Uterus Problem Symptoms In Hindi: पुरुषों की तुलना में महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं का सामन करना पड़ता है। क्योंकि उनके शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बहुत जल्दी बिगड़ जाता है। इसलिए हम हमेशा महिलाओं के साथ यह देखते हैं कि उन्हें किसी न किसी तरह की परेशानी का सामना जरूर करना पड़ता है। इनमें अनियमित पीरियड्स, इस दौरान गंभीर दर्द और ऐंठन, पीसीओएस, थायराइड, डायबिटीज, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द आदि कुछ आम समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, भी आजकल महिलाओं में गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं बहुत आम होती जा रही हैं। इनमें बच्चेदानी में इन्फेक्शन, बच्चेदानी खराब होना, बच्चे दानी में गांठ या रसौली, सूजन और दर्द के साथ-साथ कई अन्य तरह की समस्याएं शामिल हैं। लेकिन अगर बच्चेदानी में किसी महिला को किसी भी तरह की कोई परेशानी होती है, तो इसके कारण उन्हें गंभीर स्थितियों को सामना करना पड़ सकता है। बच्चेदानी में किसी भी तरह की समस्या का जल्द उपचार किया जाना बहुत जरूरी है, नहीं तो यह गंभीर रूप ले सकती है। इसके कारण बच्चेदानी खराब हो सकती है। इसके कारण गर्भधारण में परेशानी और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। जो किसी भी महिलाए के लिए किसी ट्रोमा से कम नहीं है।
अच्छी बात यह है कि अगर आप बच्चेदानी में किसी भी समस्या के लक्षणों को समय रहते पहचान लें और इसका समय रहते उपचार करा लें, तो आप किसी भी गंभीर स्थिति के खतरे से बच सकते हैं। बहुत सी महिलाएं अक्सर यह सवाल पूछती हैं कि अगर बच्चेदानी में कोई भी समस्या है, तो वह इसके बारे में कैसे जान सकती हैं? बच्चेदानी में समस्या होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने मानवीज गाइनोलाइफ क्लिनिक, ईस्ट ऑफ कैलाश, दिल्ली की डॉक्टर मानवी मैनी (Consultant Gynaecologist, MBBS,M.S OBGY, Diploma in ART & Reproductive medicine) से बात की। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं..
गर्भाशय में किसी भी समस्या के लक्षण- Uterus Problem Symptoms In Hindi
1. योनि से असामान्य या हैवी ब्लीडिंग
2. सामान्य से अधिक पेशाब आना
3. अनियमित पीरियड्स
4. पेल्विस या पेट के निचले हिस्से में दर्द
5. बच्चेदानी वाले हिस्से में दर्द
6. कैंपिंग में वृद्धि
7. सेक्स के दौरान दर्द
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डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?
अगर कोई भी महिला इन लक्षणों का अनुभव करती है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हालांकि, आमतौर इस तरह के लक्षण सामान्य भी हो सकते हैं और 2-3 दिन में खुद ही नॉर्मल हो जाते हैं। लेकिन अगर कोई महिला लंबे समय से इस तरह की समस्याएं तो उन्हें बिल्कुल भी इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गंभीर रूप ले सकती हैं। ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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