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डिप्रेशन और एंग्जाइटी शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे करता है प्रभावित? एक्सपर्ट से जानें

इसकी वजह से कई लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी की चपेट में आ रहे हैं। डिप्रेशन और एंग्जाइटी सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।
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डिप्रेशन और एंग्जाइटी शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे करता है प्रभावित? एक्सपर्ट से जानें

How to Depression and Anxiety Affect Physical Health in Hindi: जिस तरह शारीरिक स्वास्थ्य का बेहतर होना जरूरी होता है, उसी तरह मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है। हालांकि, आजकल के बढ़ते तनाव और चिंता की वजह से मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इसकी वजह से कई लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी की चपेट में आ रहे हैं। डिप्रेशन और एंग्जाइटी सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। डिप्रेशन और एंग्जाइटी वाले लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं-

डिप्रेशन और एंग्जाइटी शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे करता है प्रभावित?- How do Depression and Anxiety Affect Physical Health in Hindi 

डिप्रेशन और एंग्जाइटी सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं, शारीरिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। दरअसल, तनाव या चिंता में रहने से हार्मोनल हेल्थ प्रभावित होती है। इसकी वजह से शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। 

आपको बता दें कि डिप्रेशन या एंग्जाइटी की वजह से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। जब यह हार्मोन शरीर में लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है, तो इससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। बढ़ा हुआ कोर्टिसोल हार्मोन हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे का कारण भी बन सकता है। डिप्रेशन और एंग्जाइटी कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। 

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डिप्रेशन और एंग्जाइटी की वजह से होने वाली शारीरिक समस्याएं

1. नींद से जुड़ी समस्या

डिप्रेशन और एंग्जाइटी में रहने वाले लोगों को नींद से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसकी वजह से अनिद्रा हो सकती है। या ज्यादा नींद आ सकती है। दरअसल, शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने से थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होती है, जिससे नींद प्रभावित हो सकती है।

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2. प्रतिरक्षा प्रणाली

डिप्रेशन और एंग्जाइटी से प्रतिरक्षा प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है। इससे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। इसकी वजह से शरीर में बीमारियां और संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है। 

3. खराब हार्ट हेल्थ

डिप्रेशन और एंग्जाइटी, खराब हार्ट हेल्थ को भी प्रभावित कर सकते हैं। तनाव और चिंता में रहने से हार्ट बीट बढ़ सकती है। यह ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है। लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है।

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4. खराब डाइजेशन

डिप्रेशन और एंग्जाइटी, खराब डाइजेशन का कारण भी बन सकता है। तनाव में रहने से पाचन-तंत्र प्रभावित हो सकता है। इसकी वजह से कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

5. वजन में बदलाव

डिप्रेशन और एंग्जाइटी में रहने से कई लोग मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। मानसिक तनाव वजन बढ़ने का कम होने का कारण भी बन सकता है। इसकी वजह से कुछ लोगों का वजन बढ़ता है, तो कुछ लोगों का वजन कम हो सकता है।


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