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25 से 40 साल तक की उम्र में जरूर करवाएं ये रिप्रोडक्टिव टेस्ट, सेहत के लिए होते हैं जरूरी

महिलाओं के शरीर में 25 की उम्र के बाद प्रजनन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं 25 से 40 की उम्र के बीच महिलाओं को कौन-से प्रजनन टेस्ट करवाने चाहिए? 
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25 से 40 साल तक की उम्र में जरूर करवाएं ये रिप्रोडक्टिव टेस्ट, सेहत के लिए होते हैं जरूरी


Reproductive Tests For Women Aged 25 To 40: आज के समय में महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट और शारीरिक गतिविधियों की कमी का सीधा असर महिलाओं के फर्टिलिटी पर पड़ता है। महिलाओं के शरीर में किसी भी तरह की समस्या होने पर या हार्मोन के असंतुलित होने पर महिलाओं को कंसीव करने या प्रेग्नेंसी को हेल्दी रखने में मुश्किल हो सकती है। अधिकतर महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं 25 से 40 साल की उम्र में होती है। इसलिए जरूरी है कि इस उम्र के बीच महिलाएं नियमित रूप से कुछ जरूरी प्रजनन टेस्ट (tests for women's fertility) जरूर करवाने चाहिए। ऐसे में आइए दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sarin, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से जानते हैं कि  25 से 40 साल तक की उम्र में महिलाओं को कौन-से प्रजनन जांच करवानी चाहिए?

25 से 40 उम्र तक महिलाएं कौन-से प्रजनन टेस्ट करवाएं? - Which test is best for female fertility age 25 to 40 in hindi?

25 से 40 उम्र के बीच हर महिला को ये प्रजनन टेस्ट जरूर करवाने चाहिए-

1. प्रजनन हार्मोन पैनल 

यह टेस्ट महिलाओं के शरीर में हार्मोन संतुलन की जांच करने में मदद करता है, जिससे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, एफएसएच, एलएच और एएमएच शामिल है। इस टेस्ट को करने से ओवरी की क्षमता, अनियमित पीरियड्स और ओवुलेशन की जांच की जाती है, ताकि प्रजनन से जुड़ी समस्याओं या कंसीव करने में होने वाली मुश्किलों के बारे में पता लगाया जा सके।

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2. पेल्विक अल्ट्रासाउंड

यह एक तरह का नॉन-इनवेसिव टेस्ट है, जिसमें बच्चेदानी, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब आदि टेस्ट किए जाते हैं। इस टेस्ट को करने से यूटेराइन फाइब्रॉइड्स, सिस्ट, एंडोमेट्रियोसिस या बच्चेदानी और ओवरी में होने वाली समस्याओं की पहचान हो सके। इस टेस्ट को नियमित रूप से करने से प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम करने में मदद मिल सकती है।

3. थायराइड प्रोफाइल

थायराइड हार्मोन महिलाओं के शरीर में मेटाबॉलिज्म और हार्मोन को कंट्रोल करने में मदद करता है। इस टेस्ट को करवाने से महिलाओं के शरीर में हाइपोथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म की जांच की जाती है। बता दें कि महिलाओं के शरीर में थायराइड हार्मोन असंतुलित होने से प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उनके शरीर में कई तरह की समस्याएं बढ़ सकती है।

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4. सीबीसी

यह टेस्ट महिलाओं के शरीर में खून के अलग-अलग सेल्स की संख्या की जांच करने में मदद करता है, जिसमें रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और सफेद ब्लड सेल्स की जांच की जाती है। इस टेस्ट को करने से एनीमिया, इंफेक्शन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की आसानी से पहचान की जाती है।

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5. विटामिन D और B12 की जांच

महिलाओं के शरीर में विटामिन डी और बी 12 की जांच करना बहुत जरूरी है। क्योंकि विटामिन डी की महिलाओं की हड्डियों को मजबूत और इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। जबकि विटामिन बी12 महिलाओं के नर्व सिस्टम और रेड ब्लड सेल्स को बेहतर रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए, अगर आपको बार-बार थकान, डिप्रेशन, हड्डियों में दर्द और नसों से जुड़ी समस्याओं के बारे में पता लगाने के लिए इन विटामिन्स की नियमित जांच करना जरूरी है।

6. एचपीवी टेस्ट 

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स में कैंसर का एक बड़ा कारण होता है। ऐसे में इस टेस्ट को करने से महिलाओं के सर्विक्स के सेल्स में किसी भी तरह की समस्या होने के बारे में पता लगाया जा सकता है ताकि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम या समय पर इसका इलाज किया जा सके।

निष्कर्ष

25 से 40 साल की उम्र के बीच महिलाओं को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याएं होती है। इन जांचों की मदद से महिला के शरीर में होने वाली किसी भी बदलाव या बीमारी के बारे में पता लगाया जा सकता है। ऐसे में आप स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से इन जांचों को करवाएं और खुद को बीमारियों से दूर रखें।
Image Credit: Freepik 

FAQ

  • महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए?

    महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट में संतुलित आहार शामिल करना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल है। इसके अलावा, आपको नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, जो आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
  • औरतों को ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?

    महिलाओं को अपने शरीर में ताकत बढ़ाने के लिए आयरन, विटामिन सी, प्रोटीन, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और हेल्दी फैट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
  • महिलाओं में कमजोरी के क्या लक्षण हैं?

    महिलाओं के शरीर में कमजोरी होने पर कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिससे थकान, बार-बार चक्कर आना, एक्सरसाइज में कमी, बैलेंस बनाने में समस्या और सांस से जुड़ी परेशानियां हो सकती है।

 

 

 

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