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दिल के मरीजों में पैर की सूजन कैसे कम करें? डॉक्टर से जानें

दिल के मरीजों में अक्सर ये देखा जाता है कि उनके पैरों में सूजन रहती है जो किस समय के साथ बढ़ती-घटती रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि पैरों की इस सूजन को कैसे कर करें, जानते हैं डॉक्टर से।
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दिल के मरीजों में पैर की सूजन कैसे कम करें? डॉक्टर से जानें


दिल की बीमारियां आजकल तेजी से बढ़ रही हैं और नौजवानों में भी हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं। ऐसे में दिल की बीमारियों को लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आप एक ऐसी लाइफस्टाइल फॉलो करें जो कि हेल्दी हो और आपको इन बीमारियों से बचा सके। दिल के मरीजों में अक्सर कई प्रकार के लक्षण देखे जाते हैं जो कि दिल की खराब होती स्थिति का भी संकेत हैं जैसे कि पैरों की सूजन। आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन दिल के मरीजों में अक्सर पैरों की सूजन देखी जाती है। ये सूजन आपके ब्लड वेसेल्स के काम काज और ब्लड सर्कुलेशन को लेकर काफी कुछ कहती है। ऐसे में पहले जानते हैं कि दिल के मरीजों में पैरों की सूजन क्यों होती है? इसके अलावा किन टिप्स की मदद से आप पैरों में होने वाली सूजन की समस्या से बच सकते हैं। जानते हैं इस बारे में डॉ. अमर सिंघल, डायरेक्टर, इंटरवेंशनल, क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉफिजियोलॉजी श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली से।

दिल के मरीजों में पैरों की सूजन क्यों होती है-What causes swollen feet in heart patients

डॉ. अमर सिंघल, बताते हैं कि ''दिल के मरीजों में पैरों में सूजन आना इस बात का संकेत हो सकता है कि हृदय सही तरीके से खून पंप नहीं कर पा रहा है, जिससे शरीर में पानी जमा होने लगता है।'' इसे आप आम भाषा में एडिमा भी कह सकते हैं। इतना ही नहीं NIH की मानें तो ये हार्ट फेलियर का भी लक्षण हो सकता है। साथ ही जब हृदय की मांसपेशी कमजोर हो जाती है तो ये खून को प्रभावी ढंग से पंप करने के लिए बहुत कमजोर या कठोर हो जाती है, तो पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और इस स्थिति में भी पैरों में सूजन बढ़ जाती है।

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इतना ही नहीं अगर आपका खून बैक अप कर रहा होता है तो इस अकुशलता के कारण शरीर के निचले हिस्से की नसों में रक्त का बैक-अप हो जाता है। इतना ही नहीं नसों में बढ़ा हुआ दबाव रक्त वाहिकाओं से फ्लूइड को आसपास के टिशूज में धकेल देता है और इससे भी पैरों में सूजन होने लगती है।

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दिल के मरीजों में पैर की सूजन कैसे कम करें-How to reduce leg swelling in heart patients?

डॉ. अमर सिंघल, बताते हैं कि इसे कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि मरीज डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां नियमित रूप से लें और बिना सलाह के उन्हें बंद न करें। इसके अलावा आप अपनी लाइफस्टाइल में इन बातों का ख्याल रख सकते हैं जैसे कि

  • -नमक और सोडियम का सेवन सीमित करना बहुत मददगार होता है क्योंकि यह शरीर में पानी रुकने से रोकता है।
  • -दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार क्योंकि कुछ मामलों में पानी की मात्रा भी सीमित करनी पड़ती है।
  • - पैरों को थोड़ी ऊंचाई पर रखकर आराम करना और रोजाना हल्की पैदल चाल जैसी गतिविधियां करना भी सूजन कम करने में सहायक होती हैं।
  • -लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े न रहें।

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ध्यान देने वाली बात-

अगर सूजन अचानक बढ़ जाए, सांस लेने में तकलीफ हो, या वजन तेजी से बढ़े, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि यह हृदय रोग की स्थिति बिगड़ने का संकेत हो सकता है।

समय पर इलाज, संतुलित खानपान और नियमित जांच से दिल के मरीज पैरों की सूजन को नियंत्रित रख सकते हैं और अपनी सेहत बेहतर बनाए रख सकते हैं।

FAQ

  • हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में क्या अंतर है?

    हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है जिसमें अचानक दिल का ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है जबकि हार्ट फेलियर में दिल ब्लड पंप करना ही बंद कर देता है। दोनों ही स्थिति जानलेवा है लेकिन हार्ट अटैक में समय पर इलाज देकर व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
  • दिल की विफलता के 4 लक्षण क्या हैं?

    दिल की विफलता के 4 लक्षणों की बात करें तो सबसे पहला लक्षण है छाती में दर्द होना और अचानक से बेहोश हो जाना। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और अनियमित दिल की धड़कन भी इसका कारण हो सकती है। 
  • कैसे पता करें कि दिल कमजोर है?

    अगर चलने में आपकी सांस फूलने लगे और फिर सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत हो तो ये दिल के कमजोरी के लक्षण हैं। इसके अलावा सीने में दर्द या दबाव महसूस करना, पैरों, टखनों और पंजों में सूजन भी दिल के कमजोर होने का लक्षण है।

 

 

 

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  • Oct 01, 2025 18:12 IST

    Modified By : Pallavi Kumari
  • Oct 01, 2025 18:12 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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