बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए नींद बेहद आवश्यक होती है। लेकिन, आज के समय में बच्चे देर रात तक जागते हैं। दरअसल, टीवी पर कार्टून और मोबाइल में वीडियो गेम खलते समय बच्चों को सोने का ध्यान ही नहीं रहता है। बच्चों का सारा फोकस वीडियो गेम में होता है, ऐसे में उनका सोने का मन नहीं करता है। इससे बच्चों का स्लीप पैर्टन खराब होता है और उनका मानसिक व शारीरिक विकास प्रभावित होता है। बच्चों के स्लीप पैर्टन खराब होने के पीछे अभिभावकों की लापरवाही हो सकती है। कई अभिभावक बच्चों के साथ समय बिताने की अपेक्षा उन्हें मोबाइल देकर बचने का प्रयास करते हैं। लेकिन, यह आदत आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाती है। आगे जानते हैं बच्चे के स्लीप शेड्यूल को मेंटेन करने के लिए कौन से आसान उपायों अपनाना चाहिए।
बच्चे के स्लीप शेड्यूल को ठीक करने करने के उपाय - How To Fix Child Sleep Schedule In Hindi
स्लीप टाइम को फॉलो करें
स्लीप टाइम को मेंटेन करने के लिए अभिभावकों को खुद भी सोने के समय का पालन करना चाहिए। इससे बच्चा एक ही समय पर सोने की आदत बना पाता है। बच्चे की बॉडी क्लॉक शाम होते ही नींद के संकेत देने लगती है। ऐसे में बच्चा हर दिन समय पर सोने लगेगा।
बच्चे के कमरे में बदलाव करें
बच्चे के कमरे का माहौल आरामदायक बनाएं। बच्चे के कमरे में अंधेरा रखें और ज्यादा शोर न करें। बच्चे के रूम के वातावरण को बाहर के टेम्परेचर के अनुसार सेट करें। इसके अलावा, बच्चे के बेड को आरामदायक बनाएं। इससे बच्चे को सोने में परेशानी नहीं होती है।
सोने से पहले स्क्रीन टाइम सीमित करें
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित कर सकती है। मेलाटोनिन सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में सहायक हार्मोन होता है। सोने से करीब एक घंटा पहले बच्चे को मोबाइल या टीवी न दिखाएं। इससे उन्हें सोने में आसानी होगी।
बच्चे को दिन में बाहर खेलने के लिए भेजें
बच्चे को दिन के समय या शाम के समय बाहर खेलने के लिए भेजें। इससे उनकी शारीरिक गतिविधियां बढ़ती है। इसकी वजह से उनको नींद बेहतर आती है। बच्चे के स्कूल से आने के बाद कुछ देर रेस्ट कराएं और शाम को बाहर घूमने के लिए पार्क ले जाएं।
बच्चे के स्ट्रेस को दूर करें
कई बार बच्चों को रात में सोते समय डर लगता है। ऐसे में आप उनसे बात करें और उनके डर या स्ट्रेस के कारण को समझकर उसे दूर करने का प्रयास करें। इसके लिए आप बच्चे के कमरे में हल्की रोशनी वाले ब्लब लगाएं, ताकि बच्चा रात के अंधेरे में न डरे।
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बच्चे के स्लीप शेड्यूल को बेहतर बनाकर उनकी मानसिक और शारीरिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आप बच्चे को प्रोत्साहित करें। कुछ बच्चों को रात के समय भूख लगती है। इससे भी बच्चों की नींद खराब होती है, ऐसे में बच्चों को रात के समय एक टाइम खाने की आदत डालें। इससे उनको रात में बार-बार उठाना नहीं पड़ेगा।