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महिलाओं को समय-समय पर क्यों करवानी चाहिए कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग, डॉक्टर से जानें

हृदय रोग किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है। ऐसे में इसकी जटिलताओं से बचने के लिए महिलाओं को समय-समय पर हृदय संबंधी जांच करानी चाहिए। आगे जानते हैं इस तरह की जांच के कुछ मुख्य कारण
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महिलाओं को समय-समय पर क्यों करवानी चाहिए कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग, डॉक्टर से जानें


हृदय रोग लंबे समय तक पुरुषों से जुड़ी समस्या मानी जाती थी, लेकिन समय के साथ इस पैर्टन में बदलाव आया है। महिलाओं में भी हृदय रोग का खतरा समान रूप से होता है, और अक्सर उनके लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। महिलाओं में हृदय रोग की पहचान और समय पर जांच न होने के कारण जोखिम और बढ़ जाता है। इसलिए, नियमित हृदय संबंधी जांच (कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग) बेहद महत्वपूर्ण है। इस लेख में यशोदा अस्पतला के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. असित खन्ना से आपको उन कारणों को जानते हैं जो महिलाओं में हृदय संबंधी जांच के महत्व (Cardiovascular Screening Is Important For Women In Hindi) को बताते हैं।

महिलाओं को समय-समय पर क्यों करवानी चाहिए कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग? - Why Cardiovascular Screening Is Important For Women In Hindi 

महिलाओं की मृत्यु का एक मुख्य कारक होना 

दुनिया भर में हृदय रोग महिलाओं में मृत्यु का प्रमुख कारण है, और यह ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों से अधिक जानलेवा साबित हो सकता है। हालांकि, कई महिलाएं इस बात से अवगत नहीं होतीं कि उन्हें हृदय रोग का खतरा हो सकता है। समय पर कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग से हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों का पता चल सकता है, जिससे इलाज और रोकथाम संभव हो सके।

महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण अलग होना

महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। जहां पुरुषों में हृदय रोग का सबसे सामान्य लक्षण सीने में दर्द होता है, वहीं महिलाओं में लक्षण अक्सर कम स्पष्ट होते हैं, जैसे थकान, सांस फूलना, या हल्का चक्कर आना। ये लक्षण अन्य बीमारियों के साथ महिलाओं को कंफ्यूज कर सकते हैं, इसलिए नियमित जांच से हृदय की स्थिति को समझने में मदद मिलती है।

Cardiovascular Screening Is Important For Women In Hindi

हार्मोनल परिवर्तन का हृदय पर प्रभाव

महिलाओं के जीवन में हार्मोनल परिवर्तन (जैसे गर्भावस्था, मेनोपॉज) हृदय पर गहरा प्रभाव डालते हैं। मेनोपॉज के बाद, महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग से हार्मोनल परिवर्तनों के दौरान हृदय स्वास्थ्य की जांच की जा सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच

हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के प्रमुख कारण होते हैं, लेकिन अक्सर इनका पता तभी चलता है जब स्थिति गंभीर हो जाती है। नियमित कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग से महिलाओं में इन कारकों की समय पर जांच की जा सकती है, ताकि प्रारंभिक अवस्था में ही इन्हें नियंत्रित किया जा सके। 

आनुवंशिक जोखिम

अगर परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो महिलाओं को इस बीमारी का अधिक खतरा हो सकता है। आनुवंशिक कारक हृदय रोग होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित कार्डियोवैस्कुलर स्क्रीनिंग से इन जोखिमों का पता चल सकता है और समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।

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महिलाओं के लिए हृदय संबंधी जांच एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कदम है, जो न केवल उनके जीवन को सुरक्षित रखने में मदद करता है, बल्कि हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक जानकारी भी प्रदान करता है। समय पर जांच से न केवल हृदय रोग की पहचान की जा सकती है, बल्कि उसे रोकने के उपाय भी अपनाए जा सकते हैं। 

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