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आपके खानपान का आपके स्ट्रेस (तनाव) पर कैसे असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट से

हमारी डाइट तनाव के स्तर को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। जानें डाइट और स्ट्रेस में क्या कनेक्शन है।
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आपके खानपान का आपके स्ट्रेस (तनाव) पर कैसे असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट से

How Diet Affects Our Stress: आपने ध्यान दिया होगा जब हम स्ट्रेस में होते हैं, तो हमारी भूख पर भी असर पड़ता है। स्ट्रेस में कुछ लोगों को भूख बहुत ज्यादा लगती है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें भूख कम लगती है। हमारी डाइट स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद करती है। ये कई बायोकेमिकल और फिजियोलॉजिकल तरीकों से ब्रेन और बॉडी दोनों में बैलेंस बनाए रखती है। बैलेंस्ड डाइट लेने से कोर्टिसोल को रेगुलेट करने में मदद करती है, जो एक स्ट्रेस हार्मोन है। वहीं, अनहेल्दी डाइट लेने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है। लेकिन स्ट्रेस और डाइट एक दूसरे से कैसे कनेक्टेड है। इस बारे में जानने के लिए हमने फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल से मनोरोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ मीनाक्षी जैन से बात की।

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हमारी डाइट का स्ट्रेस लेवल पर क्या असर पड़ता है? Diet Impact on Our Stress Level

पोषक तत्वों की कमी हो सकती है

स्ट्रेस होने के कारण पोषक तत्वों की कमी के बीच संबंध पाया गया है। मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी की कमी होने से स्ट्रेस बढ़ सकता है। इसके कारण इरिटेशन और मूड स्विंग्स हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैग्नीशियम नर्वस सिस्टम को रेगुलेट करता है। वहीं, विटामिन बी न्यूरोट्रांसमीटर फंक्शन के लिए जरूरी होते हैं।

पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है

प्रोसेस्ड फूड और शुगर से भरपूर डाइट गट बैक्टीरिया को नुकसान कर सकती है। इस कारण बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ सकती है और स्ट्रेस डिसऑर्डर हो सकते हैं। लेकिन अगर आपका पाचन तंत्र स्वस्थ नहीं है, तो इससे आपको इरिटेशन हो सकती है और स्ट्रेस बढ़ सकता है।

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ब्लड शुगर और मूड पर फर्क पड़ सकता है

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ज्यादा खाने से ब्लड शुगर स्पाइक हो सकती है। इसके कारण थकावट और मूड स्विंग्स हो सकते हैं। लेकिन कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स ब्लड शुगर बैलेंस करने में मदद करते हैं। इससे बॉडी में एनर्जी रहती है और स्ट्रेस भी कम होता है।

एक्सपर्ट टिप्स

  • अगर आप डाइट में हरी सब्जियां, फैटी फिश, नट्स और साबुत अनाज शामिल करेंगे, तो इससे आपका स्ट्रेस लेवल कम होगा। इससे ओवरऑल मेंटल हेल्थ भी बूस्ट होगी। इससे डाइट और इमोशनल हेल्थ में भी बैलेंस बना रहेगा।
  • बॉडी में एंटीऑक्सीडेंट की कमी से मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर बढ़ सकते हैं। इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है और कई समस्याएं एक साथ हो सकती हैं।
  • फोलिक एसिड की कमी होने से डिप्रेसिव सिस्टम नजर आ सकते हैं। वहीं विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन और कई मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का खतरा बढ़ सकता है।

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लेख में हमने जाना स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट लेना क्यों जरूरी है। साथ ही, जाना किन पोषक तरवों की कमी से मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का खतरा बढ़ सकता है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।

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