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रात के समय एंग्जाइटी क्यों बढ़ जाती है? साइकोलोजिस्ट से जानें इसके कारण

Why Does Anxiety Get Worse At Night In Hindi: रात के समय एंग्जाइटी बढ़ जाती है, क्योंकि व्यक्ति सोते समय अपनी परेशानियों पर अधिक केंद्रित होता है। इससे तनाव के शारीरिक भी उभरने लगते हैं।
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रात के समय एंग्जाइटी क्यों बढ़ जाती है? साइकोलोजिस्ट से जानें इसके कारण

Anxiety At Night In Hindi: एंग्जाइटी, जिसे हम हिंदी में तनाव कहते हैं। यूं तो तनाव एक स्वभाविक भाव है। किसी भी काम को लेकर, रिश्ते-नातों या फाइनेंशियल स्थिति के कारण तनाव हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो व्यक्ति तनाव की वजह से समस्याओं का समाधान करना सीखता है और धीरे-धीरे अपने आप को बेहतर बनाता है। लेनिक, जब तनाव का स्तर बढ़ने लगता है, तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। आपको बता दें कि तनाव होने पर डर, चिंता जैसे भाव व्यक्ति पर हावी होने लगते हैं। जब व्यक्ति इसे मैनेज कर लेता है, तो स्थिति सामान्य बनी रहती है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति इसे डील नहीं कर पाता है, तो उसके लिए रोजमर्रा के कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को मानना है कि रात के समय एंग्जाइटी के लक्षण अधिक नजर आते हैं। तो क्या वाकई ऐसा होता है? क्या सच में एंग्जाइटी के लक्षण रात के समय अधिक बढ़ जाते हैं? जानें, क्या कहते हैं एक्सपर्ट। (can anxiety get worse at night-)

क्या रात के समय एंग्जाइटी बढ़ जाती है?-Does Anxiety Get Worse At Night In Hindi

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क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी कहती हैं, "एंग्जाइटी के कई कारण हो सकते हैं, इसका जिक्र हम पहले ही कर चुके हैं। एंग्जाइटी का स्तर बढ़ने के पीछे ट्रॉमा, स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ कंडीशन भी जिम्मेदार होते हैं।" मगर जहां सवाल इस बात का है कि क्या वाकई रात के समय एंग्जाइटी का स्तर बढ़ जाता है? इस पर डॉ. अरविंद ओत्ता का कहना है, ‘यह सच है कि एंग्जाइटी का स्तर रात के समय अधिक बढ़ जाता है। एंग्जाइटी को मैनेज करने के लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर रात के समय एंग्जाइटी का स्तर क्यों बढ़ जाता है?’ डॉ. अरविंद ओत्ता का आगे कहना है, "वास्तव में, रात के समय लोगों का ध्यान अन्य कामों में नहीं लगता है। इस दौरान लोग अपने दिन भर की गतिविधियों के बारे में सोचते हैं और उसका विश्लेषण करते हैं। वहीं, जब कोइ व्यक्ति एंग्जाइटी का शिकार होता है, तो वह रात के समय अपनी चिंता पर अधिक फोकस्ड रहता है। वह अपनी समस्या पर अधिक जोर देता है, जबकि उसका समाधान नहीं तलाशता है।" डॉ. अरविंद ओत्ता आगे यह स्पष्ट करते हैं, "जब रात के समय व्यकित बिस्तर पर लेटा होता है, तो एंग्जाइटी का स्तर और भी बढ़ जा है। क्योंकि वह बिना डाइवर्ट हुए सिर्फ अपनी परेशानी के बारे में चिंतित रहता है। ऐसे में एंग्जाइटी का स्तर बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है।"

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रात के समय एंग्जाइटी का स्तर बढ़ने के कारण- Why Does Anxiety Get Worse At Night In Hindi

समस्या पर ध्यान केंद्रित होना

रात के समय एंग्जाइटी का स्तर इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि अक्सर लोगों का पूरा ध्यान उनकी समस्या पर केंद्रित होता है। वहीं, दिन के समय लोग अपने आसपास मौजूदा दोस्त-रिश्तेदारों से मिलते हैं, ऑफिस के कामकाज करते हैं या अन्य चीजों में इंवॉल्व रहते हैं। दिन की तुलना में रात के समय ध्यान भटकाना मुश्किल होता है। यही कारण है कि रात के समय एंग्जाइटी का स्तर बढ़ने लगता है।

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हार्मोनल बदलाव होना

रात के समय बार-बार अपनी चिंता पर फोकस करने के कारण हार्मोनल बदलाव भी होने लगते हैं। खासकर, रात के समय कोर्टिसोल का स्तर बदलने लगता है, जिससे एंग्जाइटी के स्तर में बढ़ने लगता है। ध्यान रखें कि कोर्टिसोल एक ऐसा हार्मोन है, जो तनाव पर प्रतिक्रिया करता है।

शारीरिक लक्षण उभरना

रात के एंग्जाइटी का स्तर बढ़ जाता है, शारीरिक लक्षणों से भी इसका पता चलता है। दरअसल, जब व्यक्ति बिस्तर पर लेटे हुए अपनी परेशानी के बारे में सोचता है, तो ऐसे में नींद नहीं आती, हार्ट रेट बढ़ने लगता है और मांसपेशियों में भी तनाव बढ़ने लगता है।

All Image Credit: Freepik

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