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बच्चे को स्लीप एंग्जाइटी के कारण नहीं आती नींद, तो इन 5 टिप्स को करें फॉलो, मिलेगी राहत

अगर आपका बच्चा भी रात को नींद से उठ जाता है, तो यह स्लीप एंग्जाइटी का संकेत हो सकता है। आगे जानते हैं बच्चों की स्लीप एंगजाइटी को दूर करने के कुछ आसान उपाय।
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बच्चे को स्लीप एंग्जाइटी के कारण नहीं आती नींद, तो इन 5 टिप्स को करें फॉलो, मिलेगी राहत


कुछ बच्चे नींद में बूरे सपने देखकर डर जाते हैं। ऐसे में वह रात में डर के कारण सो नहीं पाते हैं। जबकि, कुछ बच्चे नकारात्मक विचारों की वजह से रात में देर से सोते हैं। इसका सीधा प्रभाव बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है। रात के समय नींद न आने वाले बच्चों की दिमागी विकास प्रभावित हो सकता है। साथ ही उनको मानसिक समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बेहद आवश्यक होता है कि अभिभावकों को बच्चों की समस्या को समय रहते पहचानना चाहिए। साथ ही, उनकी समस्या को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास भी करने चाहिए। मदर एंड एंजल क्लीनिक के सीनियर पीडियेट्रिक्स डॉक्टर अजित कुमार बताते हैं कि बच्चों को मन में कुछ विचार घर कर जाते हैं जिसकी वजह से बच्चा रात को सोने में अनाकानी करने लगता है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की परेशानी को समझना चाहिए। साथ ही उसे दूर करने के लिए आगे बताए उपायों को अपनाना चाहिए। 

बच्चों की स्लीप एंग्जाइटी को दूर करने के आसान टिप्स -  Tips To Reduce Sleep Anxiety In Children In Hindi 

नींद का नियमित समय निर्धारित करें

बच्चों के लिए एक नियमित नींद की दिनचर्या बेहद फायदेमंद होती है। जब बच्चा हर दिन एक निश्चित समय पर सोने और जागने का आदी हो जाता है, तो उनका शरीर उस समय के अनुसार तैयार होता है। इससे उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है और चिंता कम होती है।

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सोने से पहले स्क्रीन टाइम को सीमित करें

टीवी, मोबाइल, और टैबलेट की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी बच्चों की नींद को बाधित कर सकती है। सोने से कम से कम एक घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बंद कर दें। इसके बजाय उन्हें किताबें पढ़ने या कहानी सुनाने जैसे शांत गतिविधियों में शामिल करें।

बच्चे के साथ सोएं 

यदि आपका बच्चा रात में अकेले सोने से डरता है या वह रात को डर के कारण उठ जाता है। तो ऐसे में माता या पिता को उसके साथ सोना चाहिए। इससे बच्चा अकेला महसूस नहीं करेगा। साथ ही, सोने से पहले उसको बहादुरी वाली कहानी सुनाएं। रात के समय बच्चे को भूत या डरावनी कहानियां न सुनाएं। 

आरामदायक माहौल बनाएं

बच्चों के सोने का कमरा शांत, ठंडा और अंधेरा होना चाहिए। अगर बच्चा अंधेरे से डरता है, तो आप एक हल्का नाइट लैंप लगा सकते हैं। कमरे की सजावट को आरामदायक और पसंदीदा चीज़ों से सजाएं ताकि बच्चा सुरक्षित महसूस करे और चिंता कम हो।

सोने से पहले रिलैक्सेशन तकनीक सिखाएं

गहरी सांसें लेना, हल्के योगासन, या मेडिटेशन जैसी तकनीकें बच्चों को शांत करने में मदद कर सकती हैं। आप उन्हें धीरे-धीरे गहरी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया सिखा सकते हैं, जिससे उनके मन और शरीर को आराम मिलेगा और चिंता कम होगी।

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रात को बच्चा स्लीप एंग्जाइटी के कारण नहीं सो पाता है, तो आप उसके साथ बात करें कि उसे किस चीज के बारे में डर लगता है। फिर उसके डर को मन से हटाने का प्रयास करें। बच्चे की बातों को समझकर उसे सपोर्ट करें उसको डांटने या उसे नजरअंदाज न करें। ऐसे में बच्चा खुद को अकेला महसूस करके मानसिक रूप से बीमार हो सकता है। 

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