बच्चों पर अगर शुरुआत से ही ध्यान न दिया जाए, तो उनमें कुछ गंदी आदतें घर कर लेती हैं। जैसे कि नाखून खाना, सिर पटकना, दांत पीसना, हाथ और पैरों को बेवजह हिलाना आदि। पर साइंस इसे किसी और नजर से देखता है और इसकी भाषा में इसे स्टिमिंग (Stimming)कहता है। स्टिमिंग मतलब होता है कि कोई ऐसी गतिविधि जिसे आप बिना सोचे समझे लगातार करते जाएं। पर ये गतिविधियां आदत बनने में एक लंबा समय लेती है, इसलिए जरूरी है कि समय रहते ही इसकी पहचान की जाए और इस पर कंट्रोल किया जाए। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बताएंगे जिसकी मदद से आप अुने बच्चों में स्टिमिंग (Stimming)वाली मूवमेंट्स या गतिविधियों को कम कर सकते हैं। पर आइए सबसे पहले समझते हैं कि क्या है स्टिमिंग (Stimming)और लोग इसे क्यों करते हैं।
क्या है स्टिमिंग (Stimming)?
स्टिमिंग, स्वयं-उत्तेजक व्यवहारों को संदर्भित करता है, जिसमें आमतौर पर दोहरावदार मूवमेंट्स या ध्वनियों को शामिल किया जाता है। इसे करने वाला व्यक्ति इसे क्यों करता है, उसे ये खुद भी मालूम नहीं होता है। पर बच्चों में इस आदत को ऑटिज्म से जोड़ कर देखा जाता है, जो कि न्यूरल गतिविधियों से जुड़ा हुआ विकार है। इस दौरान लगभग हर कोई आत्म-उत्तेजक व्यवहार के किसी न किसी रूप में संलग्न होता है। पर आम तौर पर इसे आप इन हरकतों के रूप में पहचान सकते हैं। जैसे कि
- नाखून खाना
- अपने बालों को घुमाना
- पैर हिलाना
- हाथों को हिलाना
- उंगलियां चटकाना
- चुटकी बजाना इत्यादि।
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हालांकि इसके कारणों की बात करें, तो ज्यादातर लोग इसे तनाव दूर करने के लिए करते हैं। वहीं कुछ लोग ये सोचने के दौरान करते हैं और उन्हें ये पता भी नहीं होता कि वो वैसा कर रहे हैं और वो इसे करते जाते हैं। ऐसे में जरूरी है आप अपने बच्चों में ये आदत आने से पहले उस पर काबू करें। वो कैसे आइए हम आपको बताते हैं।
बच्चों में कैसे कंट्रोल करें स्टिमिंग?
नाखून खाने और चुटकी बजाते समय हाथ पर मारे या डांटे
बच्चों को अगर आपको इन गतिविधियों को करने से रोकना है आपको उन पर रिएक्ट करना होगा, वो भी उसी वक्त जब वो इस काम को कर रहे हों। दरअसल बच्चे अक्सर नाखून पढ़ते सनय या टीवी देखते समय चबाते हैं। ऐसे में आपको तुंरत बिना कुछ बोले उनके हाथों पर मारना चाहिए या तेज से डांटे। आपकी इस गतिविधि का उस पर गहरा असर होगा और वो डर जाएगा और आपके सामने ये नहीं करेगा। इस तरह धीमे-धीमे उसकी ये आदत ठीक हो जाएगी।
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पैर हिलाने पर तुरंत टोक दें
आपका बच्चा जैसे ही कहीं बैठे और पैर हिलाने लगे उन्हें तुरंत टोक दें। इस तरह बार-बार आपका ऐसा करना उन्हें इस तरह की गतिविधियों को करने से रोकेगा। वहीं आप जब भी उन्हें स्ट्रेस में देखें और वो इसे कर रहे हों उनसे बैठकर बात करें और उनका ध्यान बांटने की कोशिश करें।
इसी तरह अगर आपका बच्चा उंगलियां चटकाने की आदत रखता है या अपने बालों के साथ खेलता है, तो बार-बात पर उन्हें टोक दें और समझाएं कि उन्हें ये नहीं करना चाहिए। आगे जाकर ये उनकी आदत बन जाएगी और उनकी पर्सनालिटी का हिस्सा बन जाएगी। तो आगे भी उनकी पर्सनालिटी को हमेशा डेवलप करने के लिए उननें अच्छी आदतों का विकास करें। साथ ही शुरु से ही टेंशन फ्री और स्टेस मैनेजमेंट करने के लिए उन्हें योग करने की सलाह दें।
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