Social Anxiety Disorder In Hindi: आज के समय में लोगों से मिलना-जुलना बेहद आवश्यक होता है। लेकिन, कुछ लोगों को अन्य लोगों के साथ मिलने जुलने और बात करने में घबराहट होती है। ऐसे लोगों को अन्य लोगों के साथ मिलना जुलना पसंद नहीं होता है। इन लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा कॉन्फिडेंट की कमी दिखाई देती है। यही वजह है कि जब यह जॉब में लोगों के साथ मीटिंग, पार्टी या सोशल फंक्शन से बचते हैं। ऐसे लोगों मन में कई तरह के विचारों को बैठा लेते हैं और वह एंग्जाइटी का शिकार होने लगते हैं। समाज में लोगों के साथ मिलने, ज्यादा लोगों को एक जगह पर देखकर घबराहट होना या लोगों से खुद को दूर समझने के विचार बार-बार आना सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर का संकेत माने जाते हैं। इस स्थिति में लोगों को समाजिक कार्यक्रम में जाने से डर और बैचेनी होती है, जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसकी वजह से होने वाला तनाव आपके रिश्तों, दैनिक दिनचर्या, काम, स्कूल या अन्य गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकता है। इस लेख में डॉ राहुल कक्कड़, कंसलटेंट साइकैटरिस्ट एंड साइकोथैरेपिस्ट से जानते हैं कि सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के क्या कारण होते हैं?
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्ड के कारण - Causes Of Social Anxiety Disorder In Hindi
मानसिक स्थिति से जुड़ी अन्य समस्याओं की तरह ही सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर मस्तिष्क और पर्यावरण से जुड़े कारणों की वजह से हो सकती है। इसके कुछ कारणों को आगे बताया गया है।
अनुवांशिक कारण
वैज्ञानिक बताते हैं कि सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर आनुवांशिक हो सकता है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
परिवारिक और बचपन के अनुभव
बचपन में नकारात्मक अनुभव, जैसे माता-पिता का अत्यधिक नियंत्रण, भावनात्मक उपेक्षा, या स्कूल में साथी बच्चों के द्वारा मजाक उड़ाना आदि स्थिति इस डिसऑर्डर को बढ़ाने का कारण बन सकता है।
मस्तिष्क की बनावट
मस्तिष्क में एमिग्डाला (amygdala) नामक बनावट डर की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में भूमिका निभा सकती है। जिन लोगों में एमिग्डाला अति सक्रिय होती है, उनमें डर की प्रतिक्रिया बढ़ सकती है, जिससे सामाजिक स्थितियों में चिंता बढ़ जाती है।
ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर में बदलाव
ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर (जैसे सेरोटोनिन) के असंतुलन से व्यक्ति अधिक चिंता और डर महसूस कर सकता है। यह सोशल एंग्जाइटी के प्रमुख कारणों में से एक हो सकता है।
व्यक्तित्व और आत्मसम्मान की कमी
जो लोग स्वभाव से अधिक संवेदनशील होते हैं या जिनका आत्मसम्मान कम होता है, उन्हें सामाजिक परिस्थितियों में अधिक घबराहट हो सकती है। साथ ही भीड़ में डर लगने लगता है।
सोशल एंग्जाइटी से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Social Anxiety Disorder In Hindi
- व्यक्ति को सकारात्मक विचारों को सोचना चाहिए। किसी तरह के गलत विचारों से ध्यान हटाना चाहिए।
- लोगों के साथ मिलते समय इस बात पर विचार नहीं करना चाहिए कि वह आपके बारे में क्या सोचेंगे।
- ध्यान और मेडिटेशन से आप मन के अंदर बैठे डर और चिंता को आसानी से दूर कर सकते हैं।
- पर्याप्त नींद लेने से आपको ब्रेन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
- इससे बचने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलें। धीरे-धीरे आपका डर अपने आप ही दूर हो जाएगा।
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यदि, आपको लोगों से मिलने में डर या भींड में घबराहट महसूस होने लगती है, तो यह सोशल एंग्जाइटी का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना चाहिए। इसके साथ ही, समस्या अधिक हो रही है तो आप डॉक्टर या काउंसलर की मदद ले सकते हैं।