आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। खराब जीवनशैली का असर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस वजह से तनाव, डिप्रेशन, एंग्जाइटी हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनते जा रहे हैं। मानसिक रूप से स्वस्थ होने का मतलब है कि हम जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें और अपने काम को अच्छे से कर सकें। इसमें हमारी भावनाएं, सोचने-समझने की क्षमता, सामाजिक रिश्ते और शारीरिक सेहत सब शामिल है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25, जिसे आज संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया गया, में इस विषय पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत के युवा कौशल, शिक्षा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर हैं। इसलिए, अब समय आ गया है कि प्रभावी रणनीतियों और तरीकों को खोजा जाए जिससे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके। आगे आपको बताएंगे आर्थिक सर्वेक्षण कौन से सुझाव हैं जिन्हें अपनाकर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से बिगड़ रहा है मानसिक स्वास्थ्य
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि बच्चों और किशोरों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल है, इसके लिए सोशल मीडिया ज्यादा जिम्मेदार है। सर्वे में यह भी बताया गया कि बच्चों की सेहत फोन के ज्यादा इस्तेमाल से भी बिगड़ रही है। युवा वर्ग भी सोशल मीडिया पर अपना ज्यादातर समय बिताता है, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी घट जाती है।
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खराब मानसिक स्वास्थ्य = धीमी आर्थिक वृद्धि
- सर्वेक्षण में चिंता जताई गई है कि मानसिक स्वास्थ्य का खराब होना न केवल समाज के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक है।
- खराब वर्क कल्चर और डेस्क पर ज्यादा समय बिताने जैसी आदतें मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं और आर्थिक विकास की गति को धीमा कर सकती हैं।
बेहतर वर्कप्लेस पर काम करने से सुधरता है मानसिक स्वास्थ्य
सर्वेक्षण में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बेहतर वर्कप्लेस पर काम करने से युवाओं की मानसिक सेहत सुधर सकती है। जीवनशैली की आदतें और परिवार की स्थिति भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
जंक फूड न खाने से सुधरता है मानसिक स्वास्थ्य
सर्वेक्षण के अनुसार, जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड या पैकेज्ड जंक फूड का कम सेवन करते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य उन लोगों की तुलना में बेहतर होता है, जो इसे नियमित रूप से ऐसी चीजों को खाते हैं।
ऐसे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है जो-
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं
- सोशल मीडिया पर कम समय बिताते हैं
- परिवार के करीब रहते
ऐसे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है जो-
- लंबे समय तक अपनी डेस्क पर बैठकर काम करते हैं
- सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते हैं
- परिवार से दूर रहते हैं
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपनों के करीब रहें
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि स्कूल और परिवार के स्तर पर ऐसे हस्तक्षेप जरूरी हैं, जो बच्चों को स्वस्थ गतिविधियों की ओर प्रेरित करें, जैसे कि-
- दोस्तों के साथ मिलना
- बाहर खेलना
- परिवार के साथ समय बिताना
इन तरीकों से युवा, किशोरों और बच्चों को इंटरनेट से दूर रखने और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी। अपनी जड़ों की ओर लौटना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
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