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हार्ट चेकअप से जुड़ी इन 5 बातों को रखें याद, ह्रदय रोग के खतरे से होगा बचाव

हार्ट चेकअप को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। नार्मल ईसीजी का मतलब हमेशा नार्मल हार्ट नहीं होता, दोनों बाजुओं का बीपी अलग हो सकता है और एक चेकअप सालों तक काफी नहीं है। नियमित जांच से ह्रदय रोग से बचाव संभव है।
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हार्ट चेकअप से जुड़ी इन 5 बातों को रखें याद, ह्रदय रोग के खतरे से होगा बचाव


आज की भागदौड़ भरी जि‍ंदगी में हार्ट डिजीज एक बड़ी समस्या बन चुकी है। कई बार लोग सोचते हैं कि अगर उनका ईसीजी नार्मल आया है या एक बार डॉक्टर ने कह दिया है कि सब ठीक है, तो अब सालों तक उन्हें किसी चेकअप की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सच्चाई यह है कि दिल से जुड़ी बीमारियां धीरे-धीरे पनपती हैं और सही समय पर न पकड़े जाने पर ये गंभीर खतरा बन सकती हैं। एक साधारण सी छाती में जलन, सांस फूलना, थकान या ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव भी संकेत हो सकते हैं कि दिल को ज्‍यादा ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में हार्ट चेकअप करवाते समय कुछ खास बातों को समझना और याद रखना जरूरी है। इससे न सिर्फ आप अपने हृदय की स्थिति को बेहतर समझ पाएंगे बल्कि समय रहते बचाव भी कर सकेंगे। आइए जानते हैं हार्ट चेकअप से जुड़ी 5 अहम बातें, जो आपकी हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के पल्‍स हॉर्ट सेंटर के कॉर्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ. अभ‍िषेक शुक्‍ला से बात की।

1. एक चेकअप से सालों सुरक्ष‍ित रहने की उम्‍मीद न करें- Single Checkup Is Not Enough For Years

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डॉ. अभ‍िषेक शुक्‍ला ने बताया क‍ि बहुत से लोग एक बार चेकअप करवाकर सालों तक निश्चिंत हो जाते हैं। लेकिन यह सोच खतरनाक हो सकती है। शरीर की स्थिति और लाइफस्टाइल बदलने के साथ हार्ट की स्थिति भी बदलती है। इसलिए 30 साल की उम्र के बाद सालाना हार्ट चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। वहीं अगर आपको डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा या फैमिली हिस्ट्री है, तो चेकअप और भी नियमित रूप से करवाएं।

2. दोनों बाजुओं का ब्लड प्रेशर अलग हो सकता है- BP Readings May Differ In Each Arm

कई बार लोगों का ब्लड प्रेशर दाहिने और बाएं हाथ में अलग-अलग आता है। अगर यह अंतर 10-15 mmHg से ज्‍यादा है, तो यह आर्टरी में ब्लॉकेज या हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है। इसलिए हर हार्ट चेकअप को डॉक्टर की न‍िगरानी में ही करें। इससे हार्ट की स्थिति की सही जानकारी मिलती है।

3. नार्मल ईसीजी का मतलब हमेशा नार्मल हार्ट नहीं होता- Normal ECG Doesn’t Always Mean Healthy Heart

डॉ. अभ‍िषेक शुक्‍ला ने बताया क‍ि कई बार ईसीजी रिपोर्ट नार्मल आती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दिल पूरी तरह स्वस्थ है। ईसीजी सिर्फ उस वक्त की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को दिखाता है, जबकि कई हृदय रोग जैसे ब्लॉकेज या शुरुआती हार्ट डिज़ीज इसमें पकड़ में नहीं आते। इसलिए सिर्फ ईसीजी पर भरोसा करना सही नहीं है। डॉक्टर अतिरिक्त टेस्ट जैसे इकोकार्डियोग्राम, टीएमटी (ट्रेडमिल टेस्ट) या ब्लड टेस्ट भी करवाने की सलाह देते हैं।

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4. ब्‍लड टेस्‍ट से हार्ट की स्‍थ‍ित‍ि का पता कैसे चलता है?- How Blood Test Reveal Condition Of Heart

हार्ट की स्थिति जानने के लिए सिर्फ ईसीजी या इको ही नहीं, बल्कि ब्लड टेस्ट भी अहम भूमिका निभाते हैं। ये टेस्ट खून में मौजूद कुछ खास तत्वों और बायोमार्कर्स को मापते हैं, जिनसे पता चलता है कि दिल पर दबाव है या नहीं, कहीं नुकसान, तो नहीं हुआ और भविष्य में हार्ट डिजीज का कितना खतरा है।

5. हार्ट की बीमारी के ल‍िए कौन से ब्‍लड टेस्‍ट क‍िए जाते हैं?- Blood Test For Heart Disease

हार्ट की बीमारियों का पता लगाने के लिए कई तरह के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं। ये टेस्ट दिल की मांसपेशियों, धमनियों और हार्ट फंक्शन की स्थिति के बारे में अहम जानकारी देते हैं। जैसे- लिपिड प्रोफाइल, ट्रॉपोनिन टेस्ट, सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्‍ट वगैरह।

निष्कर्ष:

हार्ट चेकअप को हल्के में लेना बड़ी गलती साबित हो सकती है। सही मायने में हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए नियमित चेकअप, ब्लड टेस्ट और लाइफस्टाइल मैनेजमेंट जरूरी है। याद रखें, समय रहते जागरूक होना ही हार्ट को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर तरीका है।

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FAQ

  • कैसे चेक करें कि आपका दिल स्वस्थ है या नहीं?

    दिल की सेहत जानने के लिए नियमित ईसीजी, बीपी, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर और इकोकार्डियोग्राम करवाएं। साथ ही रोजाना एक्सरसाइज, स्ट्रेस लेवल और सांस फूलने जैसे लक्षणों पर ध्यान दें।
  • कमजोर हार्ट के क्या लक्षण हैं?

    लगातार थकान, सांस फूलना, पैरों में सूजन, तेज धड़कन, चक्कर आना और सीढ़ियां चढ़ते समय कमजोरी महसूस होना कमजोर दिल के मुख्‍य संकेत माने जाते हैं।
  • सीने में दर्द के लिए कौन सा टेस्ट सबसे अच्छा है?

    सीने में दर्द की स्थिति में सबसे पहले ईसीजी और ट्रॉपोनिन टेस्ट कराए जाते हैं। संदेह होने पर स्ट्रेस टेस्ट, इकोकार्डियोग्राम या सीटी एंजियोग्राफी सबसे अच्छे माने जाते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 30, 2025 17:40 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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