किसी विषय के बार-बार सोचने से चिंता बढ़ती है। इसके साथ अन्य मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं। इसमें एंग्जाइटी को भी शामिल किया जाता है। एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति को घबराहट और मन किसी तरह का डर बना रहता है। हालांकि यह एक मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति को कई अन्य तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे दिल की धड़कने तेज होना, सांस का फूलना, थकान व चक्कर आना आदि। लेकिन, स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं ऐसी भी है जिनके लक्षण एंग्जाइटी से मिलते जुलते होते हैं। ऐसे में अक्सर व्यक्ति इन लक्षणों को एंग्जाइटी समझ बैठते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के कंसलटेंट साइकैटरिस्ट डॉ राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि ऐसे कौन से समस्याएं हो सकती है, जिनके लक्षण एंग्जाइटी की तरह दिखाई (Medical Conditions That Mimic Sign Of Anxiety) देते हैं।
किन समस्याओं के लक्षण एंग्जाइटी की तरह दिखते हैं? - Medical Conditions That Mimic Sign Of Anxiety In Hindi
हृदय संबंधित विकार - Heart Conditions
हृदय की कुछ समस्याएं जैसे कि एरिदमिया (दिल की धड़कन का असामान्य होना) और मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) भी एंग्जाइटी जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकती हैं। इन स्थितियों में दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सांस लेने में कठिनाई होती है और छाती में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है। इसलिए, ऐसे लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia)
व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल लो होने पर हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे एंग्जाइटी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसमें व्यक्ति को पसीना आता है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है औरे कभी-कभी कमजोरी महसूस होती है। कई बार लोग इसे एंग्जाइटी समझकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि असल में यह एक शारीरिक समस्या हो सकती है।
थायरॉइड (Thyroid Disorder)
थायरॉइड ग्रंथि में असंतुलन से शरीर में कई प्रकार के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हाइपरथायरॉइडिज्म में शरीर में थायरॉइड हार्मोन की अधिकता होती है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है, हाथ कांप सकते हैं, और व्यक्ति को एंग्जाइटी जैसी बेचैनी महसूस हो सकती है। कई बार लोग इन लक्षणों को एंग्जाइटी समझ लेते हैं जबकि इसकी असल वजह थायरॉइड असंतुलन हो सकता है।
प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद हार्मोनल बदलाव (Post Pregnancy Hormonal Disorder)
गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे एंग्जाइटी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण डिप्रेशन और चिंता महसूस हो सकती है, खासकर डिलीवरी के बाद ऐसा महसूस होता है। इस दौरान महिलाएं घबराहट, उदासी और अनिद्रा का सामना कर सकती हैं, जिसे एंग्जाइटी से अलग समझा जाना चाहिए।
रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट से जुड़ी समस्याएं (Respiratory Disease)
अस्थमा या क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसे रेस्पिरेटरी डिजीज के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अचानक एंग्जाइटी का एहसास होता है और सांस लेने की प्रक्रिया में रुकावट महसूस होती है। यह लक्षण एंग्जाइटी का रूप ले सकते हैं, हालांकि इसका संबंध रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से होता है।
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एंग्जाइटी के लक्षण केवल मानसिक विकार का ही संकेत नहीं होते; यह कई बार अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं। इन लक्षणों को समझकर डॉक्टर से सही समय पर सलाह लेनी चाहिए। इन समस्याओं को पहचान इलाज करना बेहद आवश्यक होता है।
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