मौसम में बदलाव की वजह से लोगों को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। दरअसल, इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस अधिक पनपते हैं, जो हवा, पानी और खाने के द्वारा व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। यह इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। इस दौरान लोगों को गले में दर्द, सर्दी जुकाम, बुखार आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ लोगों को गले में बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से टॉन्सिल की समस्या हो सकती है। इसमें गले के दोनों हल्की सूजन हो सकती हैं और व्यक्ति को भोजन व पानी निगलने में कठिनाई होती है। इस दौरान कुछ लोगों को टॉन्सिल पर सफेद धब्बे दिखाई दे सकते हैं। यह अक्सर स्ट्रेप थ्रोट या टॉन्सिलिटिस इंफेक्शन की संकेत हो सकता है। इस दौरान डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। आगे सीनियर फिजीशियन डॉक्टर विनोद कुमार से जानते हैं कि टॉन्सिल में सफेद धब्बे का क्या कारण होता है और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
टॉन्सिल पर सफेद धब्बे का कारण - Causes Of White Spots On Tonsils In Hindi
- इंफेक्शन के कारण टॉन्सिल पर सफेद धब्बे हो सकते है। इसमें व्यक्ति को टॉन्सिलिटिस, स्ट्रेप थ्रोट, मोनोन्यूक्लिओसिस हो सकता है।
- ओरल थ्रश भी इसका एक मुख्य कारण माना जाता है।
- टॉन्सिल स्टोन, आदि।
सफेद धब्बे इंफेक्शन का संकेत हो सकते हैं। इनको पस पॉकेट्स भी कहा जाता है।
टॉन्सिल में सफेद धब्बे का इलाज कैसे किया जाता है - Treatment Of White Spots On Tonsils In Hindi
टॉन्सिल में सफेद धब्बे का इलाज उसके कारण के आधार पर किया जाता है।
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस - Infectious mononucleosis
डॉक्टर आमतौर पर मोनो के इलाज के लिए दवाएं नहीं देते हैं। इस दौरान गंभीर सूजन होने पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड् दी जा सकती है। इसमें आप घरेलू उपचार कर सकते हैं। जैसे गरारें करना और सिकाई आदि।
गले की खराश - Strep throat
गले की खराश होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। आपका डॉक्टर सूजन और दर्द को कम करने के लिए कुछ दवाए लिख सकते हैं। इस समस्या में दवाओं के अलावा आराम करने की सलाह दी जाती है। नमक के गुनगुने पानी से गरारे करने से दर्द में आराम मिलता है।
ओरल थ्रश - Oral Thrush
ओरल थ्रश में मुंह में फंगस हो जाती है। इसकी वजह से सफेद लेयर बन जाती है। इस स्थिति में डॉक्टर एंटीफंगल दवाएं देते हैं। इस दौरान गरारे करने से यीस्ट मुंह से बाहर नहीं फैलता है।
गंभीर सूजन - Severe Inflammation
अगर आपके टॉन्सिल में ज्यादा सूज आ गई है तो ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। इसके लिए डॉक्टर टॉन्सिल्लेकटोमी प्रक्रिया अपनाते हैं। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है, जब दवाओं से सूजन कम नहीं होती है।
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इस दौरान कुछ लोगों को गले से खून आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में आप गरारे करें। इस दौरान कमरे में ह्यूमिडिटिफायर का उपयोग करें। साथ ही, सिगरेट से दूरी बनाएं। इस समस्या में आप ठंडा या ज्यादा गर्म पानी न पिएं। गुनगुना पानी पीने से गले को आराम मिलता है।