बच्चेदानी महिलाओं के शरीर का एक प्रजनन अंग होता है, जो आमतौर पर सीधा होता है। बच्चेदानी किसी भी महिला के शरीर का एक अहम अंग होता है। बच्चेदानी को गर्भाशय भी कहा जाता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण के विकास और पोषण के लिए जिम्मेदार होता है। बच्चेदानी महिला के योणि और फैलोपियन ट्यूब के बीच स्थित होती है। न सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान, बल्कि पीरियड्स में भी अहम भूमिका निभाता है। लेकिन, कुछ महिलाओं की बच्चेदानी पीछे की ओर झुक जाती है या टेढ़ी हो जाती है, जिसे retroverted uterus या tilted uterus के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो ये कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है, लेकिन महिलाओं को इसके कारण कई तरह की असुविधा हो सकती है। ऐसे में आइए जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता (Dr. shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) से जानते हैं कि बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा हो तो क्या करना चाहिए और इसके क्या कारण और लक्षण होते हैं?
गर्भाशय का टेढ़ा होने के कारण - Causes of Crooked Uterus in Hindi
डॉ. शिखा गुप्ता के अनुसार, गर्भाशय के टेढ़े होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें-
- कुछ महिलाओं के गर्भाशय का मुंह टेढ़ा जन्म से होता है, जो एक शारीरिक समस्या है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं के गर्भाशय की स्थिति में बदलाव हो सकता है, जिसके कारण यह पीछे की ओर झुक सकता है।
- यूट्रस में फायब्रॉइड्स या ट्यूमर के कारण भी बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा हो सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस की समस्या में गर्भाशय की अंदरुनी परत के सेल्स बाहर की ओर बढ़ती है, जिससे बच्चेदानी झुक सकती है।
- पेल्विक सर्जरी या इंफेक्शन जैसे कारणों से भी महिला की बच्चेदानी की स्थिति बदल सकती है।
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गर्भाशय के टेढ़ा होने के लक्षण - Symptoms of Crooked Uterus in Hindi
डॉ. शिखा गुप्ता का कहना है कि, बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा होने पर कई महिलाओं में किसी तरह के लक्षण नहीं होते, लेकिन उनमें ये समस्याएं नजर आ सकती हैं-
- पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा दर्द महसूस होना
- पार्टनर के साथ फिजिकल होने के दौरान दर्द महसूस होना
- महिला के पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
- कंसीव करने में मुश्किल होना
- बार-बार पेशाब लगने जैसा महसूस होना
- कब्ज या पेट में भारीपन होना
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गर्भाशय के टेढ़ा होने पर इलाज - Treatment of Crooked Uterus in Hindi
डॉ. शिखा गुप्ता के अनुसार बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा होने की समस्या होने पर सबसे पहले आप गायकोनॉलोजिस्ट से कंसल्ट करना जरूरी होता है। जिससे डॉक्टर अल्ट्रासाउंड या पेल्विक एग्जाम की मदद से गर्भाशय की स्थिति का पता लगाने के मदद मिलती है। इसके अलावा इस समस्या के इलाज इन तरीकों से भी किया जा सकता है-
- पेल्विक एक्सरसाइज: कीगल और पेल्विक टिल्ट जैसे एक्सरसाइज गर्भाशय की स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं। ये एक्सरसाइज पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।
- पेसरी: यह एक छोटा रिंग या गैजेट होता है, जिसे योनि में डालकर गर्भाशय को सही स्थिति में रखने की कोशिश की जाती है।
- सर्जरी: कुछ गंभीर मामलों में बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा होने पर सर्जरी की जा सकती है, जिससे गर्भाशय को सही स्थिति में लाया जा सकता है।
- लाइफस्टाइल में सुधार: बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा होने पर महिलाओं को होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी बदलाव कर सकते हैं। जैसे कब्ज से बचने के लिए आप फाइबर से भरपूर फूड्स खा सकते हैं, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करें, ताकि आपके पेल्विक फ्लोर पर दबाव कम हो।
निष्कर्ष
गर्भाशय का टेढ़ा होना एक आम शारीरिक स्थिति है, जो महिलाओं के लिए हर समय परेशानी का कारण नहीं होता है। लेकिन, कुछ मामलों में ये महिलाओं की समस्या को बढ़ा सकता है। लेकिन, इसके कारण और लक्षणों को पहचान कर आप इसके बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार बच्चेदानी के मुंह को सीधा करने में आपकी मदद कर सकते हैं। ध्यान रहे कि बच्चेदानी का मुंह टेढ़ा होना हर महिला के लिए समस्या नहीं बनती है, बल्कि इसके बाद भी बहुत सारी महिलाएं हेल्दी लाइफ जीती हैं और कंसीव कर पाती हैं।
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FAQ
बच्चेदानी खराब होने के क्या संकेत होते हैं?
बच्चेदानी के खराब होने पर आपका शरीर कई संकेत देता है, जिसमें अनियमित या हैवी पीरियड्स, पेट के निचले हिस्से में दर्द, योनी से डिस्चार्ज या ब्लीडिंग और बार-बार पेशान आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।बच्चेदानी निकालने की सही उम्र क्या है?
बच्चेदानी निकालने की कोई सही उम्र नहीं होती है। बल्कि जब किसी महिला को गर्भाशय से जुड़ी समस्या होती है तब हिस्टेरेक्टोमी सर्जरी यानि बच्चेदानी निकलाने की जरूरत पड़ सकती है।बच्चेदानी में गांठ होने पर क्या दिक्कत होती है?
बच्चेदानी में गांठ होने पर भारी या बहुत दर्द वाले पीरियड्स, पेट के निचले हिस्से में दबाव और दर्द, कब्ज, ब्लोटिंग, पीठ या पैरों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है।