छोटे बच्चों के लिए कितना जरूरी है आयरन? एक्सपर्ट से जानें आयरन की कमी से होने वाली परेशानियां और जरूरी बातें

नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में आयरन की कमी कितनी खतरनाक हो सकती है और बच्चों में आयरन की कमी कैसे पूरी की जा सकती है, जानें डॉक्टर से।
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छोटे बच्चों के लिए कितना जरूरी है आयरन? एक्सपर्ट से जानें आयरन की कमी से होने वाली परेशानियां और जरूरी बातें

आयरन शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। नवजात शिशु से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक सभी को स्वस्थ रहने के लिए एक निश्चित मात्रा में रोजाना आयरन की जरूरत होती है। ये जरूरी आयरन खाने-पीने की चीजों से मिलता है। भारतीय महिलाओं में आयरन की बहुत ज्यादा कमी देखी जाती है। चूंकि गर्भ में पल रहे शिशु की सभी जरूरतें उसकी मां के द्वारा पूरी की जाती हैं, इसलिए कई बार नवजात शिशुओं में आयरन की कमी देखी जाती है। शिशुओं के लिए आयरन कितना जरूरी है और बच्चों में इसकी कमी कैसे पूरी की जा सकती है, इस बारे में ओनलीमायहेल्थ ने Batra Hospital दिल्ली के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टैंट डॉ. शालिनी पाण्डेय से बातचीत की है। आइए उन्हीं से जानते हैं कितना जरूरी आयरन माइक्रोन्यूट्रिएंट।

iron deficiency in children

बच्चों के लिए आयरन क्यों जरूरी है? (Importance of Iron for Babies and Kids)

डॉ. शालिनी बताती हैं कि आयरन ब्लड हीमोग्लोबिन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयरन की मदद से ही शरीर के सभी हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचती है। आयरन बच्चों के ब्रेन और आईक्यू (IQ) के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। आमतौर पर 6 से 8 महीने की उम्र तक शिशु को जितने आयरन की जरूरत होती है, वो उसके बॉडी में पहले से स्टोर होता है। हालांकि ब्रेस्ट मिल्क में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, लेकिन अगर शिशु में इसकी कमी है, तो फार्मूला मिल्क से भी इसकी कमी पूरी की जा सकती है। लेकिन आमतौर पर 6 से 8 महीने की उम्र तक शिशु को अलग से आयरन वाले फूड्स की जरूरत नहीं होती है, इसलिए शिशु के लिए मां का दूध ही पर्याप्त है।

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बच्चे को अलग से आयरन की जरूरत कब से पड़ती है? (Need of Iron for Choldren)

शिशु को अलग से आयरन वाले फूड्स खिलाने की जरूरत आमतौर पर 6 से 8 महीने की उम्र के बाद पड़ती है। इस समय में शिशु को आयरन की कमी पूरी करने के लिए आयरन से भरपूर फल, सब्जियां या ड्राईफ्रूट्स खिला सकते हैं और आयरन फोर्टिफाइड फूड्स भी खिला सकते हैं।  

शिशु में आयरन की कमी से क्या परेशानियां हो सकती हैं? (Side Effects of Iron Deficiency in Babies and Children)

शिशुओं में आयरन की कमी से उन्हें एनीमिया हो सकता है यानी खून की कमी हो सकती है। इसके अलावा उनके न्यूरो-कॉग्नेटिव डेवलपमेंट में बाधा आ सकती है, जिससे उनके सीखने, समझने और सोचने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसलिए दिमागी रूप से तेज बच्चे के विकास के लिए जरूरी है कि जन्म से ही उसे पर्याप्त आयरन मिलता रहे, खासकर दिमाग के डेवलपमेंट की स्टेज में।

बच्चों को आयरन की कमी पूरी करने के लिए क्या खिलाएं? (Iron Rich Foods For Children)

आयरन के नैचुरल स्रोतों में सभी प्रकार की दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, राजमा, काजू, किशमिश, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज, चिकन, अंडे, गुड़, चॉकलेट, मीट, ओट्स आदि शामिल हैं। अपने 6 महीने से बड़े बच्चे को जब आप सॉलिड फूड्स देना शुरू करते हैं, तो उन्हें ये फूड्स खिला सकते हैं।
ध्यान रखें कि गाय के दूध को भी आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है। मगर 1 साल से कम उम्र के बच्चे को गाय का दूध देना सुरक्षित नहीं है, इसलिए गाय के दूध से उसकी आयरन की कमी न पूरी करें।

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क्या ज्यादा आयरन का सेवन भी नुकसानदायक है? (Side Effects of Too Much Iron)

किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन करना नुकसानदायक होता है इसलिए अधिक आयरन के भी दुष्प्रभाव हैं। जैसे- आयरन अधिक होने से शिशु को पेट की समस्याएं हो सकती हैं। शिशु के मल का काला या गाढ़े रंग का होना इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे जरूरत से ज्यादा आयरन दे दिया गया है।

मार्केट में बच्चों के लिए मिलने वाले आयरन सप्लीमेंट्स उन्हें दे सकते हैं? (Iron Supplements and Tablets Need)

बाजार में बच्चों के लिए आयरन फोर्टिफाइड फूड्स, ड्रॉप्स, सिरप, टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर आदि उपलब्ध हैं। लेकिन इन्हें सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह लेकर ही शिशु को दिया जाना चाहिए। अलग-अलग आयरन के सोर्स की अलग-अलग बायोअवेलिबिलिटी होती है। इसलिए शिशु को आयरन की कमी पूरी करने के लिए क्या खिलाना है, ये डॉक्टर ही तय कर सकता है। इसके अलावा अलग-अलग चीजों के सेवन से जुड़ी कुछ सावधानियां भी है, जो डॉक्टर ही स्पष्ट कर पाएगा।

यह आर्टिकल Batra Hospital दिल्ली के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टैंट डॉ. शालिनी पाण्डेय से बातचीत पर आधारित है।

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