कि दिल की अनियमित धड़कन केवल एक असुविधा नहीं है, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है, जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आइए जानते हैं डॉक्टर से कि आखिर यह क्यों कॉमन हो रही है और किन उपायों से इससे राहत पाई जा सकती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक शुक्ला से बात की।
1. तनाव और चिंता- Stress And Anxiety
डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और एंग्जाइटी युवाओं का सबसे बड़ा दुश्मन है। लगातार तनाव से हार्टबीट अनियमित हो सकती है। योग, मेडिटेशन और प्रॉपर स्लीप से इसे काबू किया जा सकता है।
2. नींद की कमी- Lack Of Sleep
नींद पूरी न होना या देर रात तक जागना दिल की धड़कन को प्रभावित करता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि युवाओं को रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
3. कैफीन और एनर्जी ड्रिंक्स- Caffeine And Energy Drinks
डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया कि ज्यादा कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन हार्ट रिद्म को बिगाड़ सकता है। युवाओं में इसका सेवन फैशन बन चुका है, लेकिन यह दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
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4. धूम्रपान और एल्कोहल- Smoking And Alcohol
नशे की आदत दिल की सेहत को सीधा नुकसान पहुंचाती है। धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन दिल की अनियमित धड़कन को बढ़ावा देता है और लंबे समय में हार्ट डिजीज का खतरा दोगुना कर देता है।
5. असंतुलित खानपान- Unhealthy Diet
जंक फूड, ऑयली डाइट और ज्यादा नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है और दिल की धड़कन अनियमित करता है। संतुलित आहार और ताजे फल-सब्जियां हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
6. शारीरिक गतिविधि की कमी- Lack Of Physical Activity
लंबे समय तक बैठकर काम करना और एक्सरसाइज न करना हार्ट फंक्शन को कमजोर करता है। रोजाना वॉकिंग, रनिंग या जिम एक्टिविटीज, हार्ट की अनियमित धड़कन को कंट्रोल करने में असरदार होती हैं।
7. स्क्रीन टाइम का दबाव- Excessive Screen Time
मोबाइल और लैपटॉप पर देर तक काम करने से तनाव और नींद की समस्या बढ़ती है, जो दिल की धड़कन को असंतुलित करती है। इसलिए डिजिटल डिटॉक्स जरूरी है।
निष्कर्ष:
युवाओं में अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmia) का बढ़ना चिंताजनक है। यह केवल लाइफस्टाइल से जुड़ी गलती नहीं है, बल्कि दिल की गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। संतुलित खानपान, नियमित एक्सरसाइज और समय-समय पर हार्ट चेकअप के जरिए इससे काफी हद तक बचाव संभव है।
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Oct 02, 2025 09:00 IST
Published By : Yashaswi Mathur