नए पेरेंट्स के लिए नवजात शिशुओं को सुलाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। कई बार देखा जाता है कि पेरेंट्स नवजात शिशु को आराम के लिए गोद में सुलाते हैं, लेकिन जैसे ही उसे बिस्तर पर लेटाने की कोशिश करते हैं, वह जग जाता है और रोने लगता है। लखनऊ के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि सही समय पर और सही तरीके से शिशु को सुलाने से न केवल उनकी नींद बेहतर होती है, बल्कि यह उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि आप इस प्रक्रिया में अक्सर परेशान होते हैं, तो डॉ. तरुण द्वारा शेयर की गई गाइडलाइन्स को फॉलो कर सकते हैं। इस गाइडलाइन को फॉलो करने से नवजात शिशुओं की नींद को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
1. सोने का समय फिक्स करें
नवजात शिशुओं को हर दिन एक ही समय पर सुलाने की आदत डालें। एक निश्चित रूटीन उनके शरीर के बायोलॉजिकल क्लॉक को नियमित करने में मदद करता है। सोने और जागने का तय समय उन्हें जल्दी और गहरी नींद लेने में मदद करेगा।
2. एक रूटीन बनाएं
नवजात शिशुओं को सुलाने से पहले एक नियमित रूटीन बनाना बहुत जरूरी है। यह रूटीन बच्चों को मानसिक तौर पर सोने के लिए तैयार करता है, तो उनमें चिड़चिड़ापन को कम करता है। सबसे पहले हल्के गर्म पानी से नहलाएं, नहलाने के बाद हल्के हाथों से मालिश करें और बाद में बाहों में भरकर लोरी सुनाएं।
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3. माहौल बनाएं
शिशुओं को सुलाने के लिए एक शांत, कम रोशनी वाला कमरा तय करें। ध्यान रहे कि कमरे में तेज रोशनी या शोरगुल न हो। छोटे बच्चों के बिस्तर पर भारी तकिए, कंबल या खिलौने न रखें, ताकि वे सुरक्षित रहें।
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4. आराम से लेटाने की कोशिश करें
गोद से नवजात शिशुओं को बिस्तर पर सुलाने के लिए सबसे पहले उसे हल्के हाथों से लेटाने की कोशिश करें। बाद में सिर को हाथों से सपोर्ट करके लेटाएं। अगर आपको लगता है कि बच्चा बिस्तर पर लेटाने से उठ रहा है, तो 5 से 7 मिनट उसके बगल में ही लेट जाएं और जब वो गहरी नींद में सो जाए, तो आप उठ जाएं।
5. धैर्य रखने की कोशिश करें
हर बच्चा अलग होता है। कुछ बच्चे जल्दी सो जाते हैं, तो कुछ को सुलाने में अधिक समय लगता है। ऐसे में धैर्य रखना जरूरी है। पेरेंट्स होने के नाते आपको शांति रखने की जरूरत होती है।
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शिशु की नींद में आने वाली रुकावटों का समाधान करें?
अगर बच्चा बार-बार रात में जागता है या रोता है, तो इसके कारण को समझने की कोशिश करें।
- क्या उसे भूख लगी है?
- क्या वह ठंड या गर्मी महसूस कर रहा है?
- क्या उसे किसी शारीरिक तकलीफ की समस्या है?
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निष्कर्ष
बच्चे को सुलाना के लिए सही प्रक्रिया और गाइडलाइन्स का पालन करें। एक शांत और प्यार भरे माहौल में सोने की आदत डालने से न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि माता-पिता की भी दिनचर्या आसान बनेगी।
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