
नवंबर का महीना, पुरुषों के स्वास्थ्य जागरूकता अभियान (Men’s Health Campaign) यानी मवंबर (Movember) के रूप में मनाया जाता है। यह समय पुरुषों को याद दिलाने के लिए होता है कि वे अपनी सेहत पर ध्यान दें। 40 साल की उम्र के बाद पुरुषों में डायबिटीज, हृदय रोग, प्रोस्टेट की समस्या और हाई ब्लड प्रेशर जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है।
Dr. Nand Kumar Madhekar, Sr. Consultant Urologist, Andrologist, Robotic & Renal Transplant Surgeon At Yashoda Hospitals,Hyderabad ने बताया कि संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और धूम्रपान छोड़ना, ये सब मिलकर पुरुषों को लंबे समय तक स्वस्थ रखते हैं। साथ ही, हर साल अपने जोखिम कारकों (Risk Factors) के अनुसार बेसिक हेल्थ चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। अक्सर पुरुष तब तक जांच नहीं कराते जब तक कोई लक्षण नजर न आएं, लेकिन लाइफस्टाइल बीमारियां अक्सर बिना लक्षणों के बढ़ती हैं, इसलिए कुछ जरूरी जांच जरूर करवाने चाहिए।
1. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करें- Check Blood Pressure And Cholesterol

- जब पुरुष 40 की उम्र के करीब पहुंचते हैं, तो उनकी रक्त धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
- इसलिए हर साल ब्लड प्रेशर चेक और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना जरूरी है।
- इस टेस्ट से स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगने पर डाइट, एक्सरसाइज और जरूरत पड़ने पर दवा की मदद से कोलेस्ट्रॉल और हार्ट हेल्थ को कंट्रोल में रख सकते हैं।
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2. ब्लड शुगर टेस्ट- Blood Sugar Test
- इस उम्र में कई बार टाइप 2 डायबिटीज बिना लक्षणों के विकसित हो जाती है।
- इसलिए नियमित रूप से फास्टिंग ब्लड शुगर और एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c Test) कराना जरूरी है, ताकि शुगर लेवल बढ़ने से पहले ही लाइफस्टाइल में बदलाव करके बीमारी को काबू किया जा सके।
3. प्रोस्टेट हेल्थ स्क्रीनिंग- Prostate Health Screening
- 40 की उम्र के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने या कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE) और पीएसए (Prostate-Specific Antigen) टेस्ट प्रोस्टेट की सेहत का पता लगाने में मदद करते हैं और शुरुआती बदलावों को पहचानने में मदद करते हैं।
4. लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट- Liver And Kidney Test
- ये टेस्ट खासतौर पर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो मेटाबॉलिक डिसआर्डर, लंबे समय से दवा ले रहे हैं या शराब का सेवन करते हैं।
- ये टेस्ट शुरुआती स्तर पर लिवर या किडनी की कमजोरी का पता लगाते हैं, जो अक्सर बिना लक्षणों के बढ़ती है।
5. कैंसर और कोलन स्क्रीनिंग- Cancer And Colon Screening
- परिवार में अगर किसी को कैंसर रहा है, तो कोलोनोस्कोपी या स्टूल बेस्ड स्क्रीनिंग करवाना बहुत फायदेमंद हो सकता है।
- कोलोरेक्टल कैंसर या अन्य आंत संबंधी बीमारियों का शुरुआती पता चलने से इलाज का असर और बचने की संभावना दोनों बढ़ जाती हैं।
पुरुषों के लिए जरूरी हैं ये यूरोलॉजी स्क्रीनिंग- Key Urology Screenings For Men
नियमित यूरोलॉजी स्क्रीनिंग करवाने से प्रोस्टेट और टेस्टिकुलर से जुड़ी बीमारियों का शुरुआती स्टेज पर पता लगाया जा सकता है।
1. प्रोस्टेट हेल्थ- Prostate Health
पीएसए टेस्ट- PSA Test
यह एक ब्लड टेस्ट है जिसमें प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (Prostate-Specific Antigen) का स्तर जांचा जाता है। इसका लेवल बढ़ा हुआ मिलने पर प्रोस्टेट कैंसर या अन्य समस्याओं का संकेत मिल सकता है।
डिजिटल रेक्टल एग्जाम- Digital Rectal Exam
इसमें डॉक्टर प्रोस्टेट की आकार और सतह की जांच करते हैं ताकि किसी असामान्यता का पता चल सके।
बायोप्सी या एमआरआई- Biopsy Or MRI
अगर पीएसए या डीआरई के नतीजों में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो आगे की जांच के लिए डॉक्टर बायोप्सी या एमआरआई कराने की सलाह देते हैं।
2. टेस्टिकुलर हेल्थ- Testicular Health
सेल्फ-एग्जामिनेशन- Self Examination
पुरुषों को हर महीने टेस्टिकल्स (Testicles) की जांच करनी चाहिए। अगर कोई गांठ, सूजन या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यह जांच खासतौर पर युवाओं के लिए जरूरी है, क्योंकि शुरुआती पहचान से इलाज आसान हो जाता है।
क्लिनिकल एग्जाम- Clinical Exam
रूटीन चेकअप के दौरान डॉक्टर भी वृषणों की जांच कर सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिनके परिवार में इस बीमारी का इतिहास या अन्य रिस्क फैक्टर हों।
3. कब कराएं स्क्रीनिंग?- When To Go For Screening
40 से 45 वर्ष की उम्र- Ages 40-45
अगर परिवार में किसी को प्रोस्टेट या टेस्टिकुलर बीमारी रही है, तो इस उम्र से स्क्रीनिंग पर चर्चा शुरू करनी चाहिए।
50 वर्ष और उससे ऊपर- Ages 50 and above
इस उम्र के बाद ज्यादातर पुरुषों के लिए नियमित यूरोलॉजी स्क्रीनिंग कराने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके।
निष्कर्ष:
नियमित हेल्थ स्क्रीनिंग कराने से इन बीमारियों का शुरुआती चरण में पता लगाया जा सकता है और समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे लंबे समय तक सेहत और जीवन की गुणवत्ता बेहतर रहती है।
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Nov 08, 2025 10:17 IST
Published By : Yashaswi Mathur