बच्चों की सेहत का ख्याल रखना हर माता-पिता की पहली प्राथमिकता होती है। बच्चा भले ही दिखने में स्वस्थ लगे, लेकिन कुछ ऐसी हेल्थ कंडीशंस हो सकती हैं, जो शुरू में पता नहीं चलतीं और बाद में बड़ा रूप ले सकती हैं। ऐसे में सालाना हेल्थ चेकअप बच्चों के लिए जरूरी हो जाता है। हेल्थ चेकअप से छोटी-मोटी समस्याओं का समय पर पता लगाया जा सकता है, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है। डॉक्टर नियमित चेकअप से शरीर में किसी भी कमी, जैसे विटामिन्स या मिनरल्स की कमी, पोषण संबंधी दिक्कत या इम्यून सिस्टम की ताकत को जांच सकते हैं। यह प्रैक्टिस न सिर्फ बच्चे की शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत को भी मजबूती देती है। बच्चों के शरीर की ग्रोथ अलग-अलग फेज में होता है और सही समय पर चेकअप से यह सुनिश्चित होता है कि उनका विकास हेल्दी है। इस लेख में हम जानेंगे सालाना हेल्थ चेकअप कब और कैसे कराएं और साथ ही बच्चों के लिए कुछ जरूरी टेस्ट। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
कब और कैसे कराएं बच्चों का सालाना हेल्थ चेकअप?- When to Opt For Kid's Annual Health Checkup
डॉक्टर के अनुसार, बच्चों का पहला हेल्थ चेकअप जन्म के बाद जल्द से जल्द कराना चाहिए और फिर हर साल इसे रेगुलर रखना चाहिए। सालाना चेकअप के दौरान डॉक्टर बच्चों के ग्रोथ पैरामीटर्स जैसे लंबाई, वजन, और बीएमआई की जांच की जाती है। साथ ही, बच्चे की आंखों, कान और दांतों की भी जांच होती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट के जरिए एनीमिया, विटामिन की कमी और इन्फेक्शन जैसी समस्याओं के बारे में पता चलता है। फिजिकल चेकअप में बच्चों के हार्ट और फेफड़ों की जांच भी होती है। इसके अलावा, कुछ बच्चों में जेनेटिक बीमारी होने का खतरा होता है। डॉक्टर हिस्ट्री पूछ कर और कुछ स्पेशलाइज्ड टेस्ट करवाते हैं ताकि ऐसी बीमारियों का पता लगा सकते हैं।
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बच्चों के कौन-कौन से टेस्ट साल में 1 बार करवाने चाहिए?- Important Medical Test For Children
सालाना हेल्थ चेकअप में बच्चों के लिए कई प्रकार के टेस्ट शामिल किए जाते हैं, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत का पूरा आंकलन किया जा सके। यहां हम आपको कुछ जरूरी टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं-
1. ग्रोथ और डेवेलपमेंट चेकअप- Growth and Development Checkup
बच्चों की लंबाई, वजन और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की जांच की जाती है ताकि यह पता चले कि उनका ग्रोथ उनकी उम्र के हिसाब से सामान्य है या नहीं। छोटे बच्चों में सिर का माप भी लिया जाता है क्योंकि यह दिमाग के विकास का संकेत देता है।
2. आंखों की जांच- Eye Test
यह सुनिश्चित करने के लिए आई टेस्ट कराया जाता है कि बच्चे की दृष्टि ठीक है या उसे किसी चश्मे या अन्य उपायों की जरूरत है या नहीं।
3. हियरिंग टेस्ट- Hearing Test
हियरिंग टेस्ट से बच्चे की सुनने की क्षमता की जांच होती है। इससे यह पता चलता है कि कहीं सुनने में कोई कमी तो नहीं है, जो उसके विकास पर असर डाल सकती है।
4. ब्लड टेस्ट- Blood Test
- एनीमिया की जांच के लिए हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है। एनीमिया, बच्चों की शारीरिक और मानसिक ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।
- शरीर में जरूरी विटामिन्स की मात्रा की जांच के लिए विटामिन-डी और बी12 का टेस्ट होता है।
- इसके अलावा ब्लड शुगर टेस्ट किया जाता है ताकि यह पता चले कि कहीं बच्चे को डायबिटीज है या नहीं या उसका ब्लड शुगर लेवल सामान्य है या नहीं।
- बच्चों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल भी चेक किया जाता है ताकि हृदय संबंधी जोखिमों को पहले ही पहचाना जा सके। इस टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल कहते हैं।
5. दांतों की जांच- Dental Checkup
बच्चों के दांतों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि खराब दांत और मसूड़े शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर डाल सकते हैं। नियमित डेंटल चेकअप से कैविटी, पायरिया आदि समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
6. यूरिन टेस्ट- Urine Test
यूरिन टेस्ट से शरीर के मेटाबॉलिक फंक्शन की जानकारी मिलती है और किसी भी तरह की इन्फेक्शन का पता चलता है।
7. बोन हेल्थ चेकअप- Bone Test
बच्चों की हड्डियों की मजबूती जांचने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट या कैल्शियम लेवल का टेस्ट किया जाता है। यह उनकी ग्रोथ में मदद करता है।
इन टेस्ट के जरिए माता-पिता को अपने बच्चों की सेहत का पूरा ख्याल रखने में मदद मिलती है। सालाना हेल्थ चेकअप से किसी भी प्रकार की समस्या को समय रहते पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है।
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