लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहने से आपको पीठ और पैरों में दर्द महसूस हो सकता है। यह समस्या आपकी अनियमित लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हो सकती है। लेकिन, हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। अगर, आपको पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों पर दर्द महसूस हो रहा है तो यह सैक्रोइलाइटिस (Sacroiliitis) का संकेत हो सकता है। पेल्विक एरिया के ज्वाइंट से जुड़ी समस्या हो सकती है, जो आपके उठने-बैठने और चलने में दर्द या परेशानी का कारण बन सकती है। सैक्रोइलाइटिस की समस्या व्यक्ति के रोजाना जीवन को प्रभावित कर सकती है और ऐसे में व्यक्ति बिस्तर पर ही लेटा रहता है। फिलहाल डॉक्टर्स बताते हैं कि सैक्रोइलाइटिस की समस्या किसी तरह की चोट, प्रेग्नेंसी, इंफेक्शन और रुमेटाइटिस अर्थराइटिस से जुड़ी हो सकती है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के अर्थोपैडिक्स सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंकित पाठक से जानते हैं कि सैक्रोइलाइटिस की समस्या के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं?
सैक्रोइलियक जॉइंट क्या होता है? - What is sacroiliitis In Hindi
व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी और पेल्विक एरिया को ज्वाइंट करने वाले जोड़ को सैक्रोइलियक ज्वाइंट (sacroiliac joints) कहा जाता है। यह ज्वाइंट्स दो जगह पर होते है। जब इस जोड़ में सूजन आ जाती है तो इसको सैक्रोइलाइटिस कहते हैं। इस सूजन की वजह से पीठ के निचले हिस्से और एक या दोनों कूल्हों पर दर्द होता है। कई बार सैक्रोइलाइटिस की पहचान करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि कई अन्य स्थितियों के कारण भी दर्द पीठ के निचले हिस्से पर हो सकता है।
सैक्रोइलाइटिस के कारण - Causes of Sacroiliitis in Hindi
गर्भावस्था
बच्चे के जन्म के समय कुछ महिलाओं के सैक्रोइलियक ज्वाइंट ढीले और स्ट्रेच हो जाते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान बच्चे और मां का बढ़ा हुआ वजन और चलने के बदले हुए तरीके से इन जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है, जो आगे चलकर सैक्रोइलाइटिस का एक मुख्य कारण माना जाता है।
अर्थराइटिस
अर्थराइटिस में शरीर के जोड़ प्रभावित होते हैं। इसके ऑस्टियोअर्थारइटिस प्रकार में सैक्रोइलियक ज्वाइंट भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में ज्वाइंट में अकड़न आ जाती है, यह स्थिति रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकती है। यह एक प्रकार का गठिया होता है, जिसको एंकिलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस कहा जाता है।
किसी तरह की चोट लगना
कई बार किसी तरह की दुर्घटना या तेजी से गिरने के दौरान पेल्विक फ्लोर का यह जोड़ डैमेज हो सकता है, या इसमें सूजन आ सकती है। ऐसे में भी व्यक्ति को चलने में परेशानी होती है।
इंफेक्शन होना
हालांकि इस हिस्से पर इंफेक्शन के मामले कम देखने को मिलते हैं। लेकिन, कुछ स्थिति में इंफेक्शन की वजह से भी सैक्रोइलाइटिस की पेरशानी हो सकती है।
सैक्रोइलाइटिस के लक्षण - Symptoms of Sacroiliitis in hindi
जैसा की आपको बताया गया है कि इसमें व्यक्ति को पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक फ्लोर में सूजन हो सकती है। आगे जानते हैं इससे जुड़े कुछ सामान्य लक्षण।
- कूल्हों को घुमाने में दर्द महसूस करना
- कुर्सी से उठते समय तेज चुभन की तरह दर्द महसूस होना
- एक जगह पर लंबे समय तक बैठने के बाद उठने में दर्द होना
- नीचे की ओर झुकने में परेशानी होना
- किसी भारी चीज को न उठा पाना
- चलते समय कूल्हों पर दर्द महसूस होना, आदि।
इसे भी पढें: पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर कैसे बैठें? एक्सपर्ट से जानें सही पोजीशन
दवाओं और थेरेपी के द्वारा सैक्रोइलाइटिस की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर आपको पैरों और कूल्हों की कुछ एक्सरसाइज और ठंडी- गर्म सिकाई की सलाह दे सकते हैं। इससे जुड़े लक्षणों को अनदेखा करना आपके लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। ऐसे में आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और बेड रेस्ट करें।
FAQ
पीठ में दर्द हो तो कैसे बैठना चाहिए?
यदि आपके पीठ में दर्द होता है तो ऐसे में आप चेयर या बेड पर बैठते समय पीछे सपोर्ट के लिए कुशन का प्रयोग करें। इसके अलावा, लंबे समय तक एक ही जगह पर न बैठे।कमर दर्द होने पर कैसे लेटना चाहिए?
कमर में दर्द होने पर व्यक्ति को ज्यादातर समय पीठ के बल ही लेटना चाहिए। इस दौरान आप मुलायम गद्दे पर लेटे इससे पीठ को आराम मिलता है।क्या बैठने की पोजीशन से कमर दर्द हो सकता है?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बैठने की गलत पोजीशन आपके कमर दर्द का कारण बन सकती है। कमर में दर्द होने पर आप तुरंत डॉक्टर से मिलें और बैठने की आदतों में सुधार करें।