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नवजात शिशुओं को हो सकती हैं आंखों से जुड़ी ये 5 समस्याएं, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि शिशु की आंखों की सफाई का सही तरीके से ध्यान न रखा जाए, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है।  
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नवजात शिशुओं को हो सकती हैं आंखों से जुड़ी ये 5 समस्याएं, जानें लक्षण और बचाव के तरीके


Common Eye Problems in newborn babies Signs And prevention: बच्चे के जन्म के साथ पेरेंट्स पर कई तरह की जिम्मेदारियां आ जाती हैं। बच्चे को दूध पिलाने, मालिश, सफाई और गंदगी को भी साफ करना पेरेंट्स की ही ड्यूटी होता है। जन्म के साथ जितना शिशु का शरीर जितना छोटा होता है, अगर उसका सही तरीके से ध्यान न रखा जाए, तो उतनी बड़ी बीमारी जन्म ले सकती है। हालांकि जब बात बीमारियों की आती है, तो ज्यादातर पेरेंट्स हाथ, पैर और प्राइवेट पार्ट की सफाई का ध्यान रखते हैं। बहुत ही कम पेरेंट्स ऐसे होते हैं, जिनका ध्यान नवजात शिशु की आंखों की सफाई पर जाता है।

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस करने वाले बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि शरीर के बाकी अंगों की तरह आंखों की सफाई भी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, नवजात शिशु को आंखों से जुड़ समस्या हो सकती है। आज इस लेख में हम नवजात शिशु को होने वाली आंखों से जुड़ी 5 समस्याओं के लक्षण और बचाव के तरीके बताने जा रहे हैं।

नवजात शिशु को होने वाली आंखों से जुड़ी 5 समस्याएं - Common Eye Problems in newborn babies 

डॉ. तरूण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके, नवजात शिशु को होने वाली आंखों से जुड़ी 5 समस्याओं की जानकारी दी है।

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1. कंजंक्टिवाइटिस

आंखों में होने वाले संक्रमण, जलन और आंसू की नली को बंद होने की समस्या को कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है। कंजंक्टिवाइटिस के कारण शिशु की आंखों में कई तरह की असुविधा हो सकती है, जिसकी वजह से वह चिड़चिड़ा हो जाता है। कंजंक्टिवाइटिस में आंखों से पानी आना और चिपचिपा स्राव जैसे लक्षण नजर आते हैं। शुरुआती दौर में यह समस्या खुद से ठीक हो जाती है, लेकिन इसका इलाज कराना जरूरी है। डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि कंजंक्टिवाइटिस की समस्या गंदगी के कारण होती है, इसलिए नवजात शिशु की आंखों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

2. नासा लैक्रिमल डट ऑब्स्ट्रक्शन

नासा लैक्रिमल डट ऑब्स्ट्रक्शन की समस्या में नवजात शिशु की आंखों से लगातार पानी और किचड़ आता है। पेरेंट्स आंखों के पानी को साफ करते हैं, लेकिन यह समस्या लगातार बनी रहती है। डॉक्टर के अनुसार नासा लैक्रिमल डट ऑब्स्ट्रक्शन की समस्या आंखों और नाक के बीच नसों में ब्लॉकेज के कारण होती है। इस समस्या को हल्के हाथों की मसाज से ठीक किया जा सकता है।

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3. क्रॉस्ड आईज प्रॉब्लम (भेंगापन)

नवजात शिशु में क्रॉस्ड आईज की समस्या बहुत ही आम है। जन्म के साथ जब तक शिशु के आंखों की मांसपेशियां मजबूत नहीं होती है, तब पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि बच्चा हल्का तिरक्षा देख रहा है। नवजात शिशु को अगर यह 6 महीने से ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

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4. जन्मजात मोतियाबिंद

जन्मजात मोतियाबिंद का मतलब है कि यह जन्म से पहले या बच्चे के जीवन के पहले वर्ष के दौरान होता है। जन्मजात मोतियाबिंद वाले बच्चे की एक या दोनों आंखों से हल्का धुंधला नजर आ सकता है। पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि नवजात शिशु को ध्यान केंद्रित करने या किसी चीज को पहचनाने में मुश्किल आ रही है, तो इसे गंभीरता से लें। इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।

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5. गुलाबी आंखें

जन्म के बाद गुलाबी आंखों की समस्या नवजात शिशुओं में बहुत ही आम है। इस समस्या में आंखों में संक्रमण या जलन के कारण लालिमा और सूजन हो सकती है। 

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डॉ. तरूण आनंद का कहना है नवजात शिशुओं की आंखों की सफाई बहुत जरूरी है, ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की आंखों की समस्या न हो। जिन पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि उनके शिशुओं की आंख या शरीर के किसी भी हिस्से में कोई समस्या है, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें और उनकी सलाह के अनुसार ही काम करें।

Image Credit: Freepik.com

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