
Foods To Avoid For Healthy Uterus In Hindi: गर्भाशय या बच्चेदानी एक महिला के शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग होता है। अगर बच्चेदानी में किसी भी तरह को कोई समस्या आती है, तो इससे गर्भधारण में परेशानी, बांझपन, रसौली और कैंसर रोग आदि जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए गर्भाशय को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ और संतुलित डाइट को फॉलो करना बहुत आवश्यक है। इसी तरह आप क्या खाते हैं और क्या नहीं, आपकी बच्चेदानी को स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। बहुत सारे फूड्स ऐसे हैं, जिनका सेवन करने से बच्चेदानी को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, वहीं कुछ ऐसे फूड्स भी हैं, जिनका सेवन आपकी बच्चेदानी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे कई फूड्स हैं, जिनका सेवन करने से महिलाओं को या तो परहेज करना चाहिए या फिर बहुत सीमित मात्रा में इनका सेवन करना चाहिए।
आजकल महिलाओं में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं, इन्फेक्शन और दर्द आदि जैसी समस्याएं भी काफी देखने को मिलती हैं। इनका एक बड़ा कारण आपकी खराब डाइट ही है। हालांकि, कई अन्य कारक भी बच्चेदानी को नुकसान पहुंचाने में योगदान देते हैं, लेकिन आपके द्वारा खाया जाने वाला भोजन इसमें बहुत अहम भूमिका निभाता है। अगर आप अपनी बच्चेदानी को सुरक्षित और हेल्दी रखना चाहते हैं, इसके लिए आपको अपनी डाइट से कुछ फूड्स को बाहर करने की जरूरत है। क्योंकि ये फूड्स बच्चेदानी के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे 5 फूड्स बता रहे हैं, जिनका आपको सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
बच्चेदानी को स्वस्थ रखने के लिए इन 5 फूड्स से करें परहेज- Foods To Avoid For Healthy Uterus In Hindi
ट्रांस वसा (Trans Fat)
ट्रांस फैट का अधिक सेवन महिलाओं में गर्भाशय फाइब्रॉएड का खतरा बढ़ता है। यह महिलाओं के शरीर में चर्बी बढ़ाने और हार्मोन्स के संतुलन को बिगाड़ने में भी योगदान देते हैं।
ग्लूटेन रिच फूड्स (Gluten Rich Foods)
इन फूड्स का सेवन करने से बच्चेदानी की परेशानी बढ़ती है। वहीं, अध्ययन में पाया गया है कि ग्लूटेन रिच फूड्स को डाइट में सीमित करने से एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में दर्द और सूजन को कम मिली।
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हाई फोडमैप फूड्स (High FODMAP Foods)
अगर आप डाइट में इन फूड्स को शामिल करते हैं, तो इससे पाचन संबंधी समस्याओं के लक्षण बिगड़ते हैं और एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति भी बदतर होती है। वहीं, इन्हें डाइट से बाहर करने से स्थिति में सुधार होता है।
शराब (Alcohol)
यह महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। ये विशेष रूप से एस्ट्रोजन के संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे एंडोमेट्रियोसिस वाली नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
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कैफीन (Caffeine)
कैफीन का सेवन करने से इंप्लांटेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है। साथ ही, यह भ्रूण के विकास को भी बाधित करता है।
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