बच्चों में 5 प्रकार के त्वचा संबंधी समस्याएं, जिनके बारे में माता पिता को पता होना चाहिए

क्या आप बच्चे की त्वचा संबंधी समस्याओं से अवगत हैं?  बच्चों में होने वाली आम त्वचा संबंधी बीमारियों को जानिए विस्तार से।
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बच्चों में 5 प्रकार के त्वचा संबंधी समस्याएं, जिनके बारे में माता पिता को पता होना चाहिए


बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता इसलिए उनकी त्वचा भी बहुत संवेदनशील होती है। जिस कारण बच्चे की त्वचा जल्दी संक्रमण पकड़ती है। लेकिन हर संक्रमण खतरनाक नहीं होता कुछ संक्रमण स्वयं ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ संक्रमण के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी होता है। कुछ स्किन संबंधी समस्याएं देखने में एक सी लगती हैं लेकिन उनके लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं। इसलिए भी जरूरी है कि बच्चों में होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं की पर्याप्त जानकारी होना। ताकि समय पड़ने पर उसका सही उपचार किया जा सके। तो जानिए ऐसी ही 5 आम समस्याएं।

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चिकन पॉक्स की बीमारी

यह बच्चों में अब ज्यादा प्रचलित नहीं है क्योंकि चिकन पॉक्स की दवाइयों ने इस बीमारी की रोक थाम करने में बहुत सहायक साबित हुई हैं। यह एक संक्रामक रोग है जो बड़ी जल्दी फैलता है। जिस बच्चे को चिकन पॉक्स हो जाता है उसके पूरे शरीर पर लाल रंग के पानी भरे दाने व रैश हो जातीं हैं। जिन में बहुत खुजली होती है। यह दाने सूख कर फट जाते हैं। यह रोग बहुत ही गंभीर हो सकता है। इसलिए सभी बच्चों को चिकन पॉक्स की दवा वैक्सीनेशन कार्ड के अनुसार देनी चाहिए।

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डायपर रैश आम समस्या

बच्चे की त्वचा अति संवेदनशील होने के कारण जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए अधिकांश बच्चों में डायपर या लंगोट के कारण प्रभावित हो जाना एक आम समस्या है।  बच्चे के कूल्हे, पिछवाड़े या जननांगों पर लाल रंग के निशान हो जाते हैं। यानी कि वहां की त्वचा लाल हो जाती है। इसका कारण डायरिया व कुछ नया खान पान व कुछ तरह की एंटी बायोटिक्स हो सकती हैं। यह छोटे बच्चों में बहुत ही सामान्य है। ऐसे में बच्चे की स्किन पर रैश, बारीक दाने और छिली छिली सी त्वचा दिखाई देती है। इस दौरान  बच्चे का खास ख्याल रखना होता है। उस भाग पर किसी तरह की डॉक्टर द्वारा सुझाई क्रीम या जैल भी लगा सकते हैं।

मस्सों की समस्या

इस में बच्चों  की त्वचा पर एक्स्ट्रा ग्रोथ होने लगती है। जो आम तौर पर नुक़सान दायक नहीं होती है। इसमें दर्द भी नहीं होता है। परन्तु यह एक बच्चे से दूसरे बच्चे में बहुत तेजी से फैलती है। यह एक वायरल बीमारी है और खासकर जो बच्चे स्विमिंग पूल या सार्वजनिक स्थान पर एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, उनके द्वारा फैलती है। इसलिए यदि किसी बच्चे ने उस वायरस से संक्रमित किसी चीज को भी छू लिया तो उसे भी यह रोग होने का खतरा होता है। यदि आप चाहते हैं कि यह आप के बच्चे के पूरे शरीर में न फैले तो आप को उन्हें नाखून न चबाने के लिए बोलना होगा। इस तरह के मस्सों को बैंडेज़ से कवर करें।

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खसरा एक गंभीर बीमारी

यह एक खतरनाक वाइरल इंफेक्शन है। जो बच्चों के लिए आम तौर पर खतरनाक तो होता है परंतु दवाइयों के द्वारा ठीक भी बड़ी जल्दी से हो जाता है। यह रोग खांसते या छींकते समय ड्रॉप लेट्स से फैलता है। इस में बच्चे के गालों पर सफेद रंग के छोटे छोटे निशान होते हैं जो बाद में बड़े व लाल रंग के हो जाते है। बुखार व जुखाम भी इसके लक्षण  हैं। यह दाने वायरस होने के लगभग 14 दिन बाद दिखते हैं और ऊपर से नीचे की ओर बढ़ते हैं। विटामिन या पोषण की कमी या फिर कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण बच्चे जल्दी इस रोग को पकड़ते हैं।

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एग्जिमा की समस्या

यदि आप के बच्चे को एग्जिमा है तो हो सकता है उस को अस्थमा व अन्य एलर्जी भी हों। इसके पीछे का कारण बच्चों का कमजोर इम्यून सिस्टम हो सकता है। इस समस्या में बच्चे की त्वचा पर लाली व खुजली हो जाती है। कुछ बच्चों की त्वचा जन्म से ही बहुत संवेदनशील होती हैं। इसीलिए कुछ खास चीजों जैसे कि कपड़े या साबुन से जल्दी एलर्जी पकड़ते हैं। अधिकांश बच्चों में एटोपिक एग्जिमा देखने को मिलती है।

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