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Arrhythmia: अनियमित दिल की धड़कन की समस्या कैसे शुरू होती है? डॉक्टर से जानें

हार्ट बीट अनियमित होने से आपको घबराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। आगे जानते हैं हृदय की धड़कन अनियमित क्यों होती हैं।   
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Arrhythmia: अनियमित दिल की धड़कन की समस्या कैसे शुरू होती है? डॉक्टर से जानें

How Arrhythmia Starts Occuring: सेहतमंद रहने के लिए हृदय का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है। लेकिन, कुछ लोगों को लंबे समय से चले आ रहे रोग के कारण हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हृदय की धड़कन अनियमित (Arrhythmia) होने को हृदय रोगों में शामिल किया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार हृदय को धड़कने के लिए विद्युत तरंगों की आवश्यकता होती है। जब शरीर के अंदर बनने वाली यह विद्युत तरंगों में बदलाव होता है, तो इससे हृदय की धड़कन प्रभावित होती है और वह अनियमित हो जाती है। ऐसे में हार्ट बीट के पैर्टन में बदलाव होता है। इस स्थिति में हार्ट तेजी से धड़कने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को घबराहट और सांस लेने में परेशानी होती है। आगे डॉ. सौरभ चोपड़ा, कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, नारायणा अस्पताल डॉक्टर से जानते हैं कि हृदय धड़कनें अनियमित क्यों होती हैं। 

अनियमित दिल की धड़कन की समस्या कैसे शुरू होती है? - How Arrhythmia Starts Occuring In Hindi 

कई कारण से आपके दिल की धड़कन अनियमित हो सकती हैं। डॉक्टरों की मानें तो व्यक्ति के हार्ट की विद्युत तरंगों में बदलाव की वजह से हार्ट बीट अनियमित (Irregular Heart Beat) होना शुरु हो सकती हैं। यह समस्या व्यक्ति को तीन तरह से परेशान कर सकती है। इसमें व्यक्ति को हृदय धड़कन तेज होना, हृदय धड़कन धीमी होना या हृदय धड़कन अनियमित होने की समस्या महसूस हो सकती है। 

जब व्यक्ति के हार्ट के टिश्यू डैमेज हो, स्ट्रेस में लगातार बढ़ोतरी, ब्लड के इलेक्ट्रॉलाइट्स अनियंत्रित होने, कुछ विशेष तरह की दावाओं का उपयोग व हार्मोन में बदलाव (Hormone Changes) आदि में हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती हैं। इस समय व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, घबराहट होना, थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। 

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सामान्य हार्ट बीट कितनी होती है? - Normal Heart Beat Range in Hindi 

एक मिनट में हृदय जितनी बार धड़कता है उस आधार पर हार्ट बीट नापी जाती है। इसे बीपीएम यानी हार्टबीट प्रति मिनट के आधार पर दर्शाया जाता है। सामान्य हार्ट बीट 60 से 100 प्रति मिनट मानी जाती है। दिल की धड़कन अनियमित होने के कई प्रकार होते हैं। इसमें एट्रियल फिब्रिलेशन, एट्रियल फ्लटर, सुपरवेंट्रिकल टेकीकार्डिया, वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया, वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन और ब्रिकिकार्डिया शामिल होते हैं। 

अनियमित दिल की धड़कन का बचाव कैसे करें? - Prevention Tips of Arrhythmia In Hindi

हृदय से जुड़ी समस्या का बचाव करने के लिए आप आगे बताए उपाय अपना सकते हैं। 

  • नियमित व्यायाम करें 
  • हृदय की नियमित जांच कराएं
  • तम्बाकू व शराब से दूरी बनाएं
  • किसी भी दवा या सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें
  • डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करें
  • जंक फूड व कोलेस्ट्रॉल बनाने वाले आहार का सेवन न करें
  • पर्याप्ता मात्रा में पानी पिएं। 

इसे भी पढ़ें : दिल की धड़कन अनियमित (एरिथमिया) होने पर क्या करें और क्या नहीं?

How Arrhythmia Starts Occuring: हार्ट से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज न करें। यदि आपको स्ट्रेस, चिंता, घबराहट, बैचनी, सांस लेने में परेशानी हो रही है तो इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें। यह लक्षण आपके हार्ट से संबंधित रोग का संकेत हो सकते हैं। 

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