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दिल के मरीज इलेक्ट्रिक कंबल इस्तेमाल करें या नहीं? जानें डॉक्टर की सलाह

सर्दियों में इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, ये जल्दी गर्म होते हैं और ठंड में आराम देते हैं लेकिन दिल के मरीजों के मन में अक्सर एक सवाल होता है कि क्या इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का उपयोग हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है?
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दिल के मरीज इलेक्ट्रिक कंबल इस्तेमाल करें या नहीं? जानें डॉक्टर की सलाह

सर्दियों की ठिठुरन में जब रातें लंबी और कड़ाके की ठंडी हवा हड्डियों तक चुभने लगती है, तब इलेक्ट्रिक कंबल कई लोगों के लिए राहत की गर्माहट बनकर सामने आता है। बस बटन दबाते ही बिस्तर गर्म हो जाए और नींद जल्दी आ जाए, यह सुविधा आज हर उम्र के लोगों के बीच बेहद फेमस है। ठंडी रातों को आरामदायक बनाना हो, जोड़ों के दर्द को कम करना हो या बस शरीर को रिलैक्स करना हो, इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का इस्तेमाल आम होता जा रहा है लेकिन जहां एक ओर यह सुविधा आराम देती है, वहीं दूसरी ओर दिल के मरीजों के मन में एक डर भी बैठा रहता है कि क्या इस तरह की कृत्रिम गर्मी कहीं दिल पर अतिरिक्त दबाव तो नहीं डालती? क्या इससे हार्टबीट तेज होती है? या फिर यह दिल के रोगियों के लिए किसी छिपे खतरे की तरह काम कर सकती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. पवन पोद्दार (Dr. Pawan Poddar, Director of Cath Lab and Senior Consultant Interventional Cardiologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-


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दिल के मरीज इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट इस्तेमाल करें या नहीं? - Are electric blankets harmful for heart patients

डॉ. पवन पोद्दार के अनुसार, अभी तक ऐसा कोई मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट सीधे तौर पर हार्ट रोगों को खराब करते हैं। न ही यह पाया गया है कि इससे हार्टबीट अनियमित होती है या हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह सभी हार्ट पेशेंट्स के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। दरअसल, इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट की गर्मी शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया को प्रभावित करती है और यही बदलाव कुछ मरीजों के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं।

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जब इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट शरीर को गर्म करता है, तो शरीर की रक्त नलिकाएं फैलने लगती हैं। इससे तीन महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं-

  • ब्लड वेसल्स (रक्त नलिकाएं) फैलती हैं
  • हार्ट रेट हल्का बढ़ सकता है
  • ब्लड प्रेशर में बदलाव हो सकता है

स्वस्थ लोगों के लिए ये बदलाव सामान्य होते हैं, लेकिन कुछ हार्ट पेशेंट्स के लिए ये मुश्किलें पैदा कर सकते हैं-

  • जिनकी सर्कुलेशन कमजोर है
  • जिनका ब्लड प्रेशर बहुत कम रहता है
  • जिन्हें गंभीर हार्ट डिजीज हैं
  • जिन्हें नर्व डैमेज या संवेदना कम महसूस होने जैसी समस्या (जैसे डायबिटिक न्यूरोपैथी) हो

ऐसे मरीजों के लिए अत्यधिक गर्मी शरीर को ओवरहीट कर सकती है, जिससे हार्ट को थोड़ा अधिक काम करना पड़ सकता है।

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electric blankets for heart patients

ओवरहीटिंग से डिहाइड्रेशन

डॉ. पवन पोद्दार बताते हैं कि इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट से सीधा हार्ट पर खतरा कम होता है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से कुछ जोखिम जरूर सामने आते हैं-

  • ज्यादा गर्मी से ओवरहीटिंग हो सकती है
  • रातभर गर्मी मिलने से डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है
  • शरीर को ठंड-गर्मी समझने में भ्रम हो सकता है, जिससे हार्ट पर काम का दबाव बढ़ता है

इसके अलावा, बुजुर्ग लोग अक्सर गर्मी का तापमान सही से महसूस नहीं कर पाते। ऐसे में ओवरहीट होने की संभावना ज्यादा रहती है।

डॉक्टर की सलाह - हार्ट मरीज इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का उपयोग कैसे करें?

डॉ. पवन पोद्दार हार्ट पेशेंट्स को इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का सुरक्षित उपयोग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं-

  • सोने से पहले 20-30 मिनट तक इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट ऑन रखें और सोते समय इसे ऑफ कर दें।
  • बहुत ज्यादा तापमान हार्ट के लिए समस्या पैदा कर सकता है, इसलिए हमेशा लो या माइल्ड हीट का विकल्प चुनें।
  • रातभर या कई घंटों तक लगातार इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट चलाकर न सोएं।
  • टूटे तार, ढीले कनेक्शन या पुरानी मशीनों का उपयोग न करें।

डायबिटीज, हार्ट फेल्योर या लो बीपी वाले मरीज डॉक्टर की सलाह लें, जिनकी त्वचा सुन्न रहती है या गर्मी कम महसूस होती है, वे इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट कम उपयोग करें।

निष्कर्ष

इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट सीधे तौर पर हार्ट डिजीज को बढ़ावा नहीं देते, लेकिन शरीर में होने वाले तापमान बदलाव हार्ट के लिए हल्का दबाव पैदा कर सकते हैं। खासकर उन मरीजों के लिए जो पहले से कमजोर हैं। हार्ट पेशेंट्स इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का उपयोग सुरक्षित तरीके से, कम तापमान पर, और सीमित समय के लिए कर सकते हैं। डॉ. पवन पोद्दार के अनुसार, सही तरीके से इस्तेमाल करें, ज्यादा गर्मी से बचें और सोते समय ब्लैंकेट बंद ही रखें, यही सबसे सुरक्षित तरीका है।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

    छाती में भारीपन या दर्द, बाएं हाथ या गर्दन में दर्द, सांस फूलना, पसीना आना, मतली, चक्कर, ये हार्ट अटैक के सामान्य संकेत हैं।
  • क्या तनाव से हृदय रोग होता है?

    मानसिक तनाव से हार्मोन असंतुलित होते हैं, BP बढ़ता है और नींद खराब होती है, ये सब हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • क्या high BP हार्ट अटैक का कारण बन सकता है? 

    लगातार हाई BP दिल की नसों को कमजोर करता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 10, 2025 17:42 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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