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क्या वाकई पैर हिलाने से मिल स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होते हैं? डॉक्टर से जानें

आपने अक्सर लोगों को काम करते समय, बैठे हुए या किसी से बात करते हुए अनजाने में पैरों को हिलाते हुए देखा होगा। यहां जानिए, क्या पैरों को हिलाने से स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होती है?
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क्या वाकई पैर हिलाने से मिल स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होते हैं? डॉक्टर से जानें


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता आम समस्याएं बन गई हैं। लोग इनसे निपटने के लिए कई अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, जैसे मेडिटेशन, एक्सरसाइज, योग और एक्सपर्ट की सलाह आदि। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बार-बार पैर हिलाने की आदत भी तनाव और चिंता को कम कर सकती है? कई लोग इसे केवल एक आदत मानते हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह कुछ मामलों में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसके नकारात्मक पहलू भी हैं, जैसे कि यह किसी अन्य व्यक्ति को परेशान कर सकता है या आत्मविश्वास की कमी का संकेत दे सकता है। इस लेख में धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. गौतम अरोड़ा (Dr Gautam Arora, consultant - Neurology, Dharamshila Narayana Superspeciality Hospital) से जानिए, क्या वाकई पैर हिलाने से स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होते हैं?

पैर हिलाने की आदत क्या है? - Why Do People Have A Habit Of Shaking Leg

पैर हिलाना (Leg Shaking) एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है, जिसे कई लोग अनजाने में करते हैं। यह आदत अक्सर तब देखी जाती है जब व्यक्ति किसी गहरी सोच में होता है, तनावग्रस्त होता है या नर्वस महसूस करता है।

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क्या पैर हिलाने से तनाव और चिंता कम हो सकती है? - Can Leg Shaking Help With Managing Stress and Anxiety

पैर हिलाना या फिजेटिंग, तनाव और चिंता की एक सामान्य अवचेतन प्रतिक्रिया है। यह शारीरिक रूप से तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित कर सकता है, जिससे अस्थायी राहत (Is shaking good for anxiety) मिलती है। जब हम तनाव महसूस करते हैं, तो हमारी ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है और इसकी एक सामान्य प्रतिक्रिया पैर हिलाना या शरीर को हिलाना होता है। हालांकि यह तात्कालिक राहत दे सकता है, परंतु यह एक स्थायी समाधान नहीं है।

Stress and Anxiety

पैर हिलाने का फिजियोलॉजिकल प्रभाव - Physiological Effects Of Leg Shaking

पैर हिलाने ने से कुछ तत्काल लाभ हो सकते हैं। यह नर्वस एनर्जी को बाहर निकालने, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है, जिससे अस्थायी राहत मिलती है। जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारे शरीर में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल, का लेवल बढ़ जाता है। कम समय के लिए, लगातार पैर हिलाने से इस हार्मोन का स्तर घट सकता है और इससे कुछ समय के लिए ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है। इससे अस्थायी रूप से फोकस बढ़ सकता है और तनाव कम हो सकता है। हालांकि, यह उपाय लंबे समय तक के तनाव से राहत के लिए पर्याप्त नहीं है।

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तनाव को कैसे मैनेज किया जाता है? - How To Manage Stress

डॉ. गौतम अरोड़ा बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय से ज्यादा तनाव महसूस हो रहा है, तो उसे केवल पैर हिलाने जैसे अस्थायी उपायों से राहत नहीं मिलेगी। तनाव और चिंता को प्रभावी तरीके से मैनेज करने के लिए प्रमाण-आधारित तरीके, जैसे गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, माइंडफुलनेस, नियमित फिजिकल एक्टिविटी और संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (CBT) अधिक (How to reduce stress) प्रभावी हैं। इन तरीकों से मानसिक स्थिति को बेहतर तरीके से और लंबे समय तक कंट्रोल किया जा सकता है। लगातार अगर कोई व्यक्ति तनाव में रहता है तो इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है, ऐसे में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

निष्कर्ष

पैर हिलाना अस्थायी राहत दे सकता है, लेकिन यह तनाव को मैनेज करने का सही तरीका नहीं है। इसके बजाय, तनाव और चिंता को मैनेज करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें और साथ ही फिजिकल एक्टिविटी और योग आदि का सहारा लें।

All Images Credit- Freepik

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