इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रिक्वेंसी या फिर रेडिएशन एक प्रकार की एनर्जी है, जो वेलोसिटी को फिक्स करने में मदद करती है। यह वेव या रेडिएशन आमतौर पर माइक्रोवेव, वाई-फाई, मोबाइल या फिर कुछ एक्स -रे मशीन्स में से निकलती है। अगर इंसान इस रेडिएशन के संपर्क में आए तो यह सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। चलिए फिटनेस एक्सपर्ट रेयान फर्मांडो से जानते हैं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रिक्वेंसी क्या है और यह सेहत के लिए किन तरीकों से नुकसानदायक होती है।
मशीन से निकलती है रेडिएशन
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी एक ऐसी रेडिएशन है, जो आपको घरों में मौजूद इलेक्ट्रिक आइटम्स जैसे वॉशिंग मशीन, फ्रिज और वॉशिंग मशीन्स आदि में पाया जाता है। यही नहीं, यह रेडिएशन सैटेलाइट स्टेशन्स, रेडार, टेलिविजन और एमआरआई में इस्तेमाल की जाने वाली मशीन्स में भी पाई जाती है। केवल यही नहीं ,बल्कि आप जाने अंजाने में अल्ट्रावॉयलेट रेडिएन्स के जरिए भफी इन वेव्स के संपर्क में आ रहे हैं।
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EMF से होने वाले नुकसान
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी यानि ईएमएस के संपर्क में आने से सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंच सकता है।
- इंटरनेश्नल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के मुताबिक यह ईएमएस से निकलने वाली वेव्स इंसान को क्षति पहुंचा सकती है।
- ईएमएस के संपर्क में आने से आपको लंबे समय तक थकान और सुस्ती बनी रह सकती है।
- इन वेव्स के संपर्क में आने से व्यक्ति को को किसी काम में फोकस करने में समस्या होने के साथ ही मेमोरी लॉस भी हो सकता है।
- इससे आपको सिर में दर्द बना रह सकता है साथ ही साथ कई बार सोने में भी कठिनाई महसूस हो सकती है।
- यही नहीं स्टडी के मुताबिक कई बार यह वेव्स इंसान के डीएनए या फिर सेल्स को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
EMF के संपर्क में आने पर दिखते हैं ये लक्षण
- EMF के संपर्क में आने के बाद आपको शरीर में कुछ बदलाव महसूस हो सकते हैं।
- इससे आपको हाथ में झनझनाहट महसूस होने के अलावां भूख में कमी भी महसूस हो सकती है।
- ऐसे में कई बार डिप्रेशन और इनसोमनिया भी महसूस हो सकता है।
- ऐसे में चिड़चिड़ापन महसूस होने के अलावां त्वचा में जलन महसूस हो सकती है।