मेरा बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है क्या करूं? 10 से 12 दिन बीतते नहीं है ये कि मेरा बच्चा दोबारा से खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ जाता है? मैं अपने बच्चे को लगातार सही खाना-पीना और सप्लीमेंट भी दे रही हूं, इसके बावजूद वो बीमार क्यों पड़ रहा है? क्या मुझको अपने बच्चे का ब्लड टेस्ट करवाने की जरूरत है? क्या बच्चे का बार-बार बीमार पड़ना किसी गंभीर परेशानी का कारण तो नहीं है? ये लाइनें आजकल हर मां की जुबान पर है। क्योंकि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मौसम बदल रहा है। बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है। इसके कारण बच्चों को बार-बार सर्दी, खांसी, बुखार और शरीर में दर्द की समस्या हो रही है। बार-बार बीमार पड़ने वाले बच्चों को पेरेंट्स कम समय पर दवा देकर परेशान हो रहे है।
लखनऊ के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद के पास भी इन दिनों बच्चों की सर्दी-खांसी से जुड़े मामले ज्यादा आ रहा है। डॉ. तरुण का कहना है कि बच्चों को होने वाली इस तरह की समस्या में पेरेंट्स को घबराने की बजाय धैर्य से काम लेना चाहिए और समझना चाहिए कि यह सिर्फ मौसम के कारण हो रहा है। डॉक्टर तरुण की मानें तो छोटे बच्चों को होने वाली इस तरह की समस्या में कुछ घरेलू नुस्खों से भी राहत पाई जा सकती है।
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1. हाइड्रेटेड रखें
सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या में अक्सर बच्चों की जुबान का टेस्ट कड़वा हो जाता है। कड़वे टेस्ट की वजह से बच्चे पानी और अन्य प्रकार के तरल पदार्थों का सेवन करने से बचते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो इससे बचें। बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पिलाएं। अगर बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है, तो उसे स्तनपान या बोतल से कम-कम अंतराल के बीच पानी पिलाएं। इस तरह की प्रक्रिया को अपनाने से बच्चे का शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और बीमारी के दौरान होने वाली परेशानियां कम होगी।
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2. हवा को नम करें
डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, सर्दी-खांसी की परेशानी में अक्सर बच्चों को गले में खराश और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बच्चे को इस तरह की समस्या से बचाने के लिए कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो बच्चे को गर्म पानी की भाप भी दे सकते हैं।
3. सैलाइन ड्रॉप्स और सक्शन
नाक की भीड़ को धीरे-धीरे साफ करने के लिए सैलाइन नेजल ड्रॉप्स और बल्ब सिरिंज का इस्तेमाल करें। सैलाइन ड्रॉप्स के इस्तेमाल से बच्चे को गले की खराश की समस्या से राहत मिलती है और सर्दी-खांसी की परेशानी कम होती है।
4. दवा का इस्तेमाल न करें
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या होने पर बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का इस्तेमाल न करें। बिना डॉक्टरी सलाह के दवा देने से बच्चे की समस्या कम होने की बजाय बढ़ सकती है। अगर आपका बच्चा बीमारी के दौरान एक्टिविटी कम करता है, तो डॉक्टर से बात करें।
अगर सर्दी कुछ दिनों से ज्यादा रहती है या आपको तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ या असामान्य व्यवहार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
Image Credit: Freepik.com
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