uterus ki bimari ke lakshan: गर्भाशय संबंधी समस्याएं के लक्षण क्या हैं? जानें संकेत और सावधानियां

Bacchedani Kharab Hone Ke Lakshan: बच्चेदानी में समस्या होने के कारण महिलाएं कई बार कंसीव नहीं कर पात हैं। इसलिए बच्चेदानी खराब होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 
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uterus ki bimari ke lakshan: गर्भाशय संबंधी समस्याएं के लक्षण क्या हैं? जानें संकेत और सावधानियां


1. एक सप्ताह से ज्यादा पीरियड्स रहना  

डॉ. शोभा के मुताबिक बच्चेदानी खराब होने पर महिलाओं को हफ्ते भर से ज्यादा पीरियड्स रहने की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में महिलाओं को ब्लीडिंग (Bleeding During Periods) रहती है। कई बार महिलाएं इसे अन्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। इस स्थिति को नजरअंदाज करना कई बार अन्य बीमारियां बनने का भी कारण हो सकता है।

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2. पेशाब में लीकेज 

कई बार बच्चेदानी में समस्या आने या फिर डैमेज होने पर पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस स्थिति में पेशाब लीक होने जैसी स्थिति भी बनी रह सकती है। दरअसल, बच्चेदानी खराब होने पर ब्लैडर पर दबाव बनने लगता है, जिससे पेल्विक मसल्स में कमजोरी आ जाती है। इस कारण पेशाब करने में कठिनाई होने के साथ ही कई बार लीकेज भी होती है। 

bacchedani kharab hone ke lakshan-inside

3. पीरियड्स का अनियमित होना  

कई बार मासिक धर्म में अनियमितता होना (Causes of Irregular Periods in Hindi) भी इस बच्चेदानी में खराबी हो सकती है। इसलिए अगर आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं तो ऐसे में यह यूट्रस से जुड़ी एक बड़ी समस्या हो सकती है। इस स्थिति को नजरअंदाज करने के बजाय आपको चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। इस स्थिति में आपको शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द भी महसूस हो सकता है। 

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4. शरीर में दर्द रहना  

बच्चेदानी में खराबी होने पर आपको शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द महसूस करने के साथ ही साथ पैर या फिर कमर में भी दर्द महसूस हो सकता है। दरअसल, इस स्थिति में बच्चेदानी की कोशिकाओं पर प्रभाव पड़ता है, जिससे पैरे में दर्द होने के अलावां कमर के आस-पास के हिस्सों में भी जकड़न या फिर दर्द हो सकता है। 

FAQ

  • क्या गर्भाशय की समस्या से प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ सकती है? 

    गर्भाशय से जुड़ी सभी समस्याओं में तो प्रेग्नेंसी में दिक्कत नहीं आती है, लेकिन कुछ समस्याएं जैसे गर्भाशय फाइब्रॉएड, गर्भाशय की कमजोर दीवार, या गर्भाशय ग्रीवा जैसी समस्याएं प्रेग्नेंसी में बाधा बन सकती हैं। 
  • क्या गर्भाशय की बीमारी से वजन बढ़ सकता है?

    गर्भाशय से जुड़ी बीमारियां जैसे खासकर फाइब्रॉएड (fibroids) और एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) आदि जैसी गर्भाशय से जुड़ी बीमारियां वजन बढ़ा सकती हैं। 
  • क्या यूट्रस से जुड़ी समस्याएं हार्मोनल होती हैं?

    यूट्रस से जुड़ी समस्याएं कई बार हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस आदि जैसी समस्याएं हार्मोन्स में बदलाव हो सकता है। 

 

 

 

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