What Is Cushing Syndrome In Hindi: कुशिंक सिंड्रोम को एक तरह का हार्मोनल डिस्ऑर्डर के नाम से जाना जाता है। यह डिस्ऑर्डर तब होता है, जब शरीर में लंबे समय से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ऐसा लंबे समय तक किसी दवा के सेवन से हो सकता है। आपको बता दें कि कई ऐसी मेडिसिन होती हैं, जो कोर्टिसोल की तरह की बॉडी को इफेक्ट करती है। अगर किसी वजह से बॉडी में कोर्टिसोल बढ़ जाता है, तो इस तरह की प्रॉब्लम में अक्सर व्यक्ति के लिए कई तरह की शारीरिक समस्याएं बढ़ जाती हैं। आमतौर पर यह बीमारी 20 से 50 साल की उम्र के वयस्कों को हो सकती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप पहले से ही इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जागरूक रहें, ताकि भविष्य में खुद को इसकी गंभीरता से बचाया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कुशिंग सिंड्रोम होने पर किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं।
कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms Of Cushing Syndrome In Hindi
कुशिंग सिंड्रोम के पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं, कुछ लक्षण सामान्य रहते हैं, जो पुरुष और महिलाओं में दोनों में दिखते हैं। यहां हम आपको पुरुषों और महिलाओं में नजर आने वाले अलग-अलग लक्षणों सहित, कॉमन लक्षणों के बारे में भी बताएंगे। आइए, जानते हैं-
कुशिंग सिंड्रोम के सामान्य लक्षण
- कुशिंग सिंड्रोम होने पर वजन बढ़ सकता है, लेकिन पैर और हाथ पतले हो सकते हैं।
- चेहरे में फैट का बढ़ना। इस तरह के चेहरे को मून फेस के नाम से जाना जाता है।
- दो कंधों के बीच लम्प का बढ़ना।
- पेट, नितंब, थाइस और ब्रेस्ट में पिंक या पर्पल रंग के स्ट्रेच मार्क्स उभरना।
- घाव या जख्मों की रिकवरी में काफी ज्यादा समय लगना।
- चेहरे पर एक्ने या पिंपल होना।
महिलाओं में कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण
कुशिंग सिंड्रोम के जो लक्षण सिर्फ महिलाओं में उभर सकते हैं, उसमें शामिल हैं, उनके चेहरे और बॉडी पर बाल निकल आना। यह एक खास किस्म की कंडीशन होती है, जिससे सिर्फ महिलाओं को गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, कुशिंग सिंड्रोम की वजह से महिलाओं के पीरियड्स भी प्रभावित हो सकते हैं।
पुरुषों में कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण
महिलाओं से अलग, पुरुषां में भी इसके कुछ अलग किस्म के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे सेक्स ड्राईव में कमी आना, फर्टिलिटी प्रभावित होना और इरेक्शन में दिक्कत होना।
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कुशिंग सिंड्रोम के अन्य लक्षण
कुशिंग सिंड्रोम होने पर कुछ और लक्षण भी दिख सकते हैं। हालांकि, ये लक्षण या संकेत अन्य बीमारियों में भी हो सकते हैं। इसलिए यहां बताए गए हर लक्षण पर विशेष गौर करें, जैसे- बहुत ज्यादा थकान होना, कमजोरी महसूस करना, मांसपेशियों का कमजोर होना, डिप्रेशन जैसा फील करना, संक्रण या स्किन का कलर डल होना, हड्डियों में कमजोरी आना आदि।
कुशिंग सिंड्रोम का ट्रीटमेंट- Treatment Of Cushing Syndrome In Hindi
इस बीमारी का ट्रीटमेंट, इसके कारण पर निर्भर करता है। इसलिए, डॉक्टर सबसे पहले इस बीमारी की जांच के लिए ब्लड टेस्ट करते हैं और इसके बाद कुशन सिंड्रोम होने का कारण जानने की कोशिश करते हैं। इसके बाद, इसका ट्रीटमेंट शुरू होता है। ट्रीटमेंट के जरिए शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करने की कोशिश की जाती है। कुछ मामलों में सर्जरी भी की जा सकती है। हालांकि, यह डॉक्टर तय करते हैं।
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