Viral Pneumonia Cause Symptoms and Prevention Tips: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मौसम बदल रहा है। मौसम में बदलाव के साथ ही छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां देखी जा रही हैं। मौसम बदलने के साथ ही कई बच्चों में वायरल निमोनिया (Viral Pneumonia) का खतरा भी बढ़ता है। वायरल निमोनिया एक वायरल संक्रमण के कारण होता है, जो फेफड़ों में सूजन पैदा करता है। वायरल निमोनिया के कारण छोटे बच्चों में सांस लेने में परेशानी जैसी परेशानी भी देखी जाती है।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको वायरल निमोनिया के बारे में बताने जा रहे हैं। वायरल निमोनिया क्या होता है (What is Viral Pneumonia), वायरल निमोनिया के लक्षण क्या हैं, इस विषय पर लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है।
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वायरल निमोनिया क्या है?- What is Viral Pneumonia
डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, वायरल निमोनिया वायरस के कारण होने वाला फेफड़ों का संक्रमण है। इससे बच्चों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। बदलते मौसम और सर्दी में होने वाले वायरल निमोनिया में अक्सर खांसी, बुखार, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
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वायरल निमोनिया के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Viral Pneumonia
- लगातार खांसी जो दिन बढ़ने के साथ और ज्यादा होती है
- खासकर खांसते समय या गहरी सांस लेते समय छाती में दर्द
- तेज या सांस लेने में परेशानी होना
- बुखार या ठंड लगना
- होंठ या नाखून नीले पड़ना
- कफ में बलगम आना और कभी-कभी उसका रंग बदलना
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अगर आपको अपने बच्चों में यह लक्षण 4 या 5 दिन से ज्यादा दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करके बच्चे का इलाज करवाएं।
रोकथाम के सुझाव- How to Prevenet Viral Pneumonia
बदलते मौसम में वायरल निमोनिया और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव करने के लिए आप नीचे बताए गए उपायों को अपना सकते हैंः
1. सफाई का रखें ध्यान
वायरल निमोनिया के ज्यादातर मामले सही तरीके से सफाई न करने के कारण होते हैं। बच्चों में कीटाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए बार-बार हाथ धोना सिखाएं। साबुन और पानी अगर मौजूद नहीं है, तो बच्चों के हाथों को सेनेटाइज करें।
2. भीड़ से बनाएं दूरी
वायरल निमोनिया के वायरस से बचने के लिए बच्चे को अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ले जाने से बचें। जहां तक संभव हो बच्चे को घर के अंदर ही रखने की कोशिश करें।
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3. फ्लू का टीका
छोटे बच्चों का नियमित तौर पर टीकाकरण करवाएं। बदलते मौसम में बच्चों को फ्लू का टीका जरूर लगावाएं। टीका फ्लू से संबंधित निमोनिया के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
4. स्वस्थ आहार
बच्चों के खाने में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन को शामिल करें। स्वस्थ्य आहार बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है और किसी भी संक्रमण से जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
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5. खांसी या छींकने पर सावधानी
बच्चों को सिखाएं कि खांसते या छींकते समय मुंह को ढके, ताकि संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो।
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वायरल निमोनिया होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं?
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि वायरल निमोनिया के लक्षण अगर लंबे समय तक बनें रहते हैं और वक्त के साथ लक्षण बढ़ते हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में इसका इलाज करवाएं।
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