
How To Calm Anxiety In Hindi: हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी एंग्जाइटी का शिकार होता है। ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। बच्चा, वयस्क, युवा और बुजुर्ग व्यक्ति। ऐसा परीक्षा से पहले, इंटरव्यू के दौरान या किसी नई चीज की शुरुआत के पहले हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो एंग्जाइटी एक तरह से हेल्दी इमोशन है। एंग्जाइटी होने पर बॉडी आपको संकेत देता है कि आपको अपनी परेशानी या समस्या को डील करना है। इससे निपटने के लिए स्ट्रैटेजी बनाएं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो एंग्जाइटी से डील नहीं कर पाते हैं। लंबे समय तक एंग्जाइटी में रहना किसी न किसी तरह की समस्या खड़ी करता है। एंग्जाइटी की वजह से मन अशांत हो सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर निगेटिव असर पड़ता है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप एंग्जाइटी से डील करना आना चाहिए। इस लेख में सीनियर कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट (MD Psychiatry) डॉ. विजय पाठक से जानेंगे एंग्जाइटी से डील करेन के कुछ अहम तरीकों के बारे में।
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एंग्जाइटी का मतलब क्या है- What Is Anxiety In Hindi
मेयोक्लिनिक में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, "कभी-कभार एंग्जाइटी होना सामान्य है। यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक सामान्य हिस्सा है। लेकिन, कुछ लोगों के लिए एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर की तरह हो जाती है। इस तरह के लोग अक्सर एंग्जाइटी की वजह से बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं, अक्सर चिंतित रहते हैं और डर से जूझते रहते हैं। अगर किसी के साथ ऐसा बार-बार होता है, तो एंग्जाइटी एपिसोड कहा जाता है। ऐसा कुछ मिनटों के लिए हो सकता है या काफी लंबे समय तक रह सकता है। एंग्जाइटी की वजह से लोगों को पैनिक अटैक भी आ सकते हैं। जब एंग्जाइटी इस चरम पर पहंच जाए, तो व्यक्ति की नॉर्मल लाइफ बाधित होने लगती है। यहां तक कि उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ भी इफेक्टेड हो जाती है।"
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एंग्जाइटी से कैसे डील करें- Ways To Calm Your Mind During Anxiety In Hindi

रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं
अगर आपको अक्सर एंग्जाइटी की शिकायत रहती है, तो रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं। असल में, जब एंग्जाइटी होती है कि लोगों की सांस उखड़ने लगती है, मन बेचैन हो उठता है और कई शारीरिक लक्षण भी उभरने लगते हैं। इन्हें मैनेज करने के लिए रिलैक्सेशन तकनीक अपना सकते हैं। इससे सांसों की गति को कंट्रोल किया जा सकता है और मन को शांत रखने में मदद मिलेगी। इसमें ब्रीदिंग एक्सरासइज और योग शामिल होते हैं।
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ट्रिगर प्वाइंट को समझें
आखिर आपको एंग्जाइटी क्यों होती है? इसके पीछे क्या कारण हैं? कौन-सी बात बार-बार एंग्जाइटी को ट्रिगर क रही है। इस तरह की बातों को जानकर एंग्जाइटी से डील करने में मदद मिल सकती है। ट्रिगर प्वाइंट को समझने के लिए आपको अपने एंग्जाइटी पैटर्न को जानना होगा। इस तरह आप एंग्जाइटी से डील करने में सफल हो सकेंगे।
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दोस्तों से मदद लें

कई बार एंग्जाइटी का स्तर इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि समझ नहीं आता है कि इससे कैसे डील किया जा सकता है। इस तरह की कंडीशन में कभी-भी घर में अकेले न रहें। अपने दोस्तों से बातचीत करें। उन्हें अपनी परेशानी बताएं। इससे समस्या का समाधान भले न मिले, लेकिन मन शांत करने में मदद मिलेगी।
कहीं घूम आएं
जब एंग्जाइटी आपको बार-बार परेशान करे, तो घर में बंद रहने के बजाय कहीं घूम आना आपके मददगार हो सकता है। घूमने का मतलब है कि आसपास टहलने चले जाएं। इससे मन डाइवर्ट होता है और एंग्जाइटी भी दूर होती है।
डॉक्टर से संपर्क करें
अगर लगातार आपको एंग्जाइटी या पैनिक अटैक्स आते हैं, तो इसे हल्के में न लें। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से मिलें। अपनी समस्या बताएं। वे आपको रिलैक्स होने के कुछ तकनीक बताएंगे। साथ ही अगर जरूरत हो, तो कुछ मेडिसिन भी दे सकते हैं। इनकी मदद से एंग्जाइटी से डील करना आसान हो जाता है।
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