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एंग्जाइटी होने पर बढ़ जाता है इन 5 समस्याओं का जोखिम, डॉक्टर से समझें

यदि सही समय पर क्रॉनिक एंग्जाइटी का इलाज न किया जाए तो यह मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं का जोखिम बन सकता है। साथ ही, इससे लाइफस्टाइल पर बुरा असर पड़ सकता है। आगे जानते हैं एंग्जाइटी से जुड़ी कुछ जोखिम कारक के बारे में
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एंग्जाइटी होने पर बढ़ जाता है इन 5 समस्याओं का जोखिम, डॉक्टर से समझें

Anxiety Complications: हर व्यक्ति को किसी न किसी काम को लेकर चिंता रहती ही है। जब आप किसी चीज के बारे में बार-बार सोचने लगते हैं तो चिंता का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को डर, बैचेनी और घबराहट होने लगती है। इस मानसिक स्थिति को एंग्जाइटी के नाम से जाना जाता है। यह एक सामान्य अवस्था है, जो किसी न किसी समय हर व्यक्ति को महसूस हुई होगी। बच्चों को एग्जाम के समय, रिजल्ट से पहले या नौकरी के दौरान कुछ लोगों को इस तरह के लक्षण महसूस हुए होगें। जब यह स्थिति आपको बार-बार होने लगे और इसकी वजह से आपका जीवन प्रभावित होने लगे, तो इसे एंग्जाइटी डिसऑर्डर (complications of anxiety disorder) माना जा सकता है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के कंसलटेंट साइकैटरिस्ट डॉ राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति को क्या जोखिम होने की संभावना हो सकती है। 


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एंग्जाइटी में बढ़ जाता है इन समस्याओं का जोखिम - Anxiety Disorder Complications In Hindi

डिप्रेशन

एंग्जाइटी डिसऑर्डर के साथ डिप्रेशन का होना एक सामान्य स्थिति है। लंबे समय तक एंग्जाइटी में रहने से व्यक्ति निगेटिव विचारों के जाल में फंस सकता है, जिससे डिप्रेशन (Depression) होने की संभावना बढ़ जाती है। यह स्थिति रोजमर्रा की लाइफस्टाइल को प्रभावित कर सकती है और आत्मसम्मान में कमी, लो एनर्जी और निराशा का कारण बन सकती है।

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नींद संबंधी विकार

एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर नींद आने में कठिनाई होती है, जिसे इनसोमनिया (insomnia) कहा जाता है। यह समस्या एंग्जाइटी के कारण रात में जागते रहने और सोने में कठिनाई के रूप में शुरू होती है। पूरी नींद न ले पाने से व्यक्ति को मानसिक थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

नशे की लत लगना

कुछ लोग एंग्जाइटी को कम करने के लिए शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सहारा लेते हैं। यह एक खतरनाक आदत बन सकती है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करती है। शराब और ड्रग्स का अत्यधिक सेवन (alcohol consumption) एंग्जाइटी के साथ ही सेहत को खराब करने का काम करता है। 

अकेला रहना 

एंग्जाइटी डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से कतराने लगता है, जिससे सामाजिक अलगाव बढ़ता है। इससे पारिवारिक, व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है। वे लोग अपने आप को समाज से अलग कर लेते हैं और मित्रता एवं रिश्तों में दरारें आने लगती हैं।

आत्महत्या के विचार आना 

लंबे समय तक एंग्जाइटी से घिरे रहने पर व्यक्ति अत्यधिक निराशा महसूस कर सकता है। क्रॉनिक एंग्जायटी डिसऑर्डर (Chronic Anxiety Disorder) से ग्रस्त व्यक्ति में आत्महत्या के विचार आने लगते हैं। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को परिवार और दोस्तों के सपोर्ट की जरूरत महसूस होती है। 

अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम

लंबे समय तक चलने वाली एंग्जाइटी का शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है। लगातार एंग्जाइटी से हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हृदय संबंधी समस्याएं, पेट की समस्याएं, और मांसपेशियों में तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

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Anxiety Attack : एंग्जाइटी डिसऑर्डर को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि समय पर इलाज और सपोर्ट न मिले, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इन जटिलताओं से बचने के लिए जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए, तनाव को कम करने के उपाय अपनाए जाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

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